'शिवाजी ने सूरत को लूटा...'- BJP सांसद नारायण राणे के बयान के बाद बवाल तय है!
इससे पहले Maharashtra Deputy CM Devendra Fadnavis ने कहा था कि Chhatrapati Shivaji Maharaj ने कभी सूरत को नहीं लूटा. उन्होंने ये कहते हुए Congress पर हमला बोला था.

अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहने वाले सीनियर BJP नेता और सांसद नारायण राणे का छत्रपति शिवाजी पर एक कॉमेंट आया है (Narayan Rane on Chhatrapati Shivaji). राणे ने कहा कि मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज ने वास्तव में सूरत को लूटा था. उनका ये बयान एक सितंबर के महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने कभी सूरत को नहीं लूटा. फणनवीस ने शिवाजी के ख़िलाफ़ झूठे प्रचार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पर हमला बोला था.
दरअसल, नारायण राणे मुंबई में BJP मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा,
मैं इतिहासकार नहीं हूं. लेकिन मैंने इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे से जो कुछ पढ़ा, सुना और जाना है, उससे पता चलता है कि शिवाजी महाराज ने सूरत को लूटा था.
सिंधुदुर्ग ज़िले के मालवण में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने के बाद से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा मचा हुआ है. दोनों एक दूसरे पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच, देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस पर झूठी ख़बर फैलाने का आरोप लगाया था. फडणवीस ने कहा था,
नेहरू जी ने अपनी किताब डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया में शिवाजी महाराज को ग़लत तरीके से पेश किया था. ताकि उन्हें सूरत को लूटने वाले के रूप में पेश किया जा सके. हालांकि, ये तथ्यात्मक रूप से ग़लत धारणाएं थीं. स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने जानबूझकर पढ़ाया कि शिवाजी ने सूरत को लूटा. जबकि, सही जानकारी ये है कि शिवाजी ने स्वराज्य के लिए सही लोगों से खजाना लूटा या राष्ट्र के व्यापक कल्याण के लिए उनपर हमला किया.
उन्होंने आगे बताया कि विपक्ष चुनावों को ध्यान में रखते हुए शिवाजी की मूर्ति ढहने की घटना का राजनीतिकरण कर रहा है. ये दुर्भाग्यपूर्ण है. शरद पवार जैसे सीनियर नेता को सामने आकर शांति की अपील करनी चाहिए थी. लेकिन ये स्पष्ट है कि विपक्ष इस घटना का इस्तेमाल माहौल को ख़राब करने के लिए कर रहा है.
बात शिवाजी महाराज के सूरत कनेक्शन के बारे में निकली है तो बता दें, इतिहास की किताबों में उल्लेख है कि शिवाजी ने 1664 और 1670 में दो बार सूरत पर हमला किया था और लूटपाट की थी. उस समय सूरत आर्थिक रूप से समृद्ध शहर और मुगलों का एक प्रमुख बंदरगाह होता था.
इधर, नारायण राणे ने शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे द्वारा CM एकनाथ शिंदे को देश से बाहर जाने के लिए कहने पर भी कड़ी आपत्ति जताई है. राणे ने कहा,
उन्हें ऐसा कॉमेंट करने का क्या अधिकार है? वो भारत के राष्ट्रपति हैं या प्रधानमंत्री? अगर मैं सीएम होता, तो मैं ठाकरे के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करता.
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हाल ही में, नारायण राणे के बेटे और विधायक नितेश राणे के ख़िलाफ़ पुणे और अहमदनगर की रैलियों में सांप्रदायिक कॉमेंट करने के लिए FIR दर्ज की गई थी. जब नारायण राणे से इसके बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा,
मैंने नितेश से बात की. मैंने उन्हें समझाया कि पूरे समुदाय को इसमें न घसीटें. इसके बजाय, अगर कोई मुद्दा है तो उसे व्यक्तियों तक सीमित रखना चाहिए.
दरअसल, एक भाषण के दौरान नितेश राणे ने सरेआम मुस्लिम समुदाय के लोगों को चुन-चुनकर मारने की धमकी दी थी. बाद में उन्होंने ये भी कहा था कि वो अपने बयान पर कायम हैं.
शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने पर विवादमहाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग ज़िले के एक किले में 26 अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई थी. सिंधुदुर्ग ज़िले के राजकोट किले में शिवाजी की ये मूर्ति बनी थी. पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसका अनावरण किया था.
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