E की जगह A किया और उड़ा दिए 22 लाख, ईमेल एड्रेस वाला ये फ्रॉड पहले न सुना होगा
बेहद बारीकी खेल, पूरे फ्रॉड की कहानी सुन समझ जाएंगे कि इससे बचने के लिए आपको क्या नहीं करना है

कई साल पहले की बात है बाबू जी घर में कुछ लाख रुपए लेकर आए, कोई बड़ी चीज खरीदनी थी. जब तक घर में वो पैसे रहे, घरवालों को नींद नहीं आई. फिर आई इंटरनेट बैंकिंग की दुनिया और डेबिट-क्रेडिट कार्ड का चलन शुरू हुआ. लगा अब कैश रखने की टेंशन खत्म. लेकिन, कुछ साल बीते पहले से बड़ी टेंशन शुरू हो गई. लुटेरे यहां भी पहुंच गए. जरा सावधानी हटी और दुर्घटना घटी वाली स्थिति हो गई है. इंटरनेट पर काम करते वक्त सावधानी महाराष्ट्र की एक कंपनी के अधिकारी भी नहीं रख पाए और बड़ी दुर्घटना घट गई. साइबर लुटेरों ने कंपनी को पूरे 22 लाख रुपए की चपत लगा दी. ये धोखाधड़ी ईमेल एड्रेस के जरिए हुई. लुटेरों ने E का A करके कंपनी के पैसे उड़ा दिए.
इस षडयंत्र की पूरी कहानीइंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों पुणे स्थित एक इंजीनियरिंग प्रोडक्ट कंपनी ने फ्रांस की एक फर्म को बड़ा ऑर्डर दिया था. पूरे ऑर्डर की कीमत करीब 51 हजार यूरो (करीब 46 लाख रुपए) थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुणे की कंपनी ने ये ऑर्डर ईमेल के जरिए दिया था. ऑर्डर की डिटेल मिलने के बाद फ्रांस की कंपनी ने उसे ईमेल के जरिए ही इनवॉयस भेजी, जिससे ऑर्डर कंफर्म हो गया.
लेकिन, इसके कुछ देर बाद ही पुणे की कंपनी को एक ईमेल आता है. इसमें फ्रांस की कंपनी की ओर से बताया जाता है कि वो पेरिस के अपने रेगुलर बैंक अकाउंट को एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से कंपनी के पुर्तगाली बैंक के अकाउंट में ऑर्डर की एडवांस रकम भेज दी जाए. ईमेल में पुर्तगाली बैंक अकाउंट की डिटेल्स भी भेजी गई थी. पुणे की कंपनी के अधिकारी ने इस ईमेल को देखकर पुर्तगाली बैंक अकाउंट में एडवांस पेमेंट के तौर पर 24,589 यूरो (करीब 22 लाख रुपए) ऑनलाइन भेज दिए.
कैसे पता लगा स्पेलिंग की गलती?इस एडवांस पेमेंट के कई हफ्ते बाद भी ऑर्डर को लेकर जब फ्रांस की कंपनी का कोई जवाब नहीं आया, तो पुणे की कंपनी के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया. फ्रांस की फर्म से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि उन्हें कोई एडवांस पेमेंट नहीं मिली है. ये सुनते ही पुणे के अधिकारियों के होश उड़ गए.
मामले की जांच-पड़ताल शुरू हुई. पता लगा कि पुर्तगाली बैंक के अकाउंट में पैसे भेजने वाला मेल जिस ईमेल एड्रेस से भेजा गया था वो फ्रांस की कंपनी का था ही नहीं. गौर करने पर पता लगा कि ईमेल एड्रेस में एक जगह पर E की जगह A किया गया था. यानी ये ईमेल फ्रांस की कंपनी ने नहीं, साइबर लुटेरों ने भेजा था.
इसके बाद पुणे पुलिस को इस फ्रॉड की जानकारी दी गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है. माना जा रहा है कि हैकर्स ने फ्रांस या फिर पुणे की कंपनी की ईमेल डिटेल्स चोरी की और फिर ये पूरा षड्यंत्र तैयार किया.
इस खबर से एक बड़ी बात समझ में आती है कि आपको इंटरनेट पर इतना चौकन्ना रहना कि आपको सुई के गिरने की आवाज भी सुनाई पड़ जाए. यानी सावधानी तो रखनी ही है लेकिन, बारीकी के साथ.
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