'82 परसेंट हिंदू, तो...', धीरेंद्र शास्त्री की कथा करवा रहे कमलनाथ ने अब हिंदू राष्ट्र पर क्या बोला?
धीरेंद्र शास्त्री की आरती उतारी, जब सवाल उठे तो तीखा जवाब भी दे दिया

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बस कुछ ही महीने बचे हैं. BJP और कांग्रेस दोनों ने तैयारी शुरू कर दी है. बाबा लोगों की कथा का भी सहारा लिया जा रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने गृह जनपद छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा करवाई है. इसे लेकर कई लोग सवाल उठा रहे हैं. बहरहाल, सोमवार, 8 अगस्त को कथा के दौरान कमलनाथ से एक सवाल हिंदू राष्ट्र को लेकर पूछा गया. पूछा गया कि धीरेंद्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, क्या आप उनके राष्ट्रवाद का समर्थन करते हैं.
इस पर कमलनाथ ने कहा,
'82 प्रतिशत हमारे देश में हिंदू हैं तो ये कौन सा राष्ट्र है. हम सेक्युलर हैं, हमारा मुकाबला साम्प्रदायिकता से है. हमारे संविधान में जो लिखा है हम उसी से चलते हैं.'
कमलनाथ ने इस दौरान ये भी बताया कि उन्होंने छिंदवाड़ा में धीरेंद्र शास्त्री की कथा क्यों कराई. बोले,
'बागेश्वर बाबा को मैंने नहीं बुलाया. वो खुद अपना कार्यक्रम बनाकर आए हैं, मैंने अखबारों में पढ़ा कि उनका विचार बना तो हमने कहा आइए, स्वागत है. एमपी में धार के बाद सबसे बड़ा आदिवासी क्षेत्र छिंदवाड़ा है. 40 साल से मेरा क्षेत्र है. तीन विधायक आदिवासी हैं, उनकी इच्छा थी तो कथा का कार्यक्रम तय हुआ.'
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में कहा था कि कमलनाथ को भी कथा करानी पड़ रही है. इस पर कमलनाथ ने कहा कि कथा कराने की क्या बात है, अगले महीने पंडित प्रदीप मिश्रा आ रहे हैं, उनका भी स्वागत है.
अपनों ने ही कमलनाथ को घेर लिया!धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराने को लेकर कमलनाथ की घेराबंदी उनकी पार्टी से जुड़े रहे नेता ही करने लगे हैं. बाबा की आरती उतारने को लेकर कुछ लोगों ने उन्हें खरी-खरी सुनाई है. कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ से लोकसभा का चुनाव लड़े आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तंज कसते हुए कहा कि कथा में सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी बुला लेते.
प्रमोद कृष्णम ने अपने एक ट्वीट में ये भी लिखा,
'मुसलमानों के ऊपर बुलडोजर चढ़ाने और RSS का एजेंडा हिंदू राष्ट्र की खुल्लम खुल्ला वकालत करके संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले भाजपा के स्टार प्रचारक की आरती उतारना कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को शोभा नहीं देता. आज रो रही होगी गांधी की आत्मा और तड़प रहे होंगे पंडित नेहरू और भगत सिंह. लेकिन, सेक्युलरिज्म के ध्वजवाहक जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह जी और और मल्लिकार्जुन खड़गे जी, सब खमोश हैं.'
कमलनाथ ने अपने ऊपर हो रहे हमले का जवाब भी दिया है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जो सवाल उठा रहे हैं, उनके पेट में दर्द क्यों’? आगे बोले कि बागेश्वर महाराज का उनके जिले में आना, उनके और छिंदवाड़ा की जनता के लिए सौभाग्य की बात है.
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