अम्पायर सीके नंदन ने आउट देने में जितनी देर लगाई उतने में मैगी बन के तैयार हो जाती
ऐसा होता हुआ पहली बार देखेंगे आप.
केतन बुकरैत
14 फ़रवरी 2019 (Updated: 14 फ़रवरी 2019, 02:09 PM IST)
ईरानी ट्रॉफ़ी चल रही है. विदर्भ और रेस्ट ऑफ़ इंडिया के बीच. चूंकि विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी जीती है इसलिए उसे रेस्ट ऑफ़ इंडिया टीम के ख़िलाफ़ खेलना था. मैच नागपुर में खेला जा रहा है. रेस्ट ऑफ़ इंडिया ने पहली इनिंग्स में 330 रन बनाए और विदर्भ ने जवाब में 425 रन बना डाले. किस्सा इसी इनिंग्स के दौरान का है.
विदर्भ के ओपनर हैं फैज़ फ़ज़ल. लेफ़्ट हैंडेड बैट्समैन हैं. 27 रन बनाकर खेल रहे थे. कृष्णप्पा गौतम बॉलिंग पर लगे हुए थे. राइट आर्म स्पिनर हैं. राउंड द विकेट से फ़ेंकी गई गेंद को फ़ज़ल ने पहले तो खेलना चाहा लेकिन बाद में उसे जाने देने का मन बना लिया. गेंद उनके पैड्स के पास से विकेट्स के पीछे चली गई जहां ईशान किशन ने उसे अपने दस्तानों में कैद कर लिया. तुरंत ही सभी अपील में खड़े हो गए. सीके नंदन ने आउट नहीं दिया. ओवर ख़तम हो चुका था इसलिए बैट्समैन के आस-पास खड़े खिलाड़ी एक जगह इकट्ठे हो चुके थे. लेकिन थोड़ी देर में सीके नंदन अपनी उंगली खड़ी कर के खड़े दिखे. फैज़ फ़ज़ल को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उन्हें आउट दे दिया गया था. बाद में रीप्ले में साफ़ हुआ कि लेग अम्पायर ने सीके नंदन को इशारा कर के बताया था कि गेंद फ़ज़ल के ग्लव्स से लगकर गई थी.
सीके नंदन जहां खड़े थे, वहां से पैड्स के पीछे गेंद बल्ले या ग्लव्स से लगी है, ये बता पाना बहुत आसान नहीं था क्यूंकि पॉइंट ऑफ़ कांटेक्ट (अगर कांटेक्ट हुआ था तो) पैड्स की वजह से छिप गया था. लेकिन सोचने वाली बात ये है कि लेग अम्पायर को ये कैसे दिखाई पड़ गया. क्यूंकि खिलाड़ी की पीठ अम्पायर की ओर होती है और गेंद जब ग्लव्स के पास से निकली तो वो उस अम्पायर को भी नहीं दिख रहा होगा. लेकिन इन सवालों से दूर असलियत यही थी कि फैज़ फ़ज़ल आउट हो चुके थे.