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इंश्योरेंस सेक्टर में 'क्रांति' आने वाली है? एक ही पॉलिसी से जीवन के सारे डर खत्म हो जाएंगे

आने वाले वक्त में हो सकता है आपको हेल्थ इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस या कार इंश्योरेंस पॉलिसी अलग-अलग खरीदने की जरूरत न पड़े.

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बीमा नियामक IRDA ने लाइफ, मेडिकल, वीकल जैसे तमाम बीमाओं के लिए सिंगल इंश्योरेंस पॉलिसी लाने की बात की है. (तस्वीर- आजतक)

हर जरूरत के लिए अलग-अलग बीमा पॉलिसी लेने के चक्कर में लोग अक्सर चूना लगवा लेते हैं. ये बीमा पॉलिसियां लेना भी जेब पर भारी पड़ता है. जिस महीने बीमा की किस्त जानी होती है उस महीने घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो जाता है. इन्हीं सब चक्करों के फेर से बचने के लिए अब बहुत से लोग जरूरी होते हुए भी इंश्योरेंस पॉलिसी से दूर रहना बेहतर समझते हैं. लेकिन अब खबर आई है कि देश में आपकी सभी जरूरतों से जुड़ी सिंगल पॉलिसी आने वाली है. 

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'ऑल इन वन' पॉलिसी क्या है?

आने वाले वक्त में हो सकता है आपको हेल्थ इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस या कार इंश्योरेंस पॉलिसी अलग-अलग खरीदने की जरूरत न पड़े. जी हां, बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण यानी IRDA देश में 'सिंगल इंश्योरेंस पॉलिसी' लाने की तैयारी कर रहा है. 'द हिंदू' की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में बीमा कवरेज बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा पहुंचाने के लिए IRDA 'ऑल इन वन' इंश्योरेंस पॉलिसी लाने की तैयारी कर रहा है. 

इस ऑल इन वन पॉलिसी की खास बात ये होगी कि लोगों को अपनी जरूरत के लिए अलग-अलग पॉलिसी खरीदने की जरूरत नहीं रहेगी और न ही अलग-अलग बीमा कंपनियों के चक्कर लगाने पड़ेंगे. अभी लोगों को अपनी जरूरत के हिसाब से बीमा पॉलिसी खरीदनी पड़ती है. उदाहरण के तौर पर, अगर किसी को हेल्थ इंश्योरेंस कराना है तो बीमा कंपनियां सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम लेकर पॉलिसी बेचती हैं. अगर किसी को लाइफ इंश्योरेंस लेना है तो उसके लिए अलग प्रीमियम चुकाना पड़ता है.

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इसी तरह से कार के लिए कार इंश्योरेंस और घर के रिस्क के कवर के लिए प्रॉपर्टी इंश्योरेंस लेना जरूरी है. इससे लोगों को न सिर्फ ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ता है बल्कि क्लेम पाने के लिए अलग-अलग बीमा कंपनियों के दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता है. इसलिए IRDA की कोशिश है कि इसे इतना सस्ता रखा जाएगा, ताकि गरीब परिवार भी इसका फायदा उठा सकें. साथ ही बीमा क्लेम्स का सेटलमेंट भी कुछ घंटों के भीतर करने की तैयारी की जा रह है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस ऑल इन पॉलिसी को खरीदते समय लोगों को आस-पड़ोस के जिम और योगा क्लास की फ्री मेंबरशिप भी दी जाएगी. इस तरह से देखा जाए तो बीमा नियामक की पूरी कोशिश है कि कम दाम पर सभी तरह का बीमा कवरेज लोगों को मिल सके ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बीमा के दायरे में आएं. 

माय इंश्योरेंस क्लब डॉट कॉम के फाउंडर और सीईओ दीपक योहानन लल्लनटॉप से बताते हैं कि सिंगल पॉलिसी का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को बीमा के दायरे में लाना है. सिंगल पॉलिसी में बीमा से जुड़ी सभी बुनियादी जरूरतों का कवरेज शामिल किए जाने की संभावना है ताकि लोगों को अलग-अलग बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए भटकना न पड़े.

