The Lallantop
Advertisement

क़िस्से शराब पीकर सेंचुरी मारने वाले दिग्गज के... जो ना होता तो सचिन शायद ही वर्ल्ड कप जीत पाते!

सर विवियन रिचर्ड्स ने कैसे दिलाया सचिन को वर्ल्ड कप?

Advertisement
Sachin Tendulkar didn't take retirement after talking to Viv Richards
सचिन तेंडुलकर (फोटो - इंडिया टुडे)
pic
गरिमा भारद्वाज
7 मार्च 2023 (Updated: 7 मार्च 2023, 14:57 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

एक प्लेयर. जिसे मैदान पर आते देख विरोधी बस देखते ही रह जाते थे. मैच जिस भी मोड़ पर हो, वो प्लेयर ऐसे ही चिल होकर हीरो स्टाइल वाली एंट्री करता था. विरोधी टीम को घूरता हुआ, मुंह में च्युंगम चबाता हुआ. और क्रीज़ पर आते ही फोड़ना शुरू कर देता था. ये खिलाड़ी अपने समय का दिग्गज़ है. और आज के समय विराट कोहली जैसे मॉर्डन डे ग्रेट इस प्लेयर का बहुत सम्मान करते हैं.

एक दफ़ा इस दिग्गज़ खिलाड़ी को हवाई ज़हाज में अपना सामान रखने की जगह नहीं मिल रही थी. ये देख विराट ने तुंरत अपना सामान हटाकर सीट के नीचे रखा. और अपना स्पेस इन ग्रेट प्लेयर को दे दिया. अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि हम किसकी बात कर रहे हैं? नहीं समझे, अरे भाई हम सर विवियन रिचर्ड्स की बात कर रहे हैं.

विवियन जब बल्लेबाजी करने आते थे, तो पूरा विरोधी खेमा शांत हो जाता था. वो ऐसी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते थे, कि आज भी उनके नाम कई रिकॉर्ड्स हैं. लेकिन एक बार इन्होंने इंडिया के गॉड सचिन तेंडुलकर का एक बड़ा सपना पूरा करने में हैल्प की थी. रिटायरमेंट का मन बना चुके सचिन से 45 मिनट लम्बी बात कर, विव ने उन्हें समझाया था कि आपको रिटायरमेंट नहीं लेना चाहिए. उनकी बात मान सचिन खेलते रहे. और साल 2011 में पहली बार वर्ल्ड कप जीत लिया.

चलिए आपको इस क़िस्से के बारे में बताते हैं, ये बात सचिन तेंडुलकर ने इंडिया टुडे को बताई थी. दरअसल, सचिन साल 2007 के समय परेशान थे. उनको कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. इसी साल से T20 वर्ल्ड शुरू हुआ था. युवाओं की टीम बनाई गई थी.

युवा कप्तान आए, उनके साथ युवा खिलाड़ियों को वर्ल्ड कप खेलने भेजा गया. इन सब चीज़ों ने पूर्व खिलाड़ियों को उनके फ्यूचर के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया था. सचिन भी उन्हीं में से एक थे. ऐसे में वह अपना रिटायमेंट प्लान करने लगे. इस बीच उनके भाई ने उन्हें समझाया कि अभी एक और वर्ल्ड कप आ रहा है. वो इंडिया में हैं, आपको खेलते रहना चाहिए. 

सचिन ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बताया,

‘मुझे लगा कि बस हो गया. उस समय भारतीय क्रिकेट के अंदर बहुत सी चीज़ें हो रही था जो कि सही नहीं थी. हमें कुछ बदलाव की जरुरत थी. और मुझे लगा कि अगर वो बदलाव नहीं होते हैं तो मैं क्रिकेट छोड़ दूंगा. मैं क्रिकेट छोड़ने के बारे में 90 प्रतिशत श्योर था. लेकिन मेरे भाई ने मुझे बताया कि 2011 में मुंबई में वर्ल्ड कप फाइनल है. क्या आप उस खूबसूरत ट्रॉफी को अपने हाथ में पकड़ने की कल्पना कर सकते हैं?

