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बहन संगीता ने याद दिलाई विनेश की पेरिस ओलंपिक्स में हार्टब्रेक वाली कहानी!

Paris Olympics का सबसे बड़ा हार्टब्रेक Vinesh Phogat का फाइनल में पहुंचने के बावजूद डिस्क्वालिफाई हो जाना था. उनकी बहन Sangeeta Phogat ने एक बार फिर इस घटना की यादों को ताजा कर दिया है.

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Vinesh Phogat, Sangeeta Phogat, Paris Olympics
विनेश फोगाट को फाइनल में जाने के बावजूद 100 किग्रा के कारण डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था. (फोटो-PTI)
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सुकांत सौरभ
11 सितंबर 2025 (Published: 12:39 PM IST)
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पेरिस ओलंपिक्स (Paris Olympics) में भारत एक भी गोल्ड मेडल नहीं जीत सका था. खेल के इस महाकुंभ में इंडियन एथलीट्स सिर्फ एक सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज ही जीत सके. इनमें से तीन मेडल तो सिर्फ शूटिंग में आ गए थे. हालांकि, एक ऐसी एथलीट भी थी, जो फाइनल में पहुंच गई थी, लेकिन वो मेडल नहीं जीत सकी थी. जी हां, मैं रेसलर विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) की ही बात कर रहा हूं. उनका जिक्र इसलिए क्योंकि उनकी बहन और रेसलर संगीता फोगाट (Sangeeta Phogat) ने एक बार फिर उस घटना को ताजा कर दिया है, जिसने 140 करोड़ देशवासियों का दिल तोड़ दिया था.

क्यों फिर याद आई विनेश की कहानी?

दरअसल, संगीता 'राइज एंड फॉल' शो का हिस्सा हैं. इसका 5वां एपिसोड हाल ही में ऑन एयर हुआ है. इसमें संगीता अपनी बहन विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक्स की दिल तोड़ने वाली कहानी सुनाती दिख रही हैं. आप सबको याद होगा, विनेश ने पेरिस गेम्स में जापानी पहलवान यूई सुसाकी को हराकर सबको चौंका दिया था. यूई उस वक्त इस 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी की नंबर वन रेसलर थीं. उनका दबदबा ऐसा था कि वो किसी से हारी नहीं थीं. विनेश ने जब उन्हें हराया, तो लगा कि अब गोल्ड मेडल पक्का है. फिर एक ऐसा झटका लगा, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. सिर्फ 100 ग्राम की वजह से विनेश को डिस्क्वालिफिकेशन का सामना करना पड़ा.

ओलंपिक्स में ये नियम है कि हर दिन बाउट से पहले सभी रेसलर्स को अपना वेट करना होता है. विनेश अमूमन 54 किलोग्राम वेट कैटेगरी में खेलती हैं, लेकिन ओलंपिक्स में उन्होंने 50 किग्रा के लिए क्वालीफाई कर लिया था. शुरूआती दिन उन्होंने अपने दोनों बाउट जीतकर फाइनल में जगह भी बना ली. लेकिन, फाइनल से पहले हुई वेइंग में वो 100 ग्राम ओवरवेट निकल गईं. नतीजा, उन्हें डिस्कवालि‍फाई कर दिया गया.

संगीता ने शो के दौरान इसी घटना के पीछे की पूरी कहानी बताई. उन्होंने कहा,

हमारी एक दिन पहले रात में बात हुई थी. सुबह वेट होना था. कोच ने बताया कि जिम में पसीना बहाने के बावजूद उनका वेट 400 ग्राम ज़्यादा था. अंत में उन्होंने खून निकलवाया कि इससे कुछ वेट कम हो. अपने बाल कटवा लिए. छोटा सिंगलेट पहना. उसने सब कुछ आजमाया. फिर भी, वह बस 100 ग्राम से रह गई.

ये बताते हुए संगीता की आवाज में दर्द साफ झलक रहा था.

विनेश ने इसके बाद छोड़ दी कुश्ती

दरअसल, वेट कराने से पहले विनेश ने खुद को भूखा रखा. घंटों सॉना में पसीना बहाया. अंत में वजन कम करने के लिए अपने बाल तक काट दिए. लेकिन, उनकी सारी मेहनत बेकार चली गई. उन्हें डिस्क्वालिफिकेशन मिला और उनकी जगह क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन को फाइनल में जगह मिली. गुज़मैन का मुकाबला अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट से हुआ. गुज़मैन वही रेसलर थीं, जिन्हें हराकर विनेश फाइनल में पहुंची थीं. ये वो पल था, जब भारतीय फैंस मेडल का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें हार्टब्रेक का सामना करना पड़ा था.

विनेश के लिए भी ये उनके रेसलिंग करियर का अंत था. विनेश ने इसके बाद रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए कहा था, 

कुश्ती जीत गई और मैं हार गई. मेरे सपने टूट गए. अब मुझमें और ताकत नहीं बची.

जब संगीता ने 'राइज एंड फॉल' में ये बातें बताईं, तो बाकी कंटेस्टेंट्स भी बहुत इमोशनल हो गए. संगीता ने आगे बताया,

यह सिर्फ वजन के बारे में नहीं था. यह सालों की कुर्बानी, खून और पसीने के बारे में था. हमारे लिए, यह हमेशा सबसे मुश्किल यादों में से एक रहेगी.

संगीता की इस कहानी ने हमें एक बार फिर याद दिलाया कि हर खिलाड़ी की जीत के पीछे कितनी कुर्बानियां और दर्द भरे पल होते हैं. विनेश का सपना भले ही अधूरा रह गया हो, लेकिन उनकी हिम्मत और मेहनत को पूरा देश हमेशा सलाम करेगा.

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