पोलावरम प्रोजेक्ट को लेकर PM मोदी से मिले CM जगनमोहन रेड्डी, क्या है ये प्रोजेक्ट?
इस प्रोजेक्ट से लोगों को बहुत फायदा होगा.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी (Y S Jagan Mohan Reddy) ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की. इस मुलाकात में दोनों के बीच पोलावरम प्रोजेक्ट और दूसरे कई जरूरी मुद्दों पर चर्चा हुई. इस साल दोनों नेताओं के बीच ये चौथी मुलाकात है.
लगभग एक घंटे की मीटिंग में मुख्यमंत्री रेड्डी ने इस बात पर जोर दिया कि उनके राज्य ने इस परियोजना पर 2,900 करोड़ रुपये तक लगाए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र से उन्हें मदद चाहिए. रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार को एड-हॉक बेसिस पर ही 10 हजार करोड़ रुपये देने चाहिए, ताकि इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके.
क्या है पोलावरम प्रोजेक्ट?देश में बनने वाली सबसे बड़ी बहुद्देश्यीय परियोजना पोलावरम बांध के निर्माण की शुरुआत 1978 में हुई थी. 1985-86 में निर्माण की लागत का अंदाजा 2665 करोड़ रुपये था, ये 2011-12 में बढ़कर 16 हजार करोड़ रुपये हो गया. वर्तमान में लागत तकरीबन 55 हजार करोड़ रुपये तक जाने की संभावना है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय (Union Environment Ministry) ने आंध्र प्रदेश में पोलावरम बहुउद्देशीय परियोजना (Polavaram Multipurpose Project) के निर्माण कार्य की अवधि को दो साल आगे बढ़ा दिया है.

# इस परियोजना के तहत गोदावरी नदी पर मिट्टी और पत्थर युक्त बांध बनाने की परिकल्पना की गई है.
# बांध की अधिकतम ऊंचाई 48 मीटर निर्धारित है.
# इस परियोजना से लगभग 3 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी, 960 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली उत्पन्न की जाएगी.
# इस परियोजना के आसपास के 540 गांवों में पेयजल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे विशाखापत्तनम, पूर्वी गोदावरी एवं पश्चिमी गोदावरी और कृष्णा ज़िलों में रहने वाले लगभग 25 लाख लोगों को फायदा होगा.
प्रधानमंत्री से इस मुलाकात के दौरान, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की. इनमें राज्य में 12 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए मंजूरी की बात भी की गई है. वहीं, इसके पहले अगस्त में पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान, CM रेड्डी ने पोलावरम प्रोजेक्ट, कडप्पा स्टील प्लांट, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सही लोगों को फायदा पहुंचाए जाने की बात कही थी.
(ये खबर हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं हर्षिता ने लिखी है.)
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