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ईशान किशन को शिखर धवन की जगह लाना सही फैसला है?

ये मामला तो गड़बड़ है.

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Ishan Kishan - Shikhar Dhawan
ईशान किशन - शिखर धवन (फोटो - सोशल)
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गरिमा भारद्वाज
12 दिसंबर 2022 (Updated: 12 दिसंबर 2022, 04:39 PM IST) कॉमेंट्स
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क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023. अगले साल इस समय तक हमको 50 ओवर फॉर्मेट का नया वर्ल्ड चैम्पियन मिल जाएगा. हज़ारों कमियों के बाद भी हमारी टीम इंडिया जीत की प्रबल दावेदार रहेगी. होम कंडीशन्स का फायदा उठाएगी, अगर इन-फॉर्म प्लेयर्स को प्लेइंग इलेवन में लेकर आएगी.    

लेकिन अगर इस फायदे के बाद भी अपनी टीम इंडिया वर्ल्ड कप नहीं जीत पाती है, तो इसमें ओपनिंग का कोई कसूर नहीं होगा. ओपनिंग के लिए टीम इंडिया के पास कमाल के ओपनर्स हैं. बस शर्त ये है कि मैनेजमेंट को इन-फॉर्म प्लेयर्स को खिलाना होगा. अब इस लिस्ट में मैनेजमेंट के पास रोहित शर्मा, शिखर धवन, शुभमन गिल और ईशान किशन का ऑप्शन है.

अब इनमें से किसको खेलना चाहिए, इसी की चर्चा करेंगे.

इंडिया वर्सेज बांग्लादेश मुकाबले में ईशान किशन ने दोहरा शतक जड़कर, कुछ खिलाड़ियों के फ्यूचर पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इसके साथ टीम में सीनियर प्लेयर्स के रहते हुए, उन्होंने टीम एंट्री के लिए दरवाजा खटखटाया नहीं बल्कि CID वाले दया के स्टाइल में तोड़ा है. अब सवाल ये है कि ऐसी तोड़ फोड़ वाली पारी या फिर लगातार बेहतरीन पारियां.. टीम इंडिया को आखिर चाहिए क्या?

चलिए फिर, इन प्लेयर्स की ओवरऑल परफॉर्मेंस आपको बताते है.

#Ishan Kishan 

ईशान किशन. बांग्लादेश के सामने लगातार फेल हो रही टीम इंडिया के लिए इन्होंने दोहरा शतक जड़ा. और साथ ही फॉर्म देखिए इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी पहली सेंचुरी को 200 में तब्दील कर दिया. और शिखर धवन की भाषा में कहें तो जिस खिलाड़ी ने शतक लगाया हो, उसको कैसा ना बैक किया जाए?

ऐसे में बैक करना तो ईशान को भी बनता ही है. प्लस ये उस स्टाइल से बैटिंग करते हैं, जो टीम इंडिया में मिसिंग है. अब आप कहने लगें कि सिर्फ एक दोहरा शतक देखकर इतना हल्ला किया जा रहा है, तो चलिए फिर इस पूरे साल की परफॉर्मेंस देख लेते हैं. इस साल वनडे में ईशान को सात पारियों में बल्लेबाजी करने का मौका मिला.

इसमें उन्होंने 59.57 की एवरेज और 109.73 की स्ट्राइक रेट से 417 रन बनाए हैं. इसमें भी अब इस 210 रन की पारी को अलग कर दें तो ईशान ने बाकी बची छह पारियों में दो बार फिफ्टी प्लस स्कोर किया है. अब इसमें भी मज़े की बात ये है कि ईशान को लगातार मौके नहीं मिले हैं.

जब-जब मैनेजमेंट ने बी टीम को खिलाया है, उस दौरान शुभमन गिल और ईशान किशन को बारी बारी से सीरीज़ में मौके दिए गए. या फिर जब कभी दोनों साथ में खेले, तब ईशान को कभी नंबर तीन तो कभी नंबर चार पर खिलाया गया.

#शुभमन गिल

लेकिन शुभमन गिल की जगह, ओपनिंग में हमेशा पक्की रही है. और उन्होंने इस साल ईशान से कई ज्यादा 12 मुकाबले खेले हैं. जिसमें शुभमन ने 70.88 की एवरेज और 102.57 की स्ट्राइक रेट से 638 रन बनाए हैं. जो कि वनडे क्रिकेट में बहुत शानदार है. इन पारियों में शुभमन ने एक शतक के साथ चार अर्धशतकीय पारियां भी खेली हैं. इतनी पारियों में सिर्फ तीन दफ़ा ऐसा हुआ है कि शुभमन 30 का आंकड़ा पार ना कर पाए हों. इसके अलावा उनका बल्ला हमेशा ही चला है. वो भी वनडे क्रिकेट के हिसाब से ठीक-ठाक स्ट्राइक रेट से.

#रोहित शर्मा

इनके अलावा अगर कप्तान का ज़िक्र करें तो इस फॉर्मेट में उन्होंने भी खूब रन बनाए. वो भी अच्छी एवरेज और अच्छे स्ट्राइक रेट से. आठ मैच में रोहित ने 41.50 की एवरेज और 114.22 की स्ट्राइक रेट से 249 रन बनाए हैं. साथ ही इन आठ पारियों में से रोहित ने तीन बार अर्धशतकीय या उससे ऊपर की पारी खेली. हालांकि, बाकी बची पांच पारियों में रोहित एक बार भी 30 का आंकड़ा पार नहीं कर पाए. इन सब के साथ हम बस आपको ये याद दिलाना चाहते हैं कि रोहित शर्मा टीम के कप्तान हैं.

#शिखर धवन 

अब अंत में ज़िक्र ICC टूर्नामेंट्स में अक्सर ही अच्छा करने वाले शिखर धवन का. शिखर धवन की फॉर्म पर हाल में खूब बातें हो रही हैं. और ये बातें गेम में उनकी स्ट्राइक रेट और इंटेट को लेकर हैं. शिखर बहुत ही धीमा खेल जाते हैं. और ये बात उनके आंकड़ों से भी प्रूव होती है. इस साल खेले 22 मुकाबलों में शिखर ने 688 रन बनाए हैं. इसमें उनकी एवरेज 34.40 की और स्ट्राइक रेट 74.21 की रही है. यानी कि टॉप ऑर्डर में इंडियन मैनेजमेंट के पास जितने ऑप्शन्स हैं, उनमें से सबसे कम. 

और इसमें भी अगर निरंतरता की बात की जाए, तो शिखर के बल्ले से कुल छह अर्धशतकीय पारियां निकली हैं.  

वनडे क्रिकेट जिस फॉर्मेट का होता जा रहा है, और जिस तरीके से शिखर खेलते हैं, ये टीम इंडिया को बैकफुट पर ढकेलता है. लेकिन फिर वही बात कि टीम मैनजमेंट को मांगता है एक्सपीरियंस और शिखर के पास वो झोला भर के है.

ऐसे में अगर वर्ल्ड कप जीतना है तो एक स्मार्ट और रिस्की फैसला मैनेजमेंट और कप्तान को लेना ही पड़ेगा.

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