हमारे एक परिचित हैं जिनके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है मगर फिर भी उनको इसकी वजह से काफी कुछ झेलना पड़ा. दरअसल एक बैंक ने उनको सालों पहले एक क्रेडिट कार्ड जारी किया जो उन्होंने कभी इस्तेमाल भी नहीं किया. कब आया और कब बंद ही हो गया लेकिन उसके ऊपर बाकी रह गए कुछ सौ रुपये. यही कुछ सौ रुपये उनका क्रेडिट स्कोर खराब करते रहे और इसकी वजह से होम लोन में दिक्कत भी आई. खैर उन्होंने बैंक से बात की और मामला खत्म करके उस क्रेडिट कार्ड को बंद किया.
क्रेडिट कार्ड यूज़ नहीं किया फिर भी सिबिल स्कोर बिगड़ गया? RBI के ये दो नियम जान लीजिए!
आपके साथ भी हुआ होगा जब एक बिना इस्तेमाल के क्रेडिट कार्ड ने आपका क्रेडिट खराब किया होगा. मतलब बिना इस्तेमाल के भी आपको कई चार्जेस देना पड़े होंगे. चिंता नक्को क्रेडिट कार्ड से जुड़े आरबीआई के दो नियम (key rbi rules you should know) आपकी परेशानी दूर करेंगे.

हमारे परिचित की कहानी आपको अपनी या अपने किसी यार, मित्र, सखा, बंधु, दोस्त की लग रही होगी. माने ऐसा आपके साथ भी हुआ होगा जब एक बिना इस्तेमाल के क्रेडिट कार्ड ने आपका क्रेडिट खराब किया होगा. आगे से नहीं होगा. बस आरबीआई के दो नियम (key rbi rules you should know) जान लीजिए.
पहली बार मतलब पहला महीनाबैंक ने आपको क्रेडिट कार्ड जारी कर दिया. मतलब दुनिया जहान के ऑफर्स का लालच देकर या एक क्रेडिट कार्ड पर दूसरा क्रेडिट कार्ड देकर. कैसे भी मतलब कैसे भी और अगर आपने उसको इस्तेमाल नहीं किया तो बैंक को 30 दिन के अंदर उसे खुद से बंद करना होगा. माने कि आपने उस कार्ड को एक्टिववेट ही नहीं किया तो बैंक की जिम्मेदारी है, उसे बंद करना वो भी बिना किसी चार्ज के. आपने नोटिस किया होगा कि जैसे ही कार्ड आपके पास पहुंचता है, वैसे ही कस्टमर केयर वाले आपको फोन घुमा देते हैं और पहले लेनदेन का ज्ञान दे डालते हैं. आरबीआई ने इसको लेकर बैंकों और NBFC को साफ निर्देश दिए हुए हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये कोई नया नियम भी नहीं है. मतलब कई सालों से ये व्यवस्था है.

आरबीआई का एक और नियम जो आपके काम का है. माने आपके पास क्रेडिट कार्ड है जो आप यदा-कदा इस्तेमाल करते थे. लेकिन अब 365 दिन से ज्यादा हो गए हैं और उस कार्ड पर कोई लेनदेन नहीं है तो बैंक को उसे बंद करना होगा. हालांकि ये अपने आप से नहीं होगा. माने बैंक आपको फोन करके या ईमेल करके इसकी सूचना देगा. बंद करने की बात कहेगा. कार्ड पर बकाया, अगर है तो उसे चुकाने के लिए भी कहेगा. उदाहरण के लिए सालाना फीस या कोई और बकाया. अब आपकी मर्जी. वो बकाया चुका दीजिए और कार्ड बंद कीजिए. या फिर कोई एक लेनदेन कर लीजिए. ये नियम भी पहले से ही है.
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मगर लगातार ऐसे मामले सामने आते हैं जब बैंक कार्ड बंद नहीं करते और उसके ऊपर चार्जेस अलग थोपते जाते हैं. अगर आपके साथ ऐसा कुछ हो तो RBI Ombudsman में शिकायत कीजिए. यहां वाकई में सुनवाई होती है .
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