हाल ही में एक इंटरव्यू के नवनिर्वाचित सांसद कंगना रनौत ने यह कहकर सुर्खियां बटोरीं कि "सांसद होना कोई मजाक नहीं है", जिससे मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरु हो गई. हिमाचल प्रदेश के मंडी से जीतने के बाद उनके शुरुआती राजनीतिक अनुभवों को उन्होंने कैसे याद किया? क्या यह राजनीतिक दबाव का एक ईमानदार इजहार था या उनका मुखर स्वभाव? इस बयान की वजह से संसद में उनके भविष्य के लिए इसके क्या मायने हो सकते हैं, यह जानने के लिए पूरा वीडियो देखें.