The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Chandrayaan 3 vikram lander de...

अचानक कांपने लगा चंद्रयान-3 का रोवर, चांद से क्या जानकारी भेजी जो बहुत काम की है?

चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चांद पर क्या नया पाया? ISRO ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

Advertisement
Vikram Lander of Chandrayaan-3 detects natural movements on lunar surface.
चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर आने वाले भूकंप का पता लगाया है. (फोटो क्रेडिट - इसरो, ट्विटर)
pic
प्रज्ञा
1 सितंबर 2023 (Updated: 1 सितंबर 2023, 11:47 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के विक्रम लैंडर (Vikram Lander) ने चांद पर एक प्राकृतिक भूकंप का पता लगाया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 31 अगस्त को इसकी जानकारी दी. विक्रम लैंडर चांद की सतह से लगातार जानकारियां जुटा रहा है.

ISRO ने ये भी बताया कि विक्रम लैंडर के सीसमिक एक्टिविटी का पता लगाने वाले इक्विपमेंट ने वाइब्रेशंस भी रिकॉर्ड किए हैं. जो कि प्रज्ञान रोवर और बाकी पेलोड्स की गतिविधियों के कारण चांद की सतह पर हो रहे हैं. ट्विटर पर एक पोस्ट में ISRO ने बताया,

"चंद्रयान-3 के लैंडर पर इंस्ट्रयूमेंट फॉर लूनार सीसमिक एक्टिविटी (ILSA) पैलोड - जो कि चांद पर गया पहला माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम (MEMS) टैक्नलॉजी पर आधारित इंस्ट्रयूमेंट है, उसने रोवर और बाकी पैलोड्स की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया है."

ISRO ने आगे बताया,

"इसने 26 अगस्त 2023 को एक प्राकृतिक घटना भी रिकॉर्ड की. इस घटना के सोर्स की जांच की जा रही है."

ISRO के मुताबिक, ILSA का काम प्राकृतिक भूकंप और उसके प्रभावों और कृत्रिम घटनाओं से चांद की सतह पर होने वाले वाइब्रेशंस को मापना है. इसे बेंगलुरु की लैबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम (LEOS) ने बनाया है. और इसमें 6 हाई-सेंसिटिविटी एक्सेलेरोमीटर का एक समूह शामिल है. इन्हें सिलिकॉन माइक्रोमशीनिंग की प्रक्रिया के ज़रिए भारत में ही बनाया गया है.

ये भी पढ़ें- 

  1. Chandrayaan 3 के लैंडर पर 'सोने की चादर' देखी है, उसके पीछे की साइंस आखिर क्या है? 
  2. चंद्रयान 3 के '15 minutes of terror' से गुजरने की सांसें थमा देने वाली कहानी
  3. Chandrayaan-3 की लैंडिंग के वक्त पैदा हुए बच्चे, मां-बाप ने उसी से जुड़े खूबसूरत नाम रख दिए
चांद की सतह पर सल्फर

चंद्रयान-3 मिशन के ज़रिए भारत 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में लैंड करने वाला पहला देश बना. इसके साथ ही चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड करने वाला चौथा देश भी बना. तब से रोवर अलग-अलग जानकारियां भेज रहा है.

प्रज्ञान रोवर ने 31 अगस्त को बताया था कि चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में सल्फर और कई अन्य तत्व मौजूद हैं. इसकी पुष्टि प्रज्ञान रोवर के लेज़र इंड्यूस्ड ब्रेकडॉउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) ने की थी. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर तत्वों के बारे में पता लगाने वाला यह पहला इन-साइटू माप है. LIBS की इस खोज की एक और इंस्ट्रयूमेंट अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोप (APXS) ने भी पुष्टि की.

ISRO ने इसका एक वीडियो भी ट्विटर पर पोस्ट किया है. इसमें APXS चांद की सतह पर कैसे काम कर रहा है, ये दिखाया गया है. 

वीडियो: चंद्रयान 3 के रोवर को चांद पर क्या क्या मिला, सब पता चला

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement