सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा, जिसे ममता-मोदी दोनों तरफ के लोग अपनी जीत मान रहे हैं
CBI और कोलकाता पुलिस की लड़ाई असल में ममता और मोदी की लड़ाई मानी जा रही है...

असली मामला जानने के लिए पढ़िए: शारदा घोटाला क्या है, जिसकी वजह से कोलकाता से दिल्ली तक कोहराम मचा हैCBI की याचिका पर पश्चिम बंगाल को नोटिस CBI ने 4 फरवरी को अदालत में एक याचिका दी थी. इसमें कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर आरोप लगाया गया था. कि राजीव शारदा चिट फंड केस की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. CBI के मुताबिक, राजीव कुमार आरोपियों के साथ सांठ-गांठ कर रहे हैं.और जांच का बंटाधार करने की कोशिश कर रहे हैं. CBI का ये आरोप भी है कि कोलकाता पुलिस ने उसके अधिकारियों के साथ बदसलूकी की है. इस याचिका पर अदालत ने ममता बनर्जी सरकार को नोटिस जारी किया.The Police Commissioner of Kolkata Rajeev Kumar will appear before the Central Bureau of Investigation (CBI) in Shillong, Meghalaya as a neutral place. https://t.co/VUzsg9P9XN
— ANI (@ANI) February 5, 2019
20 फरवरी को अगली तारीख है राज्य के मुख्य सचिव, DGP और राजीव कुमार, तीनों से 18 जनवरी तक अपना जवाब देने को कहा गया है. इस सिलसिले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई वाली एक बेंच ये केस सुनेगी. इनके जवाब पढ़ने के बाद अदालत तय करेगी कि इन तीनों को निजी तौर पर पेश होने के लिए कहा जाए या नहीं.Hearing in West Bengal CBI matter: Supreme Court issues notice to Commissioner Of Police Kolkata, DGP and West Bengal govt on contempt plea. pic.twitter.com/kETVJKoW6A
— ANI (@ANI) February 5, 2019
क्यों लड़ रहे हैं केंद्र और राज्य: CBI को लेकर मोदी सरकार से क्यों टकरा रही हैं ममता बनर्जी?केंद्र और राज्य, दोनों कह रहे हैं हम जीते केंद्र और राज्य, दोनों इसे अपनी-अपनी जीत बता रहे हैं. ममता कह रही हैं कि अदालत का फैसला उनके पक्ष पर मुहर लगाता है. उनके मुताबिक, ये विपक्ष की जीत है. ममता का कहना है कि वो जांच में सहयोग के लिए हमेशा से तैयार थीं. दूसरी तरफ कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद का कहना है कि कोर्ट का फैसला CBI की नैतिक जीत है.West Bengal CM Mamata Banerjee on SC order that no coercive steps would be taken against Rajeev Kumar: It’s a moral victory. We have great respect for judiciary&all institutions. We are so grateful. We're so obliged. pic.twitter.com/yErxZ1QK20
— ANI (@ANI) February 5, 2019
राजीव कुमार का चिट फंड स्कैम से कनेक्शन सुदीप्तो सेन नाम के एक कारोबारी ने शारदा ग्रुप बनाया था. ये लोग खूब तगड़े मुनाफे का लालच देकर छोटे-छोटे निवेशक जमा करते थे. लोग इसमें अपना पैसा लगाते थे. इस तरह कुछ ही सालों में शारदा ग्रुप ने ढाई हज़ार करोड़ रुपये बना लिए. इसके खिलाफ बातें तो 2009 में ही शुरू हो गई थीं. मगर घंटी बजी 2013 में. खूब सारे लोगों का पैसा डूबा. खूब शिकायतें आईं. काफी शोर-शराबा हुआ, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई. इसके मुखिया थे राजीव कुमार. एक तरफ SIT जांच हो रही थी. दूसरी तरफ CBI और एन्फोर्समेंट डायरक्टरेट (ED) ने भी अपने-अपने स्तर पर जांच की. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस पर तगड़े आरोप थे. सुदीप्तो के कई हाई-प्रोफाइल तृणमूल नेताओं से रिश्ते थे. सताब्दी रॉय, मिथुन चक्रवर्ती, कुणाल घोष, श्रृंजय बोस, मदन मित्रा तृणमूल के कई नेताओं का कनेक्शन था शारदा से.Hearing in SC on West Bengal CBI matter: We will direct the Police Commissioner to make himself available and fully cooperate. We will deal with contempt petition later, observed CJI. pic.twitter.com/UfVrm75Jkq
— ANI (@ANI) February 5, 2019
CBI को राजीव से क्या चाहिए? मई 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की जांच CBI को सौंप दी. SIT ने केस से जुड़ी चीजें तब CBI को सौंप दी. एजेंसी का कहना है कि राजीव कुमार ने जांच के दौरान जो प्राइमरी सबूत जमा किए थे, उनके साथ छेड़छाड़ की उन्होंने. कुछ सबूतों को मिटाया भी. जांच एजेंसी का कहना है कि कुछ अहम सबूत गायब हैं. इन लापता सबूतों में सुदीप्त सेन की एक डायरी है. कहा जा रहा है कि इसमें उन जाने-माने लोगों का नाम और बाकी ब्योरा है, जिन्हें शारदा ग्रुप ने पैसे दिए. इसी सिलसिले में वो राजीव से पूछताछ करना चाहती है. CBI के मुताबिक, वो पिछले डेढ़ साल से राजीव कुमार वाली SIT टीम के लोगों से बात करना चाहती है. मगर ये लोग बात करने को राज़ी नहीं हैं. CBI का दावा है कि सितंबर 2017 से उसने 18 बार ये पूछताछ करने की कोशिश की. मगर वेस्ट बंगाल पुलिस और उस SIT टीम से कोई नहीं आया. राजीव कुमार को पांच बार बुलावा भेजा गया, मगर वो पेश नहीं हुए.Union Min RS Prasad: Today we've to ask larger questions on behalf of the party. Lakhs of small investors were cheated&looted off their money. Is it not our moral obligation for an investigation? Why is Mamata ji silent on this? Why are the other political parties silent on this? pic.twitter.com/vOQmdEv8kb
— ANI (@ANI) February 5, 2019
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