चीन ने तिब्बत तक नई रेलवे लाइन बनाने का ऐलान किया है. ये लाइन चीन के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सिचुआन के यान से शुरू होकर तिब्बत के लिंझी तक जाएगी. इसके बनने से चीन की पहुंच अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर के नजदीक तक हो जाएगी.
तिब्बत तक पहुंच आसान बनाने का चीन का यह दूसरा प्रोजेक्ट है. चीन किंघाई-तिब्बत प्रोजेक्ट पर पहले से काम कर रहा है. ये रेल लाइन किंघाई-तिब्बत पठार से होकर गुजरेगी. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सिचुआन-तिब्बत प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया पूरी होने की खबर दी है. बताया कि इस रूट पर दो सुरंगों और एक पुल का टेंडर किसे मिला. इस लाइन को बिजली आपूर्ति करने वाला टेंडर भी फाइनल हो गया है.
Construction of the Sichuan-Tibet Railway will not only enhance the overall socioeconomic development of Tibet, but will play an important role in safeguarding China’s border stability: observershttps://t.co/riWhQEpOHl
— Global Times (@globaltimesnews) October 31, 2020
क्या कहा गया है रिपोर्ट में?
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि नई रेलवे लाइन सिचुआन की राजधानी चेंगदू से शुरू होगी. लिंझी में जहां तक जाएगी, वह जगह अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर से काफी नजदीक है. चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है. चीन के इस दावे का भारत सख्ती से बार-बार विरोध करता रहा है. भारत संपूर्ण अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा मानता है. लिंझी में एक एयरपोर्ट भी है, जो हिमालय रीजन में चीन की ओर से बनाए गए एयरपोर्ट्स में से एक है.
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन की लंबाई 1011 किलोमीटर होगी. इस रूट पर ट्रेनें 120 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. इस रेल मार्ग के तैयार होने से चेंगदू से ल्हासा का सफर 48 घंटे से घटकर 13 घंटे रह जाएगा.
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
फुदन यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के उप निदेशक लिन मिनवांग का कहना है कि सिचुआन-तिब्बत रेलवे का संचालन शुरू होने के बाद तिब्बत का चीन के अन्य हिस्सों से संपर्क बढ़ जाएगा. तिब्बती क्षेत्र में रसद आपूर्ति, परिवहन और अन्य चीज पहुंचाने में आसानी होगी. यह रणनीतिक रूप से भी अहम है.
तिंगहुआ यूनिवर्सिटी के राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग का कहना है कि यदि चीन-भारत सीमा पर संकट खड़ा होता है तो ऐसे में चीन के लिए ये रेलवे लाइन बड़े काम की साबित होगी.
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