अडानी समूह की फ्लैपशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज 11 नए एयरपोर्ट्स के लिए बोली लगाने की योजना बना रही है. केन्द्र सरकार की अगले 5 साल में कई नए एयरपोर्ट्स को लीज पर दिए की योजना है. इसे देखते हुए अडानी समूह एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे में 11 अरब डॉलर (करीब 99 हजार 200 करोड़ रुपये) निवेश की योजना बना रहा है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने ये जानकारी दी है.
अडानी ग्रुप के पास भारत के अभी आठ एयरपोर्ट्स, जल्द ही 11 और मिल सकते हैं
अडानी समूह पिछले कुछ सालों से तेजी से विस्तार कर रहा है. समूह की सहायक कंपनी अडानी एयरपोर्ट्स अब हवाई अड्डों की संख्या के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन चुकी है. अडानी समूह एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे में 11 अरब डॉलर (करीब 99 हजार 200 करोड़ रुपये) निवेश की योजना बना रहा है.
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अडानी समूह पिछले कुछ सालों से तेजी से विस्तार कर रहा है. समूह की सहायक कंपनी अडानी एयरपोर्ट्स अब हवाई अड्डों की संख्या के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन चुकी है. वहीं, इस सेक्टर में भारत का दूसरा ग्रुप जीएमआर ग्रुप, यात्रियों की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ा ऑपरेटर है. इसका मतलब ये हुआ है कि GMR के एयरपोर्ट्स से सबसे ज्यादा हवाई यात्री आवाजाही करते हैं.
भारत सरकार अपने एयरपोर्ट्स को लंबी अवधि के लिए प्राइवेट कंपनियों को लीज पर दे रही है. इसके अलावा कई नए एयरपोर्ट भी बना रही है. सरकार का लक्ष्य साल 2047 तक मौजूदा 163 हवाई अड्डों की संख्या बढ़ाकर 350 से 400 करने का है.
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इसी साल (2025) केन्द्र सरकार अमृतसर और वाराणसी समेत 11 एयरपोर्ट्स को लीज पर देने की योजना का ऐलान किया था. अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) के डायरेक्टर जीत अडानी ने इस हफ्ते मुंबई में एक इंटरव्यू में कहा, “हम सभी (11) हवाई अड्डों के लिए बोली लगाएंगे.”
अडानी एयरपोर्ट्स फिलहाल देशभर में 7 एयरपोर्ट्स की देखभाल कर रही है. इस महीने मुंबई के पास बनाए गए अपने पहले ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को शुरू करने जा रही है. यह एयरपोर्ट 25 दिसंबर से शुरू हो सकता है. इसके बाद अडानी समूह की देखरेख में देशभर में कुल 8 एयरपोर्ट होंगे.
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट वह हवाई अड्डा होता है जो किसी नए शहर/जगह पर बिल्कुल शुरुआत से बनाया जाता है. इसमें पहले से कोई एयरपोर्ट मौजूद नहीं होता. देश में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में अडानी और जीएमआर दोनों ही इस मांग का फायदा उठाने की होड़ में हैं. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में भारत में और भारत से करीब 17.4 करोड़ यात्रियों ने हवाई यात्रा की. यह संख्या एक साल पहले के मुकाबले (2023) 10% ज्यादा है. साल 2023 के बाद से भारतीय एयरलाइंस 1,300 से अधिक विमानों का ऑर्डर दे चुकी है. वहीं, जीत अडानी ने साफ किया कि कंपनी का एयरलाइन बिज़नेस में उतरने का कोई इरादा नहीं है. उनका कहना है कि इसकी वजह ये है कि इस सेक्टर में मुनाफा बहुत कम होता है.
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