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ऐसा क्या बदला कि हर कोई अनिल अंबानी की Reliance Infra पर दांव लगाने लगा?

रिलायंस इंफ्रा के शेयर बीते 5 सालों में 1350% बढ़े हैं. बीते एक महीने में शेयरों ने 45% और बीते दो कारोबारी सत्रों में 10% का रिटर्न दिया है. कंपनी की सुधरती माली हालत, नए डील्स इस तेजी की बड़ी वजह माने जा रहे हैं.

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अनिल अंबानी की कंपनी ने रिलायंस इंफ्रा ने 93 करोड़ रुपये कर्जा चुका दिया है और उस पर जारी दिवालिया प्रक्रिया कार्रवाई रद्द हो गई है.

अनिल अंबानी की कंपनियों का नाम बीते कुछ सालों में मार्केट से गायब चल रहा था. गायब बोले तो काम तो कर रही थीं लेकिन कोई खास चर्चा नहीं हो रही थी. मगर बीते कुछ समय से उनकी कंपनियां अचानक से ना सिर्फ चर्चा में आई हैं बल्कि सुर्खियां बना रही हैं. खासकर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर(Reliance Infra share). कंपनी के शेयरों में दिखी तेजी इसका गवाह है. छोटे तो छोटे बड़े निवेशक भी रिलायंस इंफ्रा पर दाव लगाते दिख रहे हैं.

20 जून को कंपनी के शेयर 370.00 रुपये पर बंद हुए. इकॉनमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते दो कारोबारी सत्रों में रिलायंस इंफ्रा का शेयर 10% बढ़ा है. इंट्राडे में तो शेयरों ने 403 रुपये तक का लेवल छुआ है. इस तेजी के पीछे की सबसे बड़ी वजह तो है रिलायंस इंफ्रा और दसॉ एविएशन के बीच हुई डील( R infra and Dassault Deal).

इस डील के तहत रिलायंस इंफ्रा Falcon 2000 जेट भारत में मैन्युफैक्चर करेगी. ना सिर्फ बनाएगी बल्कि उन्हें भारतीय और विदेशी बाजारों में बेचेगी भी. यह पहली बार है जब दसॉ फ्रांस के बाहर Falcon जेट बनाने जा रही है. दसॉ एविएशन और रिलायंस इंफ्रा के जॉइंट वेंचर Dassault Reliance Aerospace Limited (DRAL) इसे बनाएगा. पहला मेड इन इंडिया Falcon 2000 साल 2028 तक डिलीवर होने की उम्मीद है. इसी खबर का असर कंपनी के शेयरों में दिख रहा है.

मगर इस डील के अलावा भी बहुत कुछ हुआ है जिसने रिलायंस इंफ्रा को टॉक ऑफ दी टाउन बना दिया है. बीते कुछ सालों में कंपनी के शेयरों का ट्रेंड देखने पर चलता है कि इसमें लंबे समय से हलचल हो रही है. बीते एक महीने में यह स्टॉक 45% चढ़ चुका है. बीते पांच सालों में शेयर ने 1350% का रिटर्न दिया है. बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी तक ने इस दौरान 130 पर्सेंट का रिर्टन दिया है.

अब सवाल उठता है आखिर कंपनी में हो क्या रहा है? कंपनी ने अपनी माली हालत सुधारी है. नया फंड मिला है. बैक टू बैक अच्छे डील साइन कर रही है. इस वजह से निवेशकों का भरोसा कंपनी पर फिर से बनने लगा है.

कर्जा उतारा

रिलायंस इंफ्रा एक इंफ्रास्ट्रक्चर फील्ड की कंपनी है. जो बिजली से लेकर सड़क, मेट्रो  रेल, एयरपोर्ट्स और डिफेंस जैसे सेक्टरों में काम करती है. अनिल अंबानी की इस कंपनी पर 93 करोड़ का कर्जा था. इसे लेकर कंपनी पर दिवालिया प्रक्रिया चल रही थी. मगर कंपनी ने पूरा कर्जा उतार दिया है. लिहाजा नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने दिवालिया प्रक्रिया रद्द कर दी है.

माली हालत बेहतर

मार्च 2025 में खत्म हुई तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 4,387 करोड़ रुपये रहा. पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी 221 करोड़ के घाटे में थी. इस दौरान रेवेन्यू 4018 करोड़ रुपये रहा है. FY25 में कंपनी को 4,938 करोड़ का नेट प्रॉफिट हुआ, बीते FY24 में यह 1,609 करोड़ रुपये था. कुल उधारी भी घटकर जीरो पर आ गई. नेट वर्थ बढ़कर 14,287 करोड़ रुपये पर आ गई, सालाना आधार पर 70% का इजाफा.

इसके अलावा कंपनी को निवेशकों से 300 करोड़ रुपये मिले हैं. ये पैसे निवेशकों ने वॉरंट्स को शेयर में बदलने के लिए दिए हैं. वॉरंट एक कॉन्ट्रैक्चुअल डॉक्यूमेंट होते हैं. जो धारक को एक तय दाम पर कंपनी के शेयर बेचने या खऱीदने का अधिकार देते हैं. इस केस में वॉरंट होल्डर्स ने वॉरंट बेचकर कंपनी के शेयर खरीदे हैं. मतलब उन्हें भरोसा है कि आने वाले समय में कंपनी और अच्छा करने वाली है.

रक्षा सौदा

कंपनी लगातार रक्षा और एयरोस्पेस सेगमेंट में अच्छे-अच्छे डील कर रही है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक कंपनी को एयरक्राफ्ट अपग्रेड प्रोग्राम का जिम्मा मिला है. इसकी वैल्यू 50 अरब रुपये है और इसकी अवधि 7 से 10 साल है.

कंपनी की सब्सिडियरी रिलायंस डिफेंस भारतीय सेना को Vulcan 155 mm प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन देने के लिए Diehl Defence के साथ काम कर रही है. रिलायंस डिफेंस इस प्रोजेक्ट के लिए प्राइम कॉन्ट्रैक्टर की तरह काम कर रही है. इस पार्टनरशिप से कंपनी को 100 अरब रुपये रेवेन्यू में मिलने की उम्मीद है.

रत्नागिरी में प्लांट

कंपनी ग्रीनफील्ड मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी भी लगा रही है. ये प्लांट महाराष्ट्र के रत्नागिरी में वटाड इंडस्ट्रियल एरिया में बनाया जा रहा है. इस प्लांट से सालाना 2 लाख आर्टिलरी शेल, 10 हजार टन विस्फोटक और 2 हजार टन के प्रोपेलेंट बनाए जाएंगे. कंपनी को रक्षा मंत्रालय से भी 100 अरब रुपये के ऑर्डर मिल सकते हैं.

तो ये कुछ मुख्य वजहें हैं जिनकी वजह से रिलायंस इंफ्रा निवेशकों की आंखों का तारा सितारा बनी हुई है. हालांकि, डील मिलना भर काफी नहीं होता. कंपनी इन प्रोजेक्ट्स डिलीवर करने में कितनी सफल होती है. इस पर भी निवेशकों की नजरें टिकी होंगी.

वीडियो: खर्चा-पानी: क्या अनिल अंबानी इस डील से 'कमबैक' करने वाले हैं?