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No Cost EMI क्या वाकई में फ्री होती है, सच हमसे जान लो

क्या कोई छुपा चार्ज है, जो आप नहीं देख पाते?

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No Cost EMI की असल कीमत

नो-कॉस्ट ईएमआई (No Cost EMI) क्या वाकई में फ्री होती है. मतलब सच में इसमें कोई एक्स्ट्रा पैसा नहीं देना होता है. सिर्फ प्रोडक्ट के पैसे चुकाने होते हैं या फिर सच कुछ और है. 

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ये सवाल पक्का आपके मन में आया होगा. काहे से हर बड़ा मॉल, दुकानदार या फिर ई-कॉमर्स वेबसाइट इस हथियार का इस्तेमाल अपना माल बेंचने के लिए करते हैं. आपके सामने भी ये ऑप्शन आता रहता होगा. तो चलिए जानने की कोशिश करते हैं असल कहानी है क्या.

No Cost EMI की असल कॉस्ट 

एक लाइन में कहें तो किसी भी प्रोडक्ट को कुछ महीने की किस्त पर खरीदने की सुविधा है नो-कॉस्ट ईएमआई. ये उपभोक्ताओं को अतिरिक्त ब्याज या शुल्क का भुगतान किए बिना किस्तों में प्रोडक्ट खरीदने का जुगाड़ देता है. अधिकतर केस में इसकी लिमिट 3-6-9 या 12 महीने से अधिक नहीं होती.

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महीने की सीमा बताना इसलिए जरूरी क्योंकि जब आप एक निश्चित ब्याज का भुगतान करके ईएमआई पर कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं तो आपके पास किस्त चुकाने के लिए कई विकल्प होते हैं. मसलन कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक. खैर वापस आते हैं No Cost EMI पर.

बैंक या वित्तीय संस्थान का रोल जानना जरूरी

ज्यादातर केस में ये सुविधा वाकई में मुफ़्त होती है. कहने का मतलब अगर किसी प्रोडक्ट का दाम 8100 रुपये है और आप 9 महीने में चुकाने का विकल्प लेते हैं तो आपको हर महीने 900 रुपये चुकाने होंगे. कुछ बैंक डाउनपेमेंट के रूप में एक छोटा अमाउन्ट जरूर चार्ज करते हैं जैसे एक किस्त या फिर तीन किस्त. बची राशि का भुगतान ईएमआई में किया जा सकता है. वैसे कई बैंक इस प्रोसेस के लिए एक छोटा सा शुल्क भी लेते हैं जिसको फ़ाइल चार्ज कहा जाता है. आपको इस फ़ाइल चार्ज का गुणा-गणित समझना बेहद जरूरी है.

अगर आप No Cost EMI किसी मॉल या ऑफ़लाइन स्टोर से ले रहे तो हो सकता है कि आपको फ़ाइल चार्ज देना पड़े. वहीं ई-कॉमर्स कंपनियां इस चार्ज को ईएमआई में ही सेटल कर देती हैं. आसान भाषा में कहें तो जैसे फ़ाइल चार्ज 100 रुपये है तो वो तुरंत ही 100 रुपये का डिस्काउंट दे देती हैं. वैसे ये सब हर खरीदी पर हो तो जरूरी नहीं. इसलिए सब चेक कर लेना अच्छा रहेगा. वैसे ऑफ़लाइन स्टोर में भी मोल-भाव करके इस चार्ज को हटाया जा सकता है. एक और अहम जानकारी. नो-कॉस्ट ईएमआई चुनते समय कई बार आपको उस उत्पाद पर दी जाने वाली छूट नहीं मिलती है, जिसका आप लाभ उठा सकते थे. मतलब आपको उत्पाद बॉक्स पर अंकित मूल्य पर ही लेना पड़ेगा. इसलिए नो-कॉस्ट ईएमआई चुनने से पहले नियम और शर्तों को ठीक तरह से पढ़ लें. 

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