कश्मीर में लगातार दूसरे दिन आतंकवादियों ने आम नागरिकों को निशाना बनाया. दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार, 17 अक्टूबर को आतंकवादियों ने दो गैर स्थानीय मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, कुलगाम के वानपोह में अज्ञात बंदूकधारियों ने गैर स्थानीय मजदूरों के घर में घुसकर उन पर फायरिंग कर दी. स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिर, 3 गैर-स्थानीय लोगों को गोली लगी. उनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है.
Terrorists fired indiscriminately upon non-local labourers at Wanpoh area of Kulgam. In this terror incident, 2 non-locals were killed and 1 injured. Police & Security Forces cordoned off the area. Details awaited: J&K Police pic.twitter.com/nLBU6PSzlm
— ANI (@ANI) October 17, 2021
कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट किया,
‘कुलगाम के वानपोह इलाके में गैर स्थानीय मजदूरों पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की. इस आतंकवादी घटना में 2 गैर-स्थानीय मारे गए और एक घायल हो गए. पुलिस और एसएफ ने इलाके की घेराबंदी कर दी है.
मृतकों की पहचान बिहार के रहने वाले राजा और जोगिंदर के रूप में हुई है. इसके अलावा, घायल हुए शख्स का नाम चुनचुन देव है.
इससे पहले कश्मीर में आतंकवादियों ने शनिवार 16 अक्टूबर को 2 आम नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. एक पर श्रीनगर में तो दूसरे पर पुलवामा में हमला किया था. एक मृतक की पहचान 30 साल के अरविंद कुमार के रूप में हुई थी वह बिहार के रहने वाले थे. श्रीनगर में ठेला लगाकर अपना व्यवसाय चलाते थे. वहीं उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले सागिर अहमद पर पुलवामा में हमला हुआ था. वह कारपेंटर का काम करते थे.
कश्मीर में लगातार हो रही सिविलियंस की हत्याओं से तमाम आशंकाएं भी पनपने लगी हैं. इससे पहले 7 अक्टूबर को आतंकियों ने एक सरकारी स्कूल में घुसकर गोलीबारी की थी. हमले में स्कूल की प्रिंसिपल सतिंदर कौर और टीचर दीपक चांद की मौत हो गई थी. दीपक कश्मीरी पंडित थे, जबकि सतिंदर सिख थी. इससे दो दिन पहले श्रीनगर में नामी फार्मासिस्ट माखन लाल बिंद्रू की उनकी दुकान में गोली मारकर हत्या की गई थी. 90 के दशक में जब आतंकियों के डर से हजारों कश्मीरी पंडित पलायन कर गए थे, तब भी बिंद्रू परिवार कश्मीर में डटा रहा था. पिछले एक साल में आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों से ज्यादा आम नागरिकों को निशाना बनाया है. इन्हीं हत्याओं से जुड़े मामलों में अभी हाल ही में पूरे कश्मीर से करीब 570 लोगों को हिरासत में लिया गया था.
एक हफ्ते में 9 जवान शहीद
वहीं जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में काउंटर टेरर ऑपरेशन में एक हफ्ते के दौरान शहीद हुए जवानों की संख्या 9 हो गई है. पुंछ जिले के नार खास के घने जंगलों में सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया था. इसी दौरान, आतंकियों ने छिपकर फायरिंग की, जिसमें सेना के सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह शहीद हो गए. इससे पहले राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और योगंबर सिंह की नार खास वन में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद होने की खबर आई थी. नेगी और सिंह दोनों उत्तराखंड के थे. इससे पहले 11 अक्टूबर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) समेत सेना के पांच जवान उस वक्त शहीद हो गए जब आतंकवादियों ने पुंछ के सुरनकोट वन में सेना के एक गश्ती दल पर हमला कर दिया था.
वीडियो देखें: कश्मीर में आतंकवादियों ने दो आम नागरिकों की गोली मारकर की हत्या