जब प्रिया प्रकाश के आंख मारने का केस सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने पहुंचा
जज साहब ने अपनी ज़िंदगी में पहली बार ऐसे किसी केस के बारे में सुनवाई की होगी.

प्रिया प्रकाश वारियर याद हैं? भूल तो नहीं गए! वही एक्ट्रेस, जिनके एक बार आंख मारने पर आधा देश फिदा हो गया था. लेकिन जैसा कि प्रकृति का नियम है... सवा सौ करोड़ के देश में कुछ चमन भी होंगे ही. तो प्रिया प्रकाश के आंख मारने वाली क्लिप देखकर कुछ लोगों के पेट में दर्द हो गया. दर्द तक तो ठीक था, कुछ के ऐसे मरोड़ उठी कि जाकर FIR करा आए. ऐसे ही दो बांगड़ू रहे मुकीथ खान और ज़हीरुद्दीन अली.
इन दोनों ने हैदराबाद के एक पुलिस थाने में प्रिया प्रकाश के खिलाफ FIR दर्ज कराई. शिकायत में इन्होंने लिखवाया कि प्रिया प्रकाश ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के मकसद से जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण काम किया है.
31 अगस्त को इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के सामने पहुंची. सुप्रीम कोर्ट में बैठे थे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा. ऐसी FIR देखकर मिश्राजी ऐसा भड़के कि मुकीथ और ज़हीरुद्दीन को सीधे झिड़क डाला. मिश्राजी कहिन,
'कोई शख्स किसी फिल्म में कोई गाना गाता है और तुम्हारे पास केस दर्ज कराने के अलावा कोई काम नहीं है...'
सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए केस खारिज कर दिया कि प्रिया प्रकाश पर कोई केस नहीं बनता है. साथ ही, कोर्ट ने फिल्म 'ओरु अदार लव' के डायरेक्टर और प्रड्यूसर पर दर्ज हुई FIR भी कैंसिल कर दी है.
कोर्ट में प्रिया प्रकाश का पक्ष ये था कि वो गाना पैगंबर मोहम्मद और उनकी पहली पत्नी खदीजा के बीच प्रेम के बारे में है, लेकिन शिकायत करने वालों ने उसे गलत समझ लिया. प्रिया ने ये भी बताया कि ये गाना उत्तरी केरल के मालाबार इलाके में परंपरागत रूप से मुस्लिमों द्वारा गाया जाता है.
जब सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया गया कि इस्लाम में आंख मारना हराम है, तो चीफ जस्टिस ने कहा, 'ये सिर्फ एक गाना है'. इससे पहले फरवरी 2018 में कोर्ट ने प्रिया के खिलाफ सभी पुलिस केसेज़ को होल्ड कर दिया था.