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शिवाजी की मूर्ति गिरने पर PM मोदी ने माफी मांगी, बोले- "छत्रपति हमारे लिए..."

इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी माफी मांगी थी. सिंधुदुर्ग जिले में बनी 35 फुट की शिवाजी की मूर्ति का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही किया था.

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Narendra Modi shivaji
पालघर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो- X/BJP)
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साकेत आनंद
30 अगस्त 2024 (Updated: 30 अगस्त 2024, 04:51 PM IST) कॉमेंट्स
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में शिवाजी 'महाराज' की मूर्ति (Shivaji Statue) गिरने की घटना पर माफी मांगी है. 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग जिले में बनी 35 फुट की शिवाजी की मूर्ति ढह गई थी. इस मूर्ति का अनावरण पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने ही किया था. लेकिन मूर्ति ढहने के बाद विपक्ष महाराष्ट्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लगातार हमलावर था. इसके कारण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी माफी मांगी थी.

इस साल के अंत में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले आज, 30 अगस्त को प्रधानमंत्री में कई विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इसके अलावा, वहां के सभा में लोगों को संबोधित भी किया. इसी दौरान उन्होंने शिवाजी की मूर्ति टूटने पर भी बयान दिया. प्रधानमंत्री ने कहा, 

"छत्रपति शिवाजी महाराज... मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं. पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं."

सिर्फ यही नहीं, PM मोदी ने बताया कि जब 2013 में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया था, तो वे सबसे पहले रायगढ़ किले में गए थे और शिवाजी की समाधि के सामने बैठ कर प्रार्थना की थी.

सावरकर का जिक्र आया

मूर्ति गिरने पर विपक्ष के हमलों को लेकर भी प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की है. उन्होंने अपने भाषण में विनायक दामोदर सावरकर का जिक्र करते हुए कहा, 

“हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो आए दिन भारत मां के महान सपूत, इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं, अपमानित करते रहते हैं, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं. वे लोग वीर सावरकर को गालियां देने के बाद भी माफी मांगने को तैयार नहीं हैं. उनको पश्चाताप नहीं होता है... महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान गई है.”

वीडी सावरकर भी महाराष्ट्र के ही रहने वाले थे. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि उनका (सावरकर) अपमान कर लोग अदालतों में जाकर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं, लेकिन माफी नहीं मांगते.

पीएम ने कहा कि ये उनका संस्कार है कि महाराष्ट्र की धरती पर आते ही वे पहला काम अपने “आराध्य देव शिवाजी महाराज” के चरणों में सिर झुकाकर माफी मांगने का कर रहे हैं.

विपक्ष ने घेर लिया था

सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में शिवाजी की ये मूर्ति बनी थी. पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसका अनावरण किया था.

विपक्षी दलों ने मूर्ति ढहने के बाद सरकार को घेरना शुरू कर दिया था. एनसीपी (SP) सांसद सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि ये प्रतिमा जल्दबाजी में बनाई गई थी. सुले ने दावा किया कि उन्होंने इस मूर्ति को बदलने की भी मांग की थी लेकिन सरकार ने नजरअंदाज कर दिया था.

ये भी पढ़ें- जाति जनगणना के मुद्दे पर विपक्ष के साथ जेडीयू, संसदीय समिति की बैठक में उठाई ये मांग

विपक्ष के भारी हंगामे के बाद ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. हालांकि, शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा था कि FIR में ठेकेदार के अलावा मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी मंत्री का भी नाम होना चाहिए. वहीं, शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंद के इस्तीफे की मांग कर दी थी.

इसके बाद, एकनाथ शिंदे ने घटना पर माफी मांगी थी. उन्होंने कहा कि वे इस घटना के लिए 100 बार माफी मांगने को तैयार हैं. सीएम शिंदे ने ये सफाई भी दी कि ये प्रतिमा नौसेना ने बनवाई थी. और डिजाइन भी नौसेना ने तैयार किया था. उन्होंने कहा था कि करीब 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं के कारण यह क्षतिग्रस्त हो गई.

वीडियो: तारीख: कोल्हापुर के विशालगढ़ किले की कहानी, छत्रपति शिवाजी महाराज से क्या संबंध है?

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