क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने के बाद यूज़र की मौत हो जाए तो बकाया कौन चुकाएगा?
दो टाइप के क्रेडिट कार्ड जारी होते हैं. सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड. सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड एडवांस डिपॉजिट देने के बाद ही जारी होते हैं. ये डिपॉजिट आपका फिक्स्ड डिपॉजिट भी हो सकता है. वहीं, अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड के लिए कोई डिपॉजिट नहीं देना पड़ता. इसीलिए अनसिक्योर्ड कार्ड ईशू कराना ज्यादा मुश्किल होता है.

क्रेडिट कार्ड का भी अपना अलग सुख है. महीना खत्म होने से पहले सैलरी खत्म हो जाने पर इज्जत क्रेडिट कार्ड (Credit Card) ही संभालता है. प्लस कैशबैक मिलता है तो सो अलग. लेकिन, लेकिन, लेकिन….गलती से बिल मिस हुआ तो जो भारी भट्टा बैठता है कि कोई हिसाब-किताब ही नहीं है. मेरे आस पड़ोस में ऐसे दोस्त हैं जो बिल लेट भरने के आदी हो चुके हैं. उनके अनुभव से ही बता रही हूं कि भाई भट्ठा बैठ जाता है. देरी वेरी तक पेमेंट तो ठीक है लेकिन एक ने एक दिन बहुत विचित्र सवाल पूछा. कहता है, अगर मैं मर गया तो मेरा बिल (Credit Card bill due) कौन भरेगा? क्या मेरे घर वालों को भरना पड़ेगा? या तुम लोग भरोगे? मजाक मजाक में शुरू हुई बात गंभीर मोड़ पर पहुंच गई. बस फिर क्या था. जवाब जानने के लिए हमने कर दिया पोस्टमार्टम, और इस चीर फाड़ में हमें जो पता चला वही आज आपको भी बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैंः
क्रेडिट कार्ड होल्डर की डेथ (Credit Card holder death) के बाद बकाया भरना भी है या नहीं, भरेगा तो कौन भरेगा. इन सवालों का जवाब निर्भर करेगा आपका क्रेडिट कार्ड कौन सा है? सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड. जी हां, लोन की तरह क्रेडिट कार्ड भी सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड होता है.
सिक्योर्ड क्रेडिट कार्डसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड इशू कराने के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर कुछ रकम जमा करनी पड़ती है. ठीक वैसे ही जैसे मकान मालिक एडवांस किराया अपने पास रखता है. सिक्योर्ड कार्ड में जितने की लिमिट चाहिए उसके बराबर रकम कार्ड कंपनी के पास रखनी होगी. आप चाहते हैं तो अपने फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम पर भी सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड उठा सकते हैं.
एफडी के 80 फीसदी रकम बराबर लिमिट वाला कार्ड ईशू करा सकते हैं. HDFC बैंक की वेबसाइट के मुताबिक कार्ड ईशू कराने के लिए कम से कम एक साल के लिए 15,000 रुपये का एफडी जरूरी है. तभी कार्ड ईशू होगा. आमतौर पर पहली बार क्रेडिट कार्ड लेने वालों या जिन्हें क्रेडिट स्कोर बनाना है उनके लिए सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड फायदेमंद रहता है. एक और फायदा ये है कि इस FD के बदले आपको एक तय रिटर्न भी मिलता रहेगा.
अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्डदूसरी कैटेगरी है अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड. ये वाले कार्ड्स इशू कराने के एवज में कोई पैसे या सामान सिक्योरिटी के तौर पर नहीं रखना होता. इसलिए अनसिक्योर्ड कार्ड इशू कराना थोड़ा मुश्किल होता है. अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड देने से पहले कंपनियां आवेदक की आय, क्रेडिट स्कोर देखती हैं. ये भी देखती हैं कि आपने कितना लोन ले रखा है. पहले से क्रेडिट कार्ड है तो बिलों का भुगतान करना बाकी है या पेड है. अब आते हैं मुद्दे पर, जिसके नाम पर हमने अभी तक आपको रोके रखा है. भविष्य में होनी अनहोनी में स्थिति परिस्थिति में अगर कार्ड होल्डर की डेथ हो जाए तो? बकाया पैसे कौन भरेगा.
नॉमिनी की कोई जिम्मेदारी नहींअगर सिक्योर्ड कार्ड होल्डर की डेथ हो जाती है तो कार्ड का बकाया उसके फिक्स्ड डिपॉजिट या एडवांस डिपॉजिट से काट लिया जाता है. बाकी बची रकम नॉमिनी को सौंप दी जाती है. उसे चुकाने की जिम्मेदारी नॉमिनी या कानूनी वारिस की नहीं होती.
एफडी से कट जाएगा बकायाअब आते हैं अनिसक्योर्ड कार्ड पर. जब तक अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड पर बतौर जॉइंट अकाउंट होल्डर आपका नाम नहीं है तब तक आपको एक रुपया भी देने की जरूरत नहीं. मृतक के नाम पर जो भी संपत्ति है….बैंक डिपॉजिट, इनवेस्टमेंट, पीएफ वगैरह वगैरह… उससे ही बकाये की भरपाई हो जाएगी. और अगर मृत कार्ड होल्डर के नाम पर ऐसी कोई संपत्ति नहीं है तो क्रेडिट कार्ड कंपनियां बकाया माफ कर देंगी.
पहले ही पता कर लीजिए आपका कौन सा कार्ड है?सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि क्रेडिट कार्ड कंपनियां मरने के बाद पैसे की वसूली के लिए चालाकी कर रही हैं. दावा किया जा रहा है कि कार्ड कंपनियां आपके कार्ड को चुपके से एफडी से कनेक्ट कर देती हैं. ऐसे में कल को जब कार्ड होल्डर की मृत्यु होती है तो कार्ड को सिक्योर्ड बताते हुए बकाये को एफडी से काट लेती हैं. सवाल है कंपनियां ऐसा कर सकती हैं क्या? जवाब है, बिल्कुल नहीं. इस स्थिति से बचने के लिए बेहतर है आप पहले ही पता कर लें कि कार्ड सिक्योर्ड है या अनसिक्योर्ड.
वैसे तो ये पता करने का एक सबसे आसान जवाब है, सिक्योर्ड कार्ड होगा तो सिक्योरिटी डिपॉजिट दिया होगा. अगर कार्ड लेने के लिए कोई मोटी रकम नहीं जमा कराई है तो कार्ड अनसिक्योर्ड है. अगर आधिकारिक पुष्टि करना चाहते हैं तो क्रेडिट कार्ड एग्रीमेंट चेक कर सकते हैं. अगर कार्ड के एवज में कोई डिपॉजिट लिया गया है तो उसकी जानकारी साफ-साफ लिखी होगी. एग्रीमेंट समझ नहीं आ रहा तो सीधे कार्ड जारी करने वाली कंपनी से फोन कर भी पूछ सकते हैं. या उनसे बातचीत करके पता कर लें कार्ड एग्रीमेंट में ये डिटेल कहां लिखी है. और इस डॉक्यूमेंट के बारे में घर वालों को बता कर रखें. ताकि आपकी गैर-हाजिरी में आपके एफडी के पैसे कोई हड़प ना सके.
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