परिवार में कमाने वाले इकलौते शख्स थे शहीद राजेश, बहन की शादी करानी थी
पिछले छह साल से सेना में थे राजेश ओरांग.
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तस्वीर साभार- PTI
हमें उनके ऑफिस से एक कॉल आया, जिसमें हमें बताया गया था कि राजेश ओरांग नहीं रहे. बीते दिन लद्दाख में कुछ हुआ था. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शाम को हमें सूचित किया गया कि वो शहीद हो गए हैं.राजेश आखिरी बार आठ महीने पहले घर आये थे. बहन की शादी के लिए तैयारियां कर रहे थे. उनके लौटने के बाद शादी की तारीख तय की जानी थी. राजेश के चचेरे भाई ने बताया,
उनके पिता बीमार हैं. उनकी बहन अविवाहित है. पूरा परिवार उन पर ही आश्रित था. परिवार पहले से ही आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा था. हम केंद्र सरकार से चाहते हैं कि परिवार की मदद की जाए.राजेश ओरांग के चचेरे भाई देवाशीष ओरांग जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करते हैं.
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