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क्या होती है शैडो कैबिनेट, जिसकी मदद से राज ठाकरे महाराष्ट्र सरकार पर नजर रखेंगे

क्या राज ठाकरे ने CM उद्धव के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है?

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (बाएं) और मनसे चीफ राज ठाकरे (दाएं). फाइल फोटो
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11 मार्च 2020 (Updated: 12 मार्च 2020, 02:30 PM IST)
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"शैडो कैबिनेट. जिसका मकसद है हर मंत्री के पीछे एक जिम्मेदार व्यक्ति को रखना. वे मंत्रियों के कामकाज पर नजर रखेंगे. गलत काम के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे. उनके सही काम पर जनता के बीच उनकी तारीफ भी करेंगे."

ये शब्द हैं राज ठाकरे के. राज ठाकरे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी MNS के प्रमुख हैं. 9 मार्च को मनसे का 14 वां स्थापना दिवस था. जोर -शोर से मनाया गया. इसी समय राज ठाकरे ने अपने नेताओं की शैडो कैबिनेट का ऐलान किया. ये कैबिनेट महाराष्ट्र सरकार पर निगरानी रखेगी. राज ठाकरे ने 24 नेताओं को अपनी शैडो कैबिनेट में शामिल किया.
राज ठाकरे ने आदित्य ठाकरे पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी अमित ठाकरे को सौंपी
राज ठाकरे ने आदित्य ठाकरे पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी अमित ठाकरे को सौंपी

राज ठाकरे ने कहा,
"शैडो कैबिनेट को मनसे प्रयोग के तौर पर शुरू कर रही है. जनता हमारे काम को पसंद करती है. लेकिन हमारा काम वोट में बदल नहीं पाता है. इसलिए हम चुनाव हार जाते हैं. हमारे नेताओं को जमीन पर उतरकर देखना होगा कि कमी कहां रह जाती है. इस पर हमने ध्यान देना शुरू किया है. शैडो कैबिनेट मंत्रियों के काम पर नजर रखने के लिए है. यह व्यक्तिगत फायदे या पैसा कमाने के लिए नहीं है. मनसे के नेता जनता के बीच जाएं. उनसे बात करें.आरटीआई का इस्तेमाल करें. मंत्रियों के काम की जानकारी इकट्ठा करें. और साथ ही स्थानीय पत्रकारों से रिपोर्ट लेकर मंत्रियों के कामकाज की रिपोर्ट तैयार करें. जनता को मंत्रियों के काम से अवगत कराएं."
क्या होती है शैडो कैबिनेट?
शैडो. अंग्रेजी शब्द है. हिंदी में कहें तो छाया. जैसे पेड़ और इंसान की छाया होती है. वैसी ही कैबिनेट की छाया. यानी शैडो कैबिनेट में शामिल लोग साये की तरह मंत्रियों के पीछे लगे रहेंगे. तनिक ध्यान दीजिए. हर राज्य सरकार की कैबिनेट होती है. उसमें कैबिनेट मंत्री होते हैं. कैबिनेट मंत्रियों को अलग-अलग मंत्रालय दिए जाते हैं. मंत्री अपने मंत्रालय के अनुसार ही काम करते हैं. इनके काम की देख- रेख का काम शैडो कैबिनेट करती है. यह कोई संवैधानिक पद नहीं है. और न ही कोई मंत्रालय है. एक तरह से कह सकते हैं कि व्यक्तिगत तौर पर या समूह में मंत्रियों के काम का लेखा-जोखा रखना. जनता को मंत्रियों के काम की जानकारी देना.
शैडो कैबिनेट शब्द आया कहां से?
शैडो कैबिनेट. यह शब्द ब्रिटिश संसद से आया है. वहां पर शैडो कैबिनेट में विपक्षी पार्टी के नेता शामिल होते हैं. इन्हें पार्टी के द्वारा ही चुना जाता है. ये नेता ऐसे विशेषज्ञों की तरह होते हैं, जो विभागों के कामकाज की निगरानी करते हैं. विपक्ष, सत्तापक्ष के नेताओं के कामों का ब्योरा रखते हैं. सरकार से उसकी नीतियों और फैसलों पर सवाल करते है. अन्य देशों की बात करें तो कनाडा और न्यूज़ीलैंड की संसदों में भी छाया मंत्री होते हैं.
मनसे की शैडो कैबिनेट में कौन-कौन होंगे
मंत्रालय                   - कानून-व्यवस्था मंत्री                         - उद्धव ठाकरे मनसे के शैडो नेता - बाला नांदगावकर, किशोर शिंदे, संजय नाइक, राजीव उमरकर, राहुल बापट, प्रवीण कदम, योगेश खैरे, प्रसाद सरफेज, ​​डॉक्टर अनिल गजने
मंत्रालय                        - पर्यटन मंत्री                            - आदित्य ठाकरे मनसे के शैडो नेता     - अमित ठाकरे
मंत्रालय                       - लोक निर्माण मंत्री                            - अशोक चव्हाण मनसे के शैडो नेता      - समताई शिवलकर, संजय शिरोडकर
मंत्रालय                         - वित्त मंत्री                              - अजित पवार मनसे के शैडो नेता        - नितिन सरदेसाई
मंत्रालय                          - मराठी भाषा और प्रौद्योगिकी मंत्री                               - सुभाष देसाई मनसे के शैडो नेता         - केतली जोशी
मंत्रालय                        - नगर विकास मंत्री                             - एकनाथ शिंदे मनसे के शैडो नेता       - संदीप देशपांडे
मंत्रालय                       - राजस्व मंत्री                            - बाला साहब थोराट मनसे के शैडो नेता      - अविनाश अभ्यंकर, दिलीप कदम, अजय बहले, श्रीधर जगताप
मंत्रालय                       - शिक्षा मंत्री                            - उदय सामंत मनसे के शैडो नेता      - अभिजीत पानसे, आदित्य शिरोडकर (विशेष उच्च शिक्षा), सुधाकर, बिपिन नाइक, अमोल रोजे, चेतन पेडनेकर

यह स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे बृज ने लिखी है.




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