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राजस्थान में दलित छात्र के दोस्तों ने कहा - "स्कूल में कोई मटका नहीं, लड़ाई पर टीचर ने मारा था"

परिजनों ने कहा - "स्कूल टीचर छैल सिंह ने दलित बच्चे को इसलिए मारा क्योंकि उसने मटके को छू लिया था."

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जालोर में 9 साल के दलित छात्र इंद्र मेघवाल की मौत हुई थी (फोटो- आजतक)
17 अगस्त 2022 (Updated: 17 अगस्त 2022, 09:13 IST)
Updated: 17 अगस्त 2022 09:13 IST
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राजस्थान (Rajasthan) के जालोर (Jalore) में 9 साल के दलित छात्र की मौत से जुड़े मामले में नया अपडेट सामने आ रहा है. मामले पर स्कूल के स्टॉफ और बच्चों ने कहा है कि स्कूल में पानी का कोई मटका है ही नहीं. मृतक बच्चे इंद्र मेघवाल (Inder Meghwal) के घरवालों का आरोप था कि स्कूल टीचर छैल सिंह ने दलित बच्चे को इसलिए मारा क्योंकि उसने मटके को छू लिया था. 

'सभी कॉमन टंकी से पानी पीते हैं'

आजतक की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, सरस्वती विद्या मंदिर उच्च प्राथमिक विद्यालय स्कूल में कोई मटका नहीं है. स्कूल के शिक्षकों, बच्चों, बच्चों के अभिभावकों और ग्रामीणों से बातचीत पर पता चला कि स्कूल या गांव में कोई भेदभाव नहीं होता और वहां एक कॉमन पानी की टंकी है, जिससे सभी लोग पानी पीते हैं.

तीसरी क्लास में इंद्र कुमार के साथ पढ़ने वाले छात्र राजेश ने बताया

“मेरी और इंद्र कुमार की आपस में लड़ाई हो गई थी, जिस पर छैल सिंह सर ने हम दोनों के कान के नीचे चांटा मारा था. उस दिन के बाद से मैं स्कूल नहीं आया.”

जब छात्र से मटके को लेकर सवाल किया गया तो उसने कहा,

“स्कूल के सभी बच्चे टांके (पानी की टंकी) से ही पानी पीते हैं.”  

स्कूल स्टाफ का कहना है

“उस दिन क्या हुआ? हमें नहीं मालूम लेकिन यहां कोई भेदभाव नहीं है. सारा स्टॉफ और बच्चे टांके से ही पानी पीते हैं. मटका वहां नहीं है.”

साथ ही ग्रामीणों और स्कूल स्टाफ का कहना है कि गांव के लोग और स्कूल के स्टाफ किसी तरह से जातिगत भेदभाव नहीं करते, स्कूल में आधे से ज्यादा एससी-एसटी वर्ग के बच्चे हैं और आधे शिक्षक भी इसी वर्ग से हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि मटकी और छुआछूत के भेदभाव को लेकर कहीं जाने वाली बातें निराधार है और गांव को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

स्कूल प्रशासन ने भी ये बात कही है कि बच्चों की आपसी मारपीट के बाद शिक्षक छैल सिंह ने दोनों बच्चों को थप्पड़ मारा था.

बच्चे के कान में बीमारी थी?

ग्रामीणों ने कहा है कि बच्चे इंद्र मेघवाल के कान में बीमारी थी. इस वजह से बच्चे की मौत हुई है. पूरे गांव को बच्चे की मौत का दुख है लेकिन मटकी और छुआछूत के नाम पर जालोर को बदनाम किया जा रहा है. इतना ही नहीं गांव के 36 कौम के लोग भी शिक्षक के समर्थन में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

बच्चे के परिजनों ने क्या कहा?

मृतक के भाई ने आजतक की टीम को बताया

“उस दिन इंद्र ने मटकी को हाथ लगा दिया था जिसके बाद टीचर छैल सिंह ने मेरे भाई की पिटाई कर दी. उसके बाद कान से खून आ गया था.”

परिवार के अन्य सदस्यों का कहना है कि हम इस मामले में न्याय चाहते हैं. परिवार भी स्कूल में कथित रूप से रखी मटकी से पानी पीने पर पिटाई की बात कर रहा है.

देखें वीडियो- राजस्थान: दलित छात्र की मौत पर परिवारवालों ने कहा- हम डर में जी रहे हैं

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