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एक भड़के हुए कर्मचारी का खुला ख़त, वीकेंड पर कॉल मत कर देना!

वीकेंड पर मिलने, घूमने का प्लान बनाने या कॉल करने का पाप तो नहीं कर रहे आप?

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Weekend Plan
16 अप्रैल 2024
Updated: 16 अप्रैल 2024 17:33 IST
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कोई भी इंसान जो मुझसे काम के सिलसिले में पूरे हफ्ते या हफ्ते में कम से कम एक बार मिला है. मैं उससे वीकेंड पर नहीं मिलना चाहता. मैं हर उस इंसान से (जिससे मैंने फ़ोन तक में बात की है) वीकेंड में उनकी आवाज़ भी नहीं सुनना चाहता. (उम्मीद करता हूं ये बात मेरा बॉस पढ़ ले.)

दोस्तों के बर्थडे वीकेंड पर नहीं पड़ने चाहिए, अव्वल तो ये कि आप मेरे दोस्त हैं और मुझे दोस्त मानते हैं और इतना दोस्त मानते हैं कि अपनी पार्टीज़ में बुलाना चाहते हैं, इसके लिए शुक्रिया. मगर मेरे शरीर में वीकेंड में कहीं भी जाने की हिम्मत नहीं होती, इसलिए प्लीज़ अपना बर्थडे वीकेंड पर ना पड़वाएं, वीक डेज़ पर पड़ेगा तो मैं ऑफिस का बहाना बना सकता हूं. वीकेंड पर विटामिन-सी की कमी के कारण मैं आपकी शक्ल देख पाने में अक्षम हूं. सी अर्थात छुट्टी.

मेरे 1000 मीटर के दायरे में कोई भी इंसान “ट्रैवल व्लॉगर” नहीं होना चाहिए. नहीं, मुझे लगता है किसी को “ट्रैवल व्लॉगर” होना भी नहीं चाहिए, इंसान या तो घूमने जाए, या तो ना जाए, कहीं घूमने जाकर ‘एस्थेटिक’ का नंगा नाच ना किया जाए.

मेरे आसपास ना ही किसी को घूमने की चुल्ल होनी चाहिए, अगर वो बाहर जाने को आतुर है, तो कम से कम महीने भर पहले बताए. इससे होगा ये कि मैं उसे एक महीने पहले और अगले तीन महीनों के पीरियड के लिए हर प्रकार से ब्लॉक कर पाऊंगा. और अगर ग़लती से मैं