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क्या फायदे होने वाले हैं?

सिंगल पॉलिसी आने से न सिर्फ लोगों के पैसे बचेंगे, बल्कि एक और बड़ा फायदा ये होगा कि बड़ी संख्या में लोगों को नौकरियां मिलेंगी. द हिंदू की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंगल इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिये सरकार बीमा सेक्टर में बड़ा सुधार लाने की कोशिश करने जा रही है ताकि देश में इस सेक्टर में ज्यादा निवेश आ सके. इसके जरिये देश की हजारों ग्राम सभाओं तक बीमा कवरेज पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है ताकि लोगों को कम दाम पर उनकी जरूरतों के मुताबिक बीमा कवर मिल सके. 

इंश्योरेंस रेगुलेटर का मानना ​​है कि इन बदलावों से इस क्षेत्र में बंपर नौकरियां पैदा होगीं. IRDA का कहना है कि ऑल इन वन पॉलिसी के जरिये इस सेक्टर में नौकरियों की संख्या दोगुनी होकर 1.2 करोड़ हो सकती है. द हिंदू के अनुसार, IRDA के मुखिया देबाशीष पांडा ने गुरुवार को कहा कि हर तरह के इंश्योरेंस, चाहें लाइफ इंश्योरेंस हो हेल्थ इंश्योरेंस हो या मोटर इंश्योरेंस, देश का बड़ा तबका अब भी बीमा कवरेज से काफी दूर है. ऐसे में वे चाहते हैं कि जनरल और लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के साथ मिलकर UPI जैसा माहौल बीमा सेक्टर में भी बने. 

मतलब जिस तरह से आज की तारीख में गरीब और अमीर सभी यूपीआई का फायदा उठा रहे हैं वैसे ही बीमा भी सब तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए IRDA एक नया प्लेटफार्म ''बीमा सुगम' तैयार कर रहा है. इस वेबसाइट में बीमा कंपनियां और बीमा वितरकों को एक साथ जोड़ा जाएगा ताकि बीमा खरीदने वाले ग्राहकों को सुविधा मिल सके और उन्हें बीमा खरीदने के लिए कहीं भटकना न पड़े. बाद में इसी पोर्टल के माध्यम से लोगों की शिकायतें और क्लेम का सेटलमेंट भी किया जाएगा.

लोगों को क्लेम सेटलमेंट में दिक्कत न आए और एक ही जगह पर हर तरह की जरूरत का बीमा मिल सके, इसके लिए IRDA 'बीमा विस्तार' नाम से बीमा पॉलिसी लाने की तैयारी कर रहा है. इस सिंगल पॉलिसी में लोगों को उनकी जरूरत के मुताबिक एक ही पॉलिसी में सभी तरह का कवरेज मिलेगा. इसकी खास बात ये है कि जो लोग इस पॉलिसी को खरीदेंगे, अगर किसी तरह की अनचाही घटना उनके साथ घटती है तो उन्हें इंश्योरेंस का पैसा फटाफट मिलेगा. IRDA का कहना है कि बिना सर्वेयर की रिपोर्ट के 6-8 घंटे के भीतर पॉलिसीधारक के बैंक खाते में पैसा भेजा दिया जाएगा. 

देश की 80 फीसदी आबादी के पास अभी भी कोई बीमा प्रोडक्ट नहीं है. ऐसे में नियामक पहले बीमा के प्रसार के अनुपात को अगले पांच से सात वर्षों में दोगुना करना चाहता है और फिर वर्ष 2047 तक हर व्यक्ति को बीमा उत्पाद दिलाने के लिए प्रयासरत है. आपको बता दें कि वित्त मंत्री ने बजट में 1 अप्रैल, 2023 या इसके बाद जारी की गई बीमा पॉलिसियों, जिनका सालाना प्रीमियम 5 लाख रुपये से अ​धिक है, उन्हें टैक्स के दायरे में लाने का प्रस्ताव किया है.

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