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गुजरात जितना बड़ा ग्लेशियर टूटने वाला है, ये शहर डूब सकते हैं

डूम्सडे ग्लेशियर टूटने की कगार पर, टूटा तो 9 करोड़ लोगों पर आएगी आफत!

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डूम्सडे ग्लेशियर तेजी से आगे बढ़ रहा है | प्रतीकात्मक फोटो: इंडिया टुडे
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अभय शर्मा
13 सितंबर 2022 (Updated: 13 सितंबर 2022, 08:09 PM IST) कॉमेंट्स
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अंटार्कटिका (Antarctica) में थ्वाइट्स (Thwaites) ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है, जिसने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है. इसका आकार गुजरात जितना बड़ा है. इसके इसी तरह पिघलते रहने से मुंबई, बोस्टन, शंघाई, न्यूयॉर्क, मियामी और टोक्यो जैसे दुनिया के कई बड़े शहरों के डूबने की आशंका है.

समुद्र का स्तर 3 से 10 फीट तक बढ़ जाएगा

इंडिया टुडे के मुताबिक थ्वाइट्स ग्लेशियर को डूम्सडे ग्लेशियर (Doomsday glacier) भी कहा जाता है. ये अंटार्कटिका के पश्चिमी हिस्से में स्थित है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस पर जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बुरा असर पड़ा है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले कुछ सालों में ग्लेशियर और उसके आसपास की बर्फीली घाटियों को होने वाले नुकसान से समुद्र का स्तर 3 से 10 फीट तक बढ़ सकता है.

Antarctica's Thwaites glacier melting
प्रतीकात्मक फोटो: इंडिया टुडे
Doomsday glacier हर साल 2 किमी आगे बढ़ रहा है

नेचर जियोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक काफी समय तक थ्वाइट्स ग्लेशियर पर नजर रखी गई. जिसके बाद पता लगा कि ये तेजी से अपनी जगह से आगे भी खिसक रहा है. वैज्ञानिकों का दावा है कि यह हर साल 2.1 किलोमीटर आगे खिसक रहा है.

Antarctica's "Doomsday Glacier" On Edge Of Disaster
प्रतीकात्मक फोटो: इंडिया टुडे

इससे पहले 2011 से 2019 के बीच सैटेलाइट से भी इस ग्लेशियर के मूवमेंट पर नजर रखी गई थी. तब ये पता लगा था कि ये सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला ग्लेशियर है. वैज्ञानिकों ने ग्लेशियर के के सामने स्थित समुद्र तल के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र का मैप भी बनाया, जिससे उन्हें ये पता लगता है कि पिछले सालों के दौरान थ्वाइट्स कितनी तेजी से आगे खिसका है या पिघला है.

Antarctica's Doomsday Glacier melting
प्रतीकात्मक फोटो: इंडिया टुडे
Doomsday glacier में ग्रेट ब्रिटेन के आकार का बड़ा छेद

इससे पहले एक अध्ययन से पता चला था कि पिछले 30 सालों में इसके पिघलने की दर दोगुनी हो गई है. और इससे लगातार बड़े-बड़े आइसबर्ग टूटकर अलग हो रहे हैं. इस ग्लेशियर का एक बड़ा हिस्सा समुद्र के अंदर भी है, इसलिए इसकी सही स्थिति को जानने के लिए ग्लेशियर में एक छेद कर, उसके अंदर एक रोबोट भेजा गया था. इस प्रक्रिया से ये पता चला था कि समुद्र के अंदर इस ग्लेशियर में ग्रेट ब्रिटेन के आकार के बराबर बड़ा छेद हो चुका है.

Doomsday Glacier melting fast
प्रतीकात्मक फोटो: इंडिया टुडे
पूरी तरह पिघलने पर 9 करोड़ आबादी खतरे में

ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सटर के प्रोफेसर अली ग्राहम के मुताबिक अगले 250 सालों में वैश्विक तापमान 2 से 2.7 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा. इससे डूम्सडे ग्लेशियर पूरी तरह पिघल जाएगा. और इसकी वजह सिर्फ ग्लोबल वार्मिंग होगी. वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर ये ग्लेशियर पूरा पिघल गया तो 12 विकासशील देशों की करीब 9 करोड़ आबादी को रहने के लिए नई जगह तलाशनी होगी.

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