चीन की सरकार ने PM मोदी की जमकर की तारीफ, 2024 में किस बात का 'डर' सता रहा?
China के सरकारी अखबार Global Times में लिखा है कि भारत आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ कूटनीति के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. PM Narendra Modi के लिए चीन ने क्या-क्या लिखा?

चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. ये तारीफ छपी है चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में. लिखा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक स्थिति और विदेश नीति बेहतरीन चल रही है. भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती ताकत बन रहा है. ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में भारत की पिछले 4 साल की उपलब्धियों का जिक्र किया है. कुल मिलाकर कहा जाए तो ये लेख भारत की आर्थिक वृद्धि, शहरी शासन में सुधार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बदलाव को लेकर लिखा गया है.
ग्लोबल टाइम्स में ये लेख लिखा है शंघाई की फोडन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के निदेशक झांग जियाडोंग ने. झांग का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विदेश नीति को लेकर एक अलग और नई रणनीति अपनाई है. जिसमें अमेरिका, जापान और रूस जैसी प्रमुख विश्व शक्तियों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया जाता है. लिखा है कि विदेश नीति में भारत की रणनीतिक सोच में एक और बदलाव आया है, इसके तहत अब वो स्पष्ट रूप से एक बड़ी शक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है.
'India में बहुत-कुछ बदल गया'झांग जियाडोंग ने लिखा,
"मैंने हाल ही में दो बार भारत का दौरा किया था. चीनी विद्वानों के प्रति उनका रवैया कठोर होने के बजाय अधिक सहज और उदारवादी था. इस दौरान मैंने ये भी पाया कि भारत की घरेलू और विदेशी स्थिति काफी बदल गई है. भारत ने इकोनोमिक डेवलपमेंट और सोशल गवर्नेंस में बढ़िया रिजल्ट हासिल किए हैं. भारत की पावर स्ट्रेटेजी सपने से हकीकत की ओर बढ़ गई है. हालांकि, इसके कुछ संभावित जोखिम और संकट भी सामने आए हैं.''
झांग के मुताबिक,
Narendra Modi के आने के बाद क्या बदला?"एक तरफ भारत ने आर्थिक विकास और सोशल गवर्नेंस में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. वहीं, इसकी अर्थव्यवस्था ने भी गति पकड़ ली है और यह सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की राह पर है."
झांग ने अपने लेख में ये भी कहा है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली है, उन्होंने अमेरिका, जापान, रूस और अन्य देशों और क्षेत्रीय संगठनों के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए खास रणनीति अपनाई है. भारत ने हमेशा खुद को एक विश्व शक्ति माना है. हालांकि मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत बहु-संतुलन से मल्टी एलाइनमेंट में शिफ्ट हुआ था. लेकिन अब भारत बहुध्रुवीय दुनिया में एक ध्रुव बनने की रणनीति की ओर भी तेजी से बढ़ रहा है. झांग के मुताबिक इसका हालिया उदाहरण रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान दिखा. इस मामले में भारत ने खुद को पश्चिम से दूर कर लिया और खुद को विकासशील देशों के साथ अधिक जोड़ लिया.

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ग्लोबल टाइम्स के लेख में आगे लिखा है कि राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भारत पश्चिम के साथ अपनी लोकतांत्रिक सहमति पर जोर देने से आगे बढ़ चुका. वो लोकतांत्रिक राजनीति की 'इंडियन स्पेशियलिटी' पर काम कर रहा है. झांग जियाडोंग का मानना है कि ये बदलाव भारत को राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से 'विश्व गुरु' बनने की उसकी महत्वाकांक्षा को दर्शाता है.
निर्यात पर ज्यादा जोरझांग जियाडोंग ने भारत सरकार की आर्थिक रणनीति पर भी लिखा है. उनके मुताबिक चीन और भारत के बीच व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए अब भारत के अधिकारी अपने देश की निर्यात क्षमता पर अधिक जोर दे रहे हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं था, पहले भारतीय विद्वान व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए चीन के उपायों पर ध्यान केंद्रित करते थे. झांग आगे लिखते हैं कि अपने तेजी से बढ़ते आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ भारत रणनीतिक रूप से भी अधिक आश्वस्त हो गया है. अब भारत 'इंडिया नैरेटिव' को डेवलप करने में ज्यादा एक्टिव है.
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