IND vs SA सीरीज़ में हुई थी मैच फिक्सिंग, किस-किस खिलाड़ी का नाम आया?
कोर्ट ने नागपुर में 19 मार्च, 2000 को खेले गए पांचवें वनडे मैच को फ़िक्स बताया. खिलाड़ियों को 15,000 अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया था.

2000 क्रिकेट मैच फिक्सिंग कांड (2000 cricket match fixing scandal) मामले में 24 साल से ज़्यादा समय बीतने के बाद दिल्ली के अदालत की तरफ़ से फ़ैसला आया है. कोर्ट ने चार आरोपियों के ख़िलाफ़ आरोप तय किए हैं. कोर्ट ने कहा कि भारत-दक्षिण अफ़्रीका टेस्ट और वनडे सीरीज़ के कुछ मैच फ़िक्स किए गए थे (India-South Africa Test and ODI series were fixed). साथ ही, कुछ मैचों को फ़िक्स करने की कोशिश की गई थी. मामले में चार आरोपियों के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी और आपराधिका साज़िश के आरोप तय किए गए हैं. इनमें लंदन स्थित सट्टेबाज और 'मुख्य साज़िशकर्ता' संजीव चावला, T-सीरीज़ के संस्थापक गुलशन कुमार के भाई और एक्टर कृष्ण कुमार के नाम भी शामिल हैं.
इस बारे में पटियाला हाउस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 68 पेज का एक आदेश जारी किया है. इसमें संजीव चावला, कृष्ण कुमार, दिल्ली स्थित सट्टेबाज राजेश कालरा और सुनील दारा उर्फ़ बिट्टू की कथित भूमिका के बारे में बताया गया है. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस ने साल 2000 के क्रिकेट मैच फ़िक्सिंग कांड के सिलसिले में 2013 में चार्जशीट दायर की थी. इसमें दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व कप्तान हैन्सी क्रोन्ये का नाम भी शामिल था, जिनकी 2002 में एक प्लेन हादसे में मौत हो गई थी. बता दें, संजीव चावला को फ़रवरी 2020 में भारत को सौंप दिया गया था.
कोर्ट ने बताया कि जांच के मुताबिक़,
"संजीव चावला ने हैन्सी क्रोन्ये के साथ मिलीभगत करके सट्टेबाजों और मैच फ़िक्स करने वालों के बीच मध्यस्थ का कम किया था. ये पूरी मैच फ़िक्सिंग साउथ अफ़्रीका के कप्तान हैन्सी क्रोन्ये की सक्रिय भागीदारी के बिना भी संभव नहीं होता. उन्होंने किंग्स जांच आयोग के सामने अपनी भूमिका और संलिप्तता की बात मान ली थी. सभी आरोपी एक-दूसरे के साथ लगातार संपर्क में रहे और मैच फ़िक्स कराने की साज़िश रची."
दक्षिण अफ़्रीकी सरकार ने अपने देश के खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ मैच फ़िक्सिंग के आरोपों की जांच किंग्स आयोग को सौंपी थी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, कोर्ट ने कहा कि राजेश कालरा ने 14 मार्च, 2000 को दिल्ली के एक होटल में संजीव चावला की मौजूदगी में हैन्सी क्रोन्ये से पर मुलाक़ात की थी. इसके बाद दोनों लगातार संपर्क में रहे. कोर्ट ने ये भी कहा कि राजेश कालरा ने अपने नाम से एक मोबाइल खरीदा और उसे संजीव के ज़रिए क्रोन्ये को दिया गया था. चावला से सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के बारे में बात की गई थी, जिसमें क्रोनिये को कितना पैसा दिया जाना चाहिए और वे इससे क्या कमाएंगे इस पर भी बात हुई. होटल स्टाफ के बयान से भी इसकी पुष्टि होती है.
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कोर्ट ने जांच के बारे में बताते हुए कहा कि 24 से 28 फ़रवरी तक मुंबई में पहला टेस्ट खेला गया. इस दौरान ये तय हुआ कि दक्षिण अफ़्रीकी टीम एक पारी में 250 से ज़्यादा रन नहीं बनाएगी. ये बात किंग्स कमीशन के सामने पीटर स्ट्राइडम और हैन्सी क्रोन्ये के बयान से भी स्पष्ट होता है. 2 से 6 मार्च तक बेंगलुरु में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में क्रोन्ये ने बाक़ी खिलाड़ियों से इसके बारे में बात की. कोर्ट ने बताया कि दूसरा मैच फ़िक्स नहीं था, हालांकि इसे फ़िक्स कराने की कोशिश की गई.
इसके बाद 9 मार्च को कोच्चि में खेला गया पहला वनडे मैच फ़िक्स था. इसके बाद 12 मार्च को जमशेदपुर में दूसरा वनडे, 15 मार्च को फरीदाबाद में तीसरा वनडे और 17 मार्च को बड़ौदा में चौथा वनडे हुआ. कोर्ट ने कहा कि क्रोन्ये ने किंग्स कमीशन के सामने अपने बयान में कहा था कि 'वो भविष्यवाणी कर रहे थे कि क्या होने वाला है." ये समझा जा सकता है कि हैंसी क्रोन्ये ने आरोपियों को अंदरूनी जानकारी देने में मदद की. साथ ही, उन्हें सट्टा लगाने तथा भारी मुनाफा कमाने में मदद भी की.
नागपुर में 19 मार्च को हुए पांचवें वनडे के बारे में कोर्ट ने बताया कि हैन्सी क्रोन्ये ने मैच का स्कोर फ़िक्स करने पर सहमति जताई थी. वो हर्शल गिब्स का व्यक्तिगत स्कोर फिक्स करने पर भी सहमत था. साथ ही, क्रोन्ये ने विलियम्स से 10 ओवर में 50 से ज़्यादा रन देने के लिए भी बात की थी. दोनों को 15,000-15,000 अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया गया था. बता दें, पुलिस को भारत में चल रहे 'पेप्सी कप' के बारे में मैच फ़िक्सिंग और सट्टेबाजी पर चर्चा के बारे में पता चला. इसके बाद आरोपियों की टेलीफोन कॉल इंटरसेप्शन भी की गई. इसी के बाद परते खुलती गईं. और अब, कोर्ट का फ़ैसला आया है.
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