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लॉकडाउन: 69 लाख लोगों ने नौकरी मांगी, आत्मनिर्भर भारत वाली वेबसाइट से मिली महज़ 7,700 लोगों को

भारत में अप्रैल से लेकर जुलाई के बीतने तक संगठित और असंगठित क्षेत्र मिलाकर कुल 26 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है.

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सांकेतिक फोटो: India Today
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सिद्धांत मोहन
24 अगस्त 2020 (Updated: 24 अगस्त 2020, 06:02 AM IST) कॉमेंट्स
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कोरोना और लॉकडाउन की वजह से देश में बहुत सारी नौकरियों का नुक़सान हुआ. और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को एक जॉब पोर्टल का उद्घाटन किया. लक्ष्य? लोगों को नौकरियां उपलब्ध कराना है. 69 लाख लोगों ने इस जॉब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया. इनमें से महज़ 7,700 लोगों ने नौकरी ही शुरू की. Indian Express में छपी ख़बर बताती है कि 11 जुलाई को शुरू होने के 40 दिनों के भीतर कुल 69 लाख लोगों ने नौकरी के लिए सरकार के असीम (आत्मनिर्भर स्किल्ड एम्प्लॉई एम्प्लॉयर मैपिंग) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया था. 14 अगस्त से 21 अगस्त के हफ़्ते के दरम्यान ही अकेले 7 लाख लोगों ने आवेदन किया. लेकिन इस हफ़्ते में कुल कितने लोगों ने नौकरी शुरू की? 691 लोगों ने.  कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़, कुल 69 लाख रजिस्टर्ड लोगों में से कुल 1.49 लाख लोगों को नौकरी ऑफ़र की गई और 7,700 लोग ही काम पर जा सके. आंकड़े बताते हैं कि नौकरी खोजने वालों की संख्या में 80 प्रतिशत इज़ाफ़ा हुआ, लेकिन नौकरी पाने वालों की संख्या में महज़ 9.87 फ़ीसद का इज़ाफ़ा हुआ.  साथ ही इस पोर्टल पर जॉब देने के लिए कुल 514 कंपनियां पंजीकृत हैं, जिनमें से 443 कंपनियों ने 2.92 लाख नौकरियां निकाली हैं. कुल ऑफ़र हुईं 1.49 लाख लोगों को ही.  मंत्रालय में मौजूद सूत्रों के मुताबिक़, इस जॉब पोर्टल का मकसद था कि लोगों को ज़रूरी काम के लिए एक निश्चित समय तक ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाए. और केवल प्रवासी मज़दूरों ने इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. बिजली का काम करने वाले लोग, फ़ील्ड टेक्नीशियन, फ़िटर, सिलाई मशीन चलाने वाले, ऐसे कई कामों के लिए लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था.  मंत्रालय के डाटा से ये भी स्पष्ट हो रहा है कि कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु में कामगारों की भारी क़िल्लत है. लॉकडाउन के बाद इन्हीं राज्यों से सबसे ज़्यादा प्रवासी मज़दूर अपने घरों की ओर लौटे थे. और इन्हीं राज्यों में कुल जॉब पोस्टिंग्स का 77 प्रतिशत मौजूद है.  बीते हफ़्ते आए CMIE के डाटा में बताया गया था कि अकेले जुलाई में ही 50 लाख सैलरीड लोगों की नौकरी गयी थी. यही नहीं. भारत में अप्रैल से लेकर जुलाई के बीतने तक संगठित और असंगठित क्षेत्र मिलाकर कुल 26 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है.  कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने इस पूरी बहस पर इंडियन एक्सप्रेस को जवाब दिया. कहा कि देश के युवाओं पर भरोसा है कि वो देश को आगे ले जायेंगे. कहा,
“लाखों युवाओं को स्किल्ड और आत्मनिर्भर बनाने का ज़रिया पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया है. मार्केट में जो सप्लाई और डिमांड के बीच का जो पुल है, उसके निर्माण में हमारा असीम पोर्टल काम करेगा. कौशल युवाओं की मदद से प्रॉडक्टिविटी में इज़ाफ़ा होगा और हमारे उद्योगों से ज़्यादा काम सामने आएगा.”

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