Delhi Bans Non BS6 Commercial Vehicles: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार, 3 जून को एयर पॉल्यूशन मिटिगेशन प्लान 2025 का एलान किया. इसके तहत सरकार गाड़ियों से फैलने वाले प्रदूषण, धूल-गुबार, सॉलिड वेस्ट पर लगाम लगाएगी. ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इस बीच दिल्ली सरकार ने कुछ खास पेट्रोल-डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का भी फैसला किया है.
दिल्ली में 1 नवंबर से ये पेट्रोल-डीजल वाहन नहीं चलेंगे, ऑड-ईवन पर भी बड़ी घोषणा
Air Pollution Mitigation Plan 2025 के तहत Delhi की मुख्यमंत्री Rekha Gupta ने 1 नवंबर से चुनिंदा श्रेणी की गाड़ियों को बैन करने का एलान किया है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने गैर-BS6 कर्मशियल गाड़ियों पर बैन लगाने का निर्णय लिया है. 1 नवंबर 2025 से दिल्ली में नॉन-BS6 कमर्शियल गाड़ियों को चलने की इजाजत नहीं दी जाएगी. 1 नवंबर से दिल्ली में केवल BS6, CNG और इलेक्ट्रिक कमर्शियल गाड़ियां ही चलाई जा सकेंगी.
दिल्ली के ट्रैफिक को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बदलने के लिए सरकार दिल्ली मेट्रो के बड़े स्टेशनों पर 2,299 इलेक्ट्रिक ऑटो और 18,000 पब्लिक और सेमी-पब्लिक EV चार्जिंग पॉइंट्स लगाएगी. इन चार्जिंग पॉइंट्स को राजधानी के मॉल्स, ट्रांजिट हब्स और कमर्शियल जोन में लगाया जाएगा. सरकार की तरफ से मौजूदा ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर के ऑडिट और उसे अपग्रेड करने की भी तैयारी चल रही है.
पुरानी गाड़ियों से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए सरकार सभी बॉर्डर एंट्री पॉइंट्स पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाएगी. ये ऑटोमैटिकली एंड-ऑफ-लाइफ (EoL) गाड़ियों का पता लगाएंगे और उन्हें चिह्नित करेंगे. इससे रियल टाइम में SMS अलर्ट और बिलबोर्ड वॉर्निंग शुरू हो जाएगी ताकि एंट्री लेने से रोका जा सके. पेट्रोल पंपों पर भी ANPR कैमरे लगाए जाएंगे.
इसके अलावा सिग्नल पर ट्रैफिक इकट्ठा होने से रोकने के लिए एक स्मार्ट इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम शुरू किया जाएगा. ये गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण के बड़े कारणों में से एक है. पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सेंटर का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अब हर छह महीने में ऑडिट किया जाएगा.
लोगों की चिंताओं पर बात करते हुए सीएम गुप्ता ने ऑड-ईवन स्कीम को फिर से शुरू करने से इनकार कर दिया. उनका तर्क है कि इसकी प्रभावशीलता सीमित है और इसमें असुविधा है. उन्होंने कहा कि हमें ऐसे समाधान चाहिए जो स्केलेबल और टिकाऊ हों, ना कि अस्थायी समाधान हों.
वीडियो: पीडब्ल्यूडी के ट्वीट में हाथ से मैला ढोने की तस्वीरें दिखाई, विरोध होने पर डिलीट कर दिया