20 रुपये में खाना खिलाती थीं 'रोटी वाली अम्मा', नगर निगम ने दुकान हटवा दी
82 साल की भगवान देवी का कहना है कि नगर निगम ने उनका ठेला हटवा दिया है. ये भी आरोप लगाया है कि दुकान लगाने के लिए उनसे 10 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं.

आज से लगभग तीन साल पहले सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग महिला के लिए मदद की गुहार लगाई गई थी. साल 2020 का वो समय, जब COVID-19 का लॉकडाउन चल रहा था. इस दौरान सोशल मीडिया पर आगरा की एक बुजुर्ग महिला की चर्चा शुरू हो गई थी. वो सेंट जॉन्स कॉलेज के पास फुटपाथ पर रोटी बेचकर अपना गुजारा कर रही थीं. बताया गया था कि ये बुजुर्ग महिला 20 रुपये में भरपेट खाना खिलाती हैं. उन्हें 'रोटी वाली अम्मा' कहा जाने लगा. लॉकडाउन में उनकी मदद के लिए कई लोग आगे आए थे. लेकिन अब उन्हीं 'रोटी वाली अम्मा' को उनकी दुकान नहीं लगाने दी जा रही है. उनकी दुकान हटवाए चार महीने हो गए हैं और वो काफी परेशान हैं.
असल में हुआ क्या है?आजतक के अरविंद शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, आगरा की 'रोटी वाली अम्मा' की दुकान एक सरकारी फरमान के कारण हटवा दी गई है. 82 साल की भगवान देवी की दुकान हटाए चार महीने हो गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भगवान देवी की दुकान मेट्रो का काम चलने के कारण हटवाई गई है. इस मामले में आगरा नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा है कि भगवान देवी को स्ट्रीट वेंडिंग जोन योजना के तहत जगह दिए जाने की कोशिश की जाएगी.

वहीं, भगवान देवी का कहना है कि उन्हें बहुत परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि नगर निगम ने दुकान हटवा दी है. उनका आरोप है कि दुकान के नाम पर उनसे 10 हजार रुपये मांगे जा रहे थे. उन्होंने कहा कि मदद के लिए अब कोई नहीं आ रहा है.
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कौन हैं ‘रोटी वाली अम्मा’?भगवान देवी आगरा के मोहन मंदिर, बाग मुजफ्फर खां की रहने वाली हैं. पति की मौत के बाद उन्होंने सेंट जॉन्स कॉलेज के पास फुटपाथ पर रोटी बनाने का काम शुरू किया. वो 15 से 20 रुपये में लोगों को भरपेट खाना खिलाने लगीं. इससे उनका गुजारा हो रहा था और कम पैसे में लोगों की भूख शांत हो रही थी.
फिर COVID-19 आया, लॉकडाउन लाया. इस कारण भगवान देवी को आर्थिक दिक्कतें आने लगीं. इसी दौरान सोशल मीडिया पर उनकी कहानी सामने आई. भगवान देवी 'रोटी वाली अम्मा' के नाम से वायरल हो गईं. उनकी दुकान पर लोगों की भीड़ आने लगी. नगर निगम ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में भगवान देवी का रजिस्ट्रेशन करा दिया. उन्हें 10 हजार की वित्तीय मदद मिली.
आगरा की कई समाजसेवी संस्थाओं ने भगवान देवी की दुकान पर आने वाले ग्राहकों के बैठने के लिए व्यवस्था करवाई. नगर निगम की ओर से उनकी दुकान का भी रजिस्ट्रेशन किया गया था. लेकिन चार महीने पहले उनकी दुकान हटवा दी गई और वो नगर निगम के चक्कर काट रही हैं. उनका कहना है कि दुकान लगाने दिया जाए, तो वो काम शुरू करें.
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