तेजस्वी यादव और मीसा भारती पर किस कांग्रेस नेता ने '5 करोड़ की ठगी' का केस करवा दिया?
कोर्ट के आदेश के बाद की गई FIR में आरजेडी-कांग्रेस के 6 नेताओं के नाम हैं.

RJD नेता तेजस्वी यादव और उनकी बहन मीसा भारती के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. वो भी ठगी के आरोप में. पटना के कोतवाली थाने में. मामला पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से जुड़ा है. कांग्रेस के एक नेता का आरोप है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में RJD ने प्रत्याशियों को चुनाव का टिकट देने के बदले 5-5 करोड़ रुपये मांगे थे. कांग्रेस के इस नेता का दावा है कि उन्होंने ये रकम RJD को दी थी, इसके बावजूद उन्हें टिकट नहीं दिया गया. इन आरोपों के घेरे में तेजस्वी यादव और मीसा भारती समेत और लोग भी हैं. सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
बाकी नेता कौन हैं?2019 के लोकसभा चुनावों में बिहार में RJD और कांग्रेस ने मिलकर JDU-BJP के खिलाफ चुनाव लड़ा था. वकील और कांग्रेस नेता संजीव कुमार भी चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन कथित रूप से पैसे देकर भी संजीव को जब टिकट नहीं मिला तो वो आरजेडी और अपनी ही पार्टी कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ अदालत पहुंच गए थे.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पटना की एक अदालत के संज्ञान में लाए जाने के बाद इस मामले में 6 नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश पिछले हफ्ते दिया गया था. इसके बाद बुधवार 22 सितंबर को पटना स्थित कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई. इसमें तेजस्वी यादव और मीसा भारती के अलावा जिन नेताओं का जिक्र है, उनके नाम हैं मदन मोहन झा, राजेश राठौर, सदानंद सिंह और शुभानंद मुकेश.
मदन मोहन झा बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. राजेश राठौर कांग्रेस प्रवक्ता हैं. सदानंद सिंह विधानसभा स्पीकर रहे. इसी महीने 7 सितंबर को उनका निधन हो गया था. छठवें आरोपी शुभानंद मुकेश उनके बेटे हैं.
तेजस्वी यादव ने निष्पक्ष जांच की मांग की आजतक से जुड़े रोहित कुमार सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले को लेकर तेजस्वी यादव से पहले भी सवाल किए गए थे. तब उन्होंने संजीव कुमार पर ही सवाल दाग दिए. कहा था,"कोई टॉम डिक एक हैरी मुझ पर केस करे, इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता. जिसने ये आरोप लगाया है उससे ये भी पूछना जरूरी है कि उसके पास 5 करोड़ रुपये आए कहां से. कानून को अपना काम करने दिया जाए. पूरे मामले की निष्पक्ष जांच से सब साफ हो जाएगा."तेजस्वी यादव ने ये भी कहा कि अगर उन पर लगाए गए आरोप निराधार साबित होते हैं तो शिकायतकर्ता यानी संजीव कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
(आपके लिए ये स्टोरी हमारे साथी आयूष ने लिखी है.)