अग्निपथ स्कीम पर 'इंटर्नल सर्वे' करेगी आर्मी, कुछ बड़ा होने वाला है?
जून 2022 में लागू होने के बाद से ही Agnipath Scheme सवालों के घेरे में है. इस बीच 'इंटर्नल सर्वे' की ख़बरें आई हैं.

अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) लागू होने के बाद से ही घेरे में है. शुरुआत में ही विपक्षी पार्टी और युवाओं का एक बड़ा वर्ग इसके ख़िलाफ़ दिखा. अब तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ये तक कह दिया कि अगर INDIA गठबंधन सत्ता में आया, तो इस योजना को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा. इस बीच खबरें हैं कि देश की सेना भी अग्निपथ योजना को लेकर एक 'इंटर्नल सर्वे' कर रही है. सर्वे योजना के प्रभाव का आकलन करने के लिए होगा, जिसके आधार पर योजना में संभावित बदलावों पर अगली सरकार के लिए सिफारिशें तैयार हों.
सर्वे में अग्निवीरों, सेना के विभिन्न रेजिमेंटल केंद्रों पर भर्ती और ट्रेनिंग कर्मियों, यूनिट और सब-यूनिट कमांडरों (जिनके अधीन अग्निवीर काम करते हैं) सहित सभी हितधारकों से कॉमेंट मांगे गए हैं. हर समूह के लिए ख़ास प्रश्न रखे गए हैं, जिनके जवाबों को इकट्ठा किया जाएगा और आगे के मूल्यांकन के लिए इस महीने के आख़िर तक एक साथ रखा जाएगा. इंडियन एक्सप्रेस की अमृता नायक दत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक़, 10 सवालों की एक प्रश्नावली रखी जाएगी, जिसके आधार पर जवाब दिए जाएंगे.
इनमें अग्निवीर सेना में क्यों शामिल होंगे, सेना में आगे शामिल होने के लिए कितने उत्सुक हैं, देश सेवा में कितना विश्वास रखते हैं, जैसे सवाल रखे गए हैं. साथ ही सामान्य जागरूकता स्तर, आवेदकों की गुणवत्ता और देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के आवेदकों के ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा पर भी सवाल होंगे. सर्वे में इसके बारे में भी पता लगाया जाएगा कि अग्निवीर योजना के कार्यान्वयन के बाद सेना में भर्ती पर समग्र प्रभाव पर सवालों के जवाब देने होंगे. योजना के पहले भर्ती हुए सैनिकों और अग्निवीरों के शारीरिक मानकों, उनके प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रतिक्रिया ली जाएगी.
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ये संभावना है कि इन जानकारियों के आधार पर सेना अग्निवीरों की नियुक्ति और लंबे समय में अग्निवीरों की धारणाओं से योजना में संभावित बदलावों का सुझाव देगी. अग्निपथ योजना की शुरुआत जून 2022 में हुई थी. इसके तहत चार साल के लिए अग्निवीर तीनों सेनाओं का हिस्सा बनेंगे. इसके बाद चार सालों के आख़िर में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले 25 फ़ीसदी अग्निवीरों की सेनाओं में पक्की बहाली होगी. कहा गया कि इससे सेना की दक्षता में इज़ाफा होगा और वो आने वाले समय में चुनौतियों के लिए बेहतर तैयारी कर पाएगी. बता दें कि योजना लाने के बाद से ही बहुत सारे युवा इसके ख़िलाफ़ उतर गए थे.
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