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धारा 144 और 420 में अब कोई नहीं पकड़ा जाएगा, पर क्राइम किया तो किन धाराओं में धरे जाओगे?

नए Criminal laws को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही अब ये तीनों बिल कानून बन गए हैं. IPC को भारतीय न्याय संहिता, CRPC को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट को भारतीय साक्ष्य संहिता के नाम से जाना जाएगा. जुबान पर रटी प्रचलित धाराएं जो बदल गईं, उनके बारे में जान लीजिए

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ipc section 144, 420, 302 changed
बहुत ज्यादा प्रचलित धाराएं बदल गईं | प्रतीकात्मक फोटो: इंडिया टुडे
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अभय शर्मा
26 दिसंबर 2023 (Updated: 26 दिसंबर 2023, 03:12 PM IST)
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क्राइम से जुड़े तीन कानूनों में बड़ा बदलाव हुआ है. अंग्रेजों के दौर में बने कानून अब खत्म हो चुके हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों नए क्रिमिनल लॉ बिल को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही तीनों बिल - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल - ने कानून का रूप ले लिया है. इस मंजूरी के बाद 1860 में बनी IPC को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 1898 में बनी CRPC को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के इंडियन एविडेंस एक्ट को भारतीय साक्ष्य संहिता के नाम से जाना जाएगा. आइए आपको उन कुछ चर्चित धाराओं के बारे में बताते हैं, जो लोगों की जुबान पर रहती थीं, लेकिन अब वो बदल गई हैं. अब इन धाराओं की जगह कौन सी नई धाराएं लागू होंगी, इसकी भी जानकारी आपको देते हैं.

IPC में धारा-144 का मुख्य मकसद कई लोगों का एक जगह पर इकठ्ठा होने से रोकना है. सरकार ये धारा तब लागू करती है जब लोगों के इकट्ठा होने से कोई खतरा हो सकता है. धारा 144 लगने के बाद चार या चार से ज्यादा लोग एक जगह जमा नहीं हो सकते हैं. नए कानून में इसकी जगह धारा 187 लगेगी.

IPC की धारा-302 के तहत मर्डर के मामले में सजा दिए जाने का प्रावधान है. मगर, नए कानून में हत्या की धारा 101 होगी. नए कानून में धारा 302 छिनौती के मामले में लगेगी.

IPC की धारा-376 दुष्कर्म के मामलों में लगती थी, जिसकी जगह अब धारा 63 लेगी और धारा 64 सजा से संबंधित है, जबकि धारा 70 गैंगरेप के अपराध से संबंधित होगी.

IPC में धारा-420 धोखाधड़ी का अपराध है, जबकि नए बिल में धोखाधड़ी के लिए धारा 316 लगाई जाएगी. नए कानून में अब धारा 420 नहीं है.

IPC की धारा-121 भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या युद्ध छेड़ने का प्रयास करने या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाने के लिए लगती थी. इसकी जगह अब नए कानून की धारा 146 लगेगी.

IPC की धारा-499 मानहानि से संबंधित थी, इसकी जगह नए कानून की धारा 354 लगाई जाएगी.

IPC की धारा-124-ए राजद्रोह के मामले में लगती थी, जिसकी जगह अब नए कानून की धारा 150 लगेगी.

और जानिए क्या-क्या बदला?

IPC में 511 धाराएं थीं, जबकि इसकी जगह लाए गए बीएनएस में 358 धाराएं होंगी. 21 नए अपराध जोड़े गए हैं. 41 अपराधों में कारावास की अवधि बढ़ाई गई है. 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ा है. 25 अपराधों में जरूरी न्यूनतम सजा शुरू की गई है. 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड रहेगा. बीएनएस में 19 धाराओं को खत्म कर दिया गया है.

CRPC में 484 धाराएं थीं. अब इसकी जगह आए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं होंगी. 177 धाराओं को बदल दिया गया है. 9 नई धाराएं जोड़ी गईं हैं और 14 को खत्म कर दिया गया है.

इंडियन एविडेंस एक्ट में पहले 167 धाराएं थीं. इसकी जगह आए नए कानून - भारतीय साक्ष्य संहिता - में 170 धाराएं होंगी. 24 धाराओं में बदलाव किया गया है. दो नई धाराएं जुड़ीं हैं. 6 धाराएं खत्म हो गईं हैं.

वीडियो: राजद्रोह कानून खत्म होगा? नए और पुराने कानून की परिभाषा में फर्क कितना है?

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