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कपिल मिश्रा तस्वीर की इन 1.25 गलतियों को पहले ही देख लेते तो कभी ये विवादित ट्वीट न करते

और अब कर दिया है तो उनकी गर्दन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है.

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दर्पण
29 अक्तूबर 2019 (Updated: 29 अक्तूबर 2019, 09:32 AM IST)
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कपिल मिश्रा. कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान एक किताब लिखी. ‘कॉमन वर्सेज़ वेल्थ’. मने ‘आम बनाम धन’. चर्चा में आए तो आप जॉइन कर ली. फिर विधायक बन गए. फिर अरविंद केजरीवाल पर करप्शन का आरोप लगाया. मई 2017 में उन्हें आम आदमी पार्टी (आप) से निष्काषित कर दिया गया. अब बीजेपी में हैं. ये तो रहा इनका छोटा सा इतिहास. अब बात करते हैं इनके वर्तमान की. आजकल फिर चर्चा में हैं. अपने एक ट्वीट के चलते. जिसे बाद में डिलीट भी कर दिया गया था.

# क्या था इस ट्वीट में-

ट्वीट में एक एक तस्वीर थी. इसमें ढेर सारे बच्चे थे और कुछ औरतें थीं. कुछ आदमी भी थे. लेकिन वो इस ट्वीट के कैप्शन का टारगेट नहीं थे. तो टारगेट कौन थे? तस्वीर में दिख रहे बच्चे. कैप्शन में क्या लिखा था, ये पढ़ लीजिए, रिलेट करने में आसानी होगी-
पॉल्यूशन कम करना है तो ये वाले (मतलब तस्वीर में दिख रहे) पटाखे कम करो दिवाली के पटाखे नहीं.
अब ये ट्वीट पोस्ट करके, उसको डिलीट करके मिश्रा सा’ब चलते तो बने, लेकिन गुणीजन कह गए हैं कि इस चराचर जगह में जहां कहीं भी ट्वीट है, उस हर जगह स्क्रीन शॉट भी अवश्य है. तो भाई, जब तक ट्वीट वायरल हो रहा था तब तक ट्वीट वायरल हो रहा था, वो डिलीट हुआ तो स्क्रीनशॉट वायरल होने लगे.

# इस ट्वीट में क्या दिक्कत है-

एक नहीं कई दिक्कतें हैं. जैसे सबसे बड़ी दिक्कत तो ये है कि इस तस्वीर को ग़ौर से देखने पर एक संप्रदाय विशेष के प्रति दुर्भावना से ग्रस्त लगता है. और ये हमारी निजी राय नहीं है. कपिल मिश्रा के खिलाफ इसको लेकर जामिया नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज हो गई है. शिकायतकर्ता हैं, महमूद अहमद. उनके अनुसार ये एक विशेष संप्रदाय को भड़काने वाली और आपत्तिजनक है. इसके अलावा, जो दूसरी दिक्कत हमें नज़र आती है वो है पटाखों और उससे होने वाले प्रदूषणों पर इस ट्वीट का असंवेदनशील, अत्यधिक असंवेदनशील होना. केवल कैप्शन में ही नहीं तस्वीर में भी एक बहुत बड़ी दिक्कत है. ज़रा गौर से बच्चों की संख्या गिनिये. बहुत ज़ोर लगाने पर भी गिनती 10 से आगे नहीं बढ़ती. और ज़रा महिलाओं की संख्या गिनिये. कम से कम 8 तो आगे ही हैं. यानी अगर न्यूनतम महिलाएं और अधिकतम बच्चे भी काउंट किए जाएं तो भी प्रति परिवार सवा बच्चों से ज़्यादा का औसत नहीं आता. और यकीन कीजिए भारत ही नहीं किसी भी देश के लिए इससे बढ़िया रेश्यो हो ही नहीं सकता. और इस फैक्ट को कपिल मिश्रा जान लेते तो इस ट्वीट का कोई अस्तित्व ही न होता, और अगर ट्वीट नाम का बांस न होता तो विवाद नामक बेसुरी बांसुरी भी न बनती. बाकी जिनको विवाद ही खड़े करने हैं वो किसी भी आपदा किसी भी डिमोटिवेशन से कहां रुके हैं.
वीडियो देखें:

एक्टर विश्व भानु ने कॉलोनी के मुस्लिम पड़ोसियों पर जो आरोप लगाए, उसकी हकीकत जान लीजिए-

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