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ये अंग्रेज भारत के बारे में घटिया-घटिया बात बोलता था, अब ऋषि सुनक ही PM बन गए

महात्मा गांधी को "अधनंगा" कहा था.

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(बाएं-दाएं) विन्सटन चर्चिल और ऋषि सुनक. (तस्वीरें- इंडिया टुडे और कनाडियान पार्लियामेंट)
25 अक्तूबर 2022 (Updated: 26 अक्तूबर 2022, 06:11 IST)
Updated: 26 अक्तूबर 2022 06:11 IST
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भारतवंशी ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. 24 अक्टूबर की शाम से ये खबर देश-दुनिया की मीडिया में छाई हुई है. सोशल मीडिया पर भी ऋषि सुनक का नाम गूंज रहा है. लेकिन दो और नाम चल रहे हैं. आनंद महिंद्रा और विन्सटन चर्चिल. या कहें कि आनंद महिंद्रा की वजह से विन्सटन चर्चिल की चर्चा हो रही है. वजह है आनंद महिंद्रा का एक ट्वीट. ऋषि सुनक के ब्रिटेन के पीएम बनने की खबर आने के बाद महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा,

"1947 में भारत की आजादी के वक्त विन्सटन चर्चिल ने कथित रूप से कहा था, "...सभी भारतीय नेताओं की बौद्धिक क्षमता निम्न दर्जे की होगी और उनमें कोई ईमानदारी नहीं होगी." आज, हमारी आजादी के 75वें साल में, हम एक भारतीय मूल के व्यक्ति को यूके का प्रधानमंत्री बनता देख रहे हैं. जीवन बहुत सुंदर है..."

आनंद महिंद्रा का ये ट्वीट वायरल हो गया है. कई लोग उनकी बात का समर्थन कर ऋषि सुनक की तारीफ कर रहे हैं और विन्सटन चर्चिल को कोस रहे हैं. वहीं कई लोग ये भी कह रहे हैं कि सुनक की इस उपलब्धि पर आनंद महिंद्रा काहे इतना उत्साहित हो रहे हैं. प्रतिक्रियाओं के बीच विन्सटन चर्चिल पर भी बहस होने लगी है. कहा जा रहा है कि ये शख्स भले ही द्वितीय विश्व युद्ध के नायकों में से एक था, लेकिन भारत और यहां के लोगों के बारे में बहुत घटिया बोलता था. क्या-क्या बोलता था, हम बताते हैं.

बंगाल की भुखमरी पर

1943 में बंगाल में भयानक भुखमरी का संकट पैदा हो गया था. सैकड़ों-हजारों नहीं लाखों लोगों की मौत हो गई थी. बताया जाता है कि इसके लिए चर्चिल की नीतियां भी जिम्मेदार थीं. इस राय के विरोध में भी तर्क दिए जाते हैं. खैर, बंगाल की भुखमरी पर चर्चिल ने कहा था,

"वे (यानी भारतीय) लोग अपने धर्म की तरह ही जानवरों जैसे हैं. ये भुखमरी उन्हीं की गलती है वे चूहों की तरह पैदा जो होते हैं."

भारत की आज़ादी पर

विन्सटन चर्चिल दो बार ब्रिटेन के पीएम रहे. उनका पहला कार्यकाल मई 1940 से जुलाई 1945 तक का था. इस दौरान भारत अपने स्वतंत्रता संघर्ष के अंतिम वर्षों में था. हालांकि भारत को आजादी मिली पूर्व ब्रिटिश पीएम क्लेमेंट एटली के कार्यकाल में. वो जुलाई 1945 से अक्टूबर 1951 तक पीएम रहे. इसी दौरान भारत आजाद हुआ और विभाजित भी. विन्सटन चर्चिल इससे खुश नहीं थे. उन्होंने एक भविष्यवाणी की,

"अगर उन्हें (भारत को) आजादी दे दी तो सत्ता धूर्त, बदमाश और लुटेरों के हाथ में चली जाएगी. एक वक्त आएगा जब पानी की बोतल और रोटी के टुकड़े तक टैक्स से नहीं बच पाएंगे. सिर्फ हवा मुफ्त होगी और लाखों लोगों के खून का जिम्मा एटली के सिर पर होगा."

भारत के विभाजन पर

"तुम्हारी अनमोल एकता के लिए अपने सैनिकों को भीषण गरमी और बीमार करने देने वाले माहौल में रखूं, इससे बेहतर है मैं उन्हें एक बढ़िया गृह युद्ध छेड़ते देखूं."

विन्सटन ने अपनी जबान यानी अंग्रेजी में ये बात कही थी. इसमें उन्होंने भारत के लिए Syphilitic शब्द का इस्तेमाल किया था. सिफलिस (Syphilis) एक बैक्टीरियल बीमारी है. बताते हैं कि ये सेक्शुअल कॉन्टैक्ट में आने से फैलती है. चर्चिल के भारत और यहां के लोगों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई जाती है.

महात्मा गांधी पर

विन्सटन चर्चिल की खुन्नस महात्मा गांधी से भी थी. भारत में स्वतंत्रता के लिए अहिंसक आंदोलन का नेतृत्व कर रहे गांधी के लिए चर्चिल ने कहा था,

"महात्मा गांधी को देखकर घृणा होती है. एक अदना सा उपद्रवी वकील, जो खुद को फकीर की तरह दिखा रहा है, नाफरमानी करते हुए विद्रोही अभियान चला रहा है, अधनंगा होकर वाइसरॉय के महल में घूम रहा है."

भारत या भारतीयों को लेकर चर्चिल के आपत्तिजनक बयान तो हमने आपको बता दिए. लेकिन सवाल उठता है कि जिन ऋषि सुनक के ब्रिटिश पीएम बनने पर आनंद महिंद्रा को गर्व हो रहा है, क्या उन्होंने विन्सटन चर्चिल के इन बयानों पर कभी आपत्ति या असहमति जताई है, या आगे कभी जताएंगे. ये सही है कि ऋषि सुनक के दादा-दादी जरूर अविभाजित भारत के रहने वाले थे, उनकी पत्नी एक भारतीय है, लेकिन सुनक की पैदाइश से लेकर उनकी शिक्षा और राजनीतिक गतिविधियों का भारत से कोई लेना-देना नहीं है. वो यूके में पैदा हुए, वहीं पले-बढ़े, उनके पास भारतीय पासपोर्ट भी नहीं है, उन्होंने ब्रिटिश नागरिकों के मुद्दे उठाए हैं, उन पर राजनीति की और अब पीएम भी वहीं के बनने जा रहे हैं. जैसे कभी विन्सटन चर्चिल थे जिन्हें ब्रिटेन के लोग नायक मानते हैं. क्या ऋषि सुनक उन्हें नायक नहीं मानते?

चलते-चलते बता दें कि विन्सटन चर्चिल भी सुनक की तरह कन्जर्वेटिव पार्टी के नेता थे.

तारीख: महात्मा गांधी को “नंगा वकील” क्यों बुलाता था चर्चिल?

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