केंद्र सरकार ने Small Saving Schemes की ब्याज दरों में कई बदलाव नहीं किया है. PPF और Sukanya Samriddhi Yojana (SSY) जैसी योजनाओं पर पहले जितना ब्याज मिल रहा था, आगे भी उतना ही मिलेगा. सरकार का यह फैसला साल 2025 के जुलाई से सितंबर माह के लिए है. सोमवार, 30 जून को इसे लेकर वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है.
सुकन्या, PPF और NSC जैसी योजनाओं में पैसा लगाते हैं तो ब्याज दरों पर अपडेट जान लें
Small Saving Schemes: यह लगातार छठी बार है जब इन योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिरता, मुद्रास्फीति के स्तर और रिज़र्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की वजह से ब्याज दरों में बदलाव की ज़रूरत नहीं पड़ी.

योजना | ब्याज दर | अवधि |
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) | 7.1% | सालाना |
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) | 8.2% | सालाना |
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) | 8.2% | सालाना |
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) | 7.7% | सालाना |
पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) | 6.9% से 7.5% | 1 से 5 साल के लिए |
महिला सम्मान बचत पत्र | 7.5% | सालाना |
किसान विकास पत्र (KVP) | 7.5% | 115 महीने के लिए |
स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों का हर तिमाही में रिव्यू होता है. यह लगातार छठी बार है जब इन योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लगातार छठी बार इनमें बदलाव न होना यह बताता है कि सरकार आर्थिक स्थिरता बनाए रखना चाहती है.
यह फैसला आम जनता, विशेषकर मिडल और निम्न आय वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया जाता है ताकि उनकी बचत पर मिलने वाला फायदा स्थिर बना रहे. एक्सपर्ट्स का मानना है कि वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिरता, मुद्रास्फीति के स्तर और रिज़र्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की वजह से ब्याज दरों में बदलाव की ज़रूरत नहीं पड़ी.
गौरतलब है कि ये छोटी बचत योजनाएं मिडल क्लास और वरिष्ठ नागिरकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. इनमें Public Provident Fund (PPF), Sukanya Samriddhi Yojana (SSY), Senior Citizen Savings Scheme (SCSS), National Savings Certificate (NSC), Kisan Vikas Patra (KVP), Post Office Fixed Deposit (FD) जैसी योजनाएं शामिल हैं. ये योजनाएं बिना रिस्क वाला सेफ़ रिटर्न तो देती ही हैं, साथ ही इनके ज़रिए इनकम टैक्स छूट का क्लेम भी किया जा सकता है.
इन स्कीम्स की ब्याज दरें कैसे तय की जाएं इसका फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ कमेटी ने दिया था. कमेटी ने सुझाव दिया था कि इन स्कीम्स की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बॉण्ड के यील्ड से 0.25-1.00 पर्सेंट ज़्यादा होनी चाहिए.
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