इसके बाद मैं अपने फॉर्महाउस चला गया. और तब मुझे सर विव का कॉल आया. उन्होंने कहा, मुझे पता है तुम्हारे अंदर अभी काफी सारा क्रिकेट बाकी है. हमने क़रीबन 45 मिनट तक बात की. और उस बातचीत ने मेरे दिल को छू लिया था. क्योंकि जब आपके बैटिंग हीरो आपको कॉल करते हैं, तो ये आपके लिए बहुत मायने रखता है. उसी पल से मेरे लिए चीजें बदल गईं और उसी पल से मैंने भी काफी बेहतर प्रदर्शन किया.’

सचिन की बात सुन कॉन्क्लेव में मौजूद विव ने कहा,

‘मुझे सनी (सुनील) गावस्कर के खिलाफ खेलने का मौका मिला है, जिन्हें मैंने हमेशा भारतीय बल्लेबाजी का गॉडफादर माना है. फिर सचिन आए. और अब आपके पास विराट कोहली हैं. लेकिन जिस बात ने मुझे सबसे ज्यादा हैरान किया, वह यह है कि इतना छोटा आदमी इतना शक्तिशाली कैसे हो सकता है.’

सचिन की खूब तारीफ करने वाले विव अपने करियर में सुपरस्टार थे. सब उनको बहुत मानते हैं, वो कई क्रिकेटर्स के आइडल हैं. अपनी टीम वेस्टइंडीज़ के साथ उन्होंने दो वर्ल्ड कप भी जीते हैं. लेकिन इन सभी अच्छी चीज़ों के बीच एक चीज़ है, जिसका विव को पछतावा है. और इसके बारे में उन्होंने खुद बताया था- विव की काउंटी क्रिकेट में एक सेंचुरी दारू पीकर आई थी.

विव ने बताया था,

‘मैंने कुछ ऐसा किया जो एक स्पोर्ट्सपर्सन होने के नाते मुझे नहीं करना चाहिए था. मैंने इयान बॉथम के साथ रात में बहुत अधिक शराब पी. मुझे अगले दिन खेलना था. और शायद पिछली रात की वजह से मैं गेंद को देख नहीं पा रहा था. मैं सब कुछ मिस कर रहा था. फिर, बोलर (थॉमस ग्रेग) मेरे पास आए और कहा, ‘विव, बॉल लाल है, राउंड है और उछलती है.’ उन्होंने मुझसे ऐसा कुछ कहा.’

गेंद के बारे में ये पता लगते ही विव ने अगली गेंद पास की नदी में पहुंचा दी थी. और इस क़िस्से पर विव आगे बोले,

‘क्योंकि मैं पिछली तीन गेंदों को मिस कर गया था. तो उसने गेंद इस बार थोड़ी सीधी फेंकी. मैंने गेंद को मारा, हालांकि, इस समय मेरी आंखे बंद थी. वो पास की नदी में पहुंच गई. इसके बाद गेंदबाज मेरी आंखों में नहीं देखना चाहता था. लेकिन एक प्रतियोगी के रूप में, मैं उसके पास गया और कहा, ‘ग्रेग, आपको गेंद की शेप, साइज और कलर के बारे में पता है. जाओ और उसको ढूंढ़ने में उनकी मदद करो. ये उस दिन का अंत था. मुझे याद है इसके बाद वो पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था. मैंने 50 गेंदों में क़रीबन 130 रन बनाए थे.’

विव जब नशे में नहीं होते थे, तब भी उन्होंने ऐसी कई पारियां खेली है. और ये क़िस्से हमने आपको उनके जन्मदिन पर बताए हैं.

वीडियो: Ind vs Aus तीसरे टेस्ट में ये प्लेयर होता तो कहानी कुछ और होती!

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement