PM मोदी ने कहा, 'बीते 75 वर्षों में सिर्फ अधिकारों की बात करने की वजह से समाज में कमी आई'
"अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाना, इस बात ने भारत को कमजोर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है."
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हालिया वक्तव्य.उन्होंने कहा है कि बीते 75 साल में देश में जो अधिकारों पर जो बहस हुई, उस बहस ने देश को पीछे रखा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बात तब कही, जब वो 20 जनवरी को ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
"हमें ये भी मानना होगा कि आजादी के बाद के 75 वर्षों में, हमारे समाज में, हमारे राष्ट्र में, एक बुराई सबके भीतर घर कर गई है. ये बुराई है, अपने कर्तव्यों से विमुख होना. अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि ना रखना. बीते 75 वर्षों में हम सिर्फ अधिकारों की बात करते रहे, अधिकारों के लिए जूझते रहे, झगड़ते रहे. समय भी खपाते रहे. अधिकार की बात, कुछ हद तक, कुछ समय के लिए, किसी एक परिस्थिति में सही हो सकती है. लेकिन अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाना, इस बात ने भारत को कमजोर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है."उन्होंने आगे कहा,
"भारत ने अपना बहुत बड़ा समय इसलिए गंवाया है क्योंकि कर्तव्यों को प्राथमिकता नहीं दी गई. इन 75 वर्षों में कर्तव्यों को दूर रखने की वजह से, जो खाई पैदा हुई है. सिर्फ अधिकार की बात करने की वजह से समाज में जो कमी आई है. उसकी भरपाई, हम मिलकर, आने वाले 25 वर्षों में कर्तव्य की साधना कर पूरी कर सकते हैं."'देश को बदनाम करने की कोशिश' अपने इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को धूमिल करने के प्रयास चलते रहते हैं. उन्होंने कहा कि हम इन प्रयासों से ये कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि ये सिर्फ राजनीति है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये राजनीति नहीं, बल्कि देश का सवाल है.
उन्होंने कहा कि आज जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे में हमारा दायित्व है कि दुनिया भारत को सही रूप में जाने. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ऐसी संस्थाएं, जिनकी एक अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति है, वे दूसरे देशों के लोगों तक भारत की सही बात पहुंचाएं. भारत के बारे में जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उनकी सच्चाई वहां के लोगों को बताएं, उन्हें जागरूक करें, ये भी हमारा कर्तव्य है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृतकाल का ये समय, सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है. उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया, ये 25 वर्ष का कालखंड, उसे दोबारा प्राप्त करने का है. उन्होंने ये भी कहा कि हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों को जीवंत रखना है.आप सभी इस बात के साक्षी रहे हैं कि भारत की छवि को धूमिल करने के लिए किस तरह अलग-अलग प्रयास चलते रहते हैं।
इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत कुछ चलता रहता है। इससे हम ये कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि ये सिर्फ राजनीति है। ये राजनीति नहीं है, ये हमारे देश का सवाल है: PM — PMO India (@PMOIndia) January 20, 2022