कपिल मिश्रा तस्वीर की इन 1.25 गलतियों को पहले ही देख लेते तो कभी ये विवादित ट्वीट न करते
और अब कर दिया है तो उनकी गर्दन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है.
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फोटो - thelallantop
# क्या था इस ट्वीट में-
ट्वीट में एक एक तस्वीर थी. इसमें ढेर सारे बच्चे थे और कुछ औरतें थीं. कुछ आदमी भी थे. लेकिन वो इस ट्वीट के कैप्शन का टारगेट नहीं थे. तो टारगेट कौन थे? तस्वीर में दिख रहे बच्चे. कैप्शन में क्या लिखा था, ये पढ़ लीजिए, रिलेट करने में आसानी होगी-पॉल्यूशन कम करना है तो ये वाले (मतलब तस्वीर में दिख रहे) पटाखे कम करो दिवाली के पटाखे नहीं.अब ये ट्वीट पोस्ट करके, उसको डिलीट करके मिश्रा सा’ब चलते तो बने, लेकिन गुणीजन कह गए हैं कि इस चराचर जगह में जहां कहीं भी ट्वीट है, उस हर जगह स्क्रीन शॉट भी अवश्य है. तो भाई, जब तक ट्वीट वायरल हो रहा था तब तक ट्वीट वायरल हो रहा था, वो डिलीट हुआ तो स्क्रीनशॉट वायरल होने लगे.
Yesterday, BJP leader Kapil Mishra had tweeted "Pollution kam karna hai to yeh wale patakhe kam karo, Diwali ke patakhe nahi," along with a picture in which few members of the Muslim community can be seen. https://t.co/W4E5xTlb5N pic.twitter.com/nnd4lKH1nR
— ANI (@ANI) October 29, 2019
# इस ट्वीट में क्या दिक्कत है-
एक नहीं कई दिक्कतें हैं. जैसे सबसे बड़ी दिक्कत तो ये है कि इस तस्वीर को ग़ौर से देखने पर एक संप्रदाय विशेष के प्रति दुर्भावना से ग्रस्त लगता है. और ये हमारी निजी राय नहीं है. कपिल मिश्रा के खिलाफ इसको लेकर जामिया नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज हो गई है. शिकायतकर्ता हैं, महमूद अहमद. उनके अनुसार ये एक विशेष संप्रदाय को भड़काने वाली और आपत्तिजनक है. इसके अलावा, जो दूसरी दिक्कत हमें नज़र आती है वो है पटाखों और उससे होने वाले प्रदूषणों पर इस ट्वीट का असंवेदनशील, अत्यधिक असंवेदनशील होना. केवल कैप्शन में ही नहीं तस्वीर में भी एक बहुत बड़ी दिक्कत है. ज़रा गौर से बच्चों की संख्या गिनिये. बहुत ज़ोर लगाने पर भी गिनती 10 से आगे नहीं बढ़ती. और ज़रा महिलाओं की संख्या गिनिये. कम से कम 8 तो आगे ही हैं. यानी अगर न्यूनतम महिलाएं और अधिकतम बच्चे भी काउंट किए जाएं तो भी प्रति परिवार सवा बच्चों से ज़्यादा का औसत नहीं आता. और यकीन कीजिए भारत ही नहीं किसी भी देश के लिए इससे बढ़िया रेश्यो हो ही नहीं सकता.पूर्व मंत्री @KapilMishra_IND जी,आपसे बड़ी उम्मीदें थीं. मेरी मां की 7 बहनें हैं,1 भाई.1 भाई पैदा होते ही मर गए.कुल 9.मेरी दीदी की 4 बेटियां हैं,1 बेटा.मैं तो इनके लिए फ्रॉक,सूट,साड़ी,जीन्स,टॉप भिजवाता था. क्या करूं?इस दीवाली इन्हें भी बम,पटाखा समझ लूं.समझ भी लूं तो कम कैसे करूं pic.twitter.com/4Pj10SvdfX — NEERAJ BHATT (@neebhatt) October 28, 2019और इस फैक्ट को कपिल मिश्रा जान लेते तो इस ट्वीट का कोई अस्तित्व ही न होता, और अगर ट्वीट नाम का बांस न होता तो विवाद नामक बेसुरी बांसुरी भी न बनती. बाकी जिनको विवाद ही खड़े करने हैं वो किसी भी आपदा किसी भी डिमोटिवेशन से कहां रुके हैं.
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