ढाई लाख रुपये प्रति किलोग्राम का ऐतिहासिक स्तर छूने के बाद 29 दिसंबर को चांदी में भारी गिरावट आ गई. सोमवार को सिर्फ एक घंटे में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर मार्च चांदी वायदा 21,000 रुपये गिरकर 2 लाख 33 हजार 120 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया. यह पहला मौका है जब चांदी में किसी एक कारोबारी दिन में इतनी बड़ी गिरावट आई है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस भारी गिरावट से पहले आज ही चांदी की कीमत 2 लाख 54 हजार 174 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी. यानी चढ़ने और गिरने के दोनों ऐतिहासिक रिकॉर्ड एक ही दिन बने.
चांदी में एक ही दिन में 21000 रुपये की गिरावट कैसे आ गई?
29 दिसंबर को एक घंटे में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर मार्च सिल्वर वायदा 21,000 रुपये गिरकर 2 लाख 33 हजार 120 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया. यह पहला मौका है जब चांदी में किसी एक कारोबारी दिन में इतनी बड़ी गिरावट आई है.
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MCX भारत का प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज है. इस एक्सचेंज में सोना, चांदी, कॉपर, कच्चा तेल जैसी कई कमोडिटी खरीदी और बेची जाती हैं. जिस तरह से शेयर मार्केट (BSE, NSE) में शेयरों की खरीद-फरोख्त होती है वैसे यहां कमोडिटीज की ट्रेडिंग होती है. वहीं, वायदा यानी Futures Contract में किसी निश्चित तारीख पर कोई वस्तु कितने में खरीदी या बेची जाएगी यह तय होता है.
MCX में अगर किसी कमोडिटी में उतार-चढ़ाव से स्पॉट मार्केट (सर्राफा बाजार) में किसी सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का अंदाजा मिलता है.
भारत में चांदी के दाम गिरने की वजह ये है कि इंटरनेशनल मार्केट में चांदी की कीमतों में भारी गिरावट आई है. इंटरनेशनल मार्केट में चांदी का भाव 75 डॉलर प्रति औंस के नीचे लुढ़क गया है. इसके पहले इंटरनेशनल मार्केट में पहली बार चांदी का भाव 80 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गया था.
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चांदी में अचानक भारी गिरावट क्यों आई?जानकारों का कहना है कि इंटरनेशनल मार्केट में चांदी में आई भारी गिरावट का सबसे बड़ा कारण रूस-यूक्रेन युद्ध थमने की संभावना हो सकता है. दुबई के एमिरेट्स इन्वेस्टमेंट बैंक में डायरेक्टर (वेल्थ मैनेजमेंट) डॉक्टर धर्मेश भाटिया ने लल्लनटॉप से बातचीत में कहा, “निवेशक चांदी में प्रॉफिट बुकिंग कर रहे हैं. उनको लग रहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थम सकता है इसलिए भविष्य में चांदी का भाव गिर सकता है. भू-राजनीतिक तनाव (जियो पॉलिटिकल टेंशन) कम होने से चांदी के सुरक्षित निवेश की मांग कम हो जाती है.”
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच बातचीत की खबरें हैं. डॉनल्ड ट्रंप ने 28 दिसंबर को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जेलेंस्की युद्ध खत्म करने के समझौते के “काफी करीब, शायद बहुत करीब” पहुंच रहे हैं.
भाटिया का कहना है कि जिस तरह से चांदी की सप्लाई में कमी बन हुई है उससे लगता है कि चांदी आगे भी बढ़िया प्रदर्शन करती रहेगी. एमसीएक्स पर साल 2025 की शुरुआत से अब तक सिल्वर में 181% की तेजी आई है. Silver Special Report दिसंबर 2026 की रिपोर्ट के मुताबिक चांदी की कीमत में ये तेजी लंबी अवधि के लिए रह सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सप्लाई में कमी और बढ़ती औद्योगिक मांग के चलते आगे भी चांदी का भाव चढ़ने की संभावना है.
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वहीं मार्केट एक्सपर्ट अनुज गुप्ता ने लल्लनटॉप को बताया कि इंटरनेशनल मार्केट में चांदी में मार्जिन बढ़ गया है. इस वजह से इंटरनेशनल मार्केट में चांदी की कीमतों में दबाव बढ़ा है. CME यानी Chicago Mercantile Exchange ने मार्च 2026 सिल्वर फ्यूचर्स के लिए शुरुआती मार्जिन (Initial Margin) 20,000 डॉलर से बढ़ाकर 25,000 डॉलर कर दिया है. मार्जिन वह राशि है जो वायदा ट्रेडिंग के लिए पहले जमा करनी पड़ती है.
CME दुनिया के सबसे बड़े डेरिवेटिव्स और फ्यूचर्स मार्केट एक्सचेंजों में से एक है. इस एक्सचेंज में सोना, चांदी, क्रूड ऑयल, कॉफी, गेहूं और करेंसी समेत कई कमोडिटीज की ट्रेडिंग होती है.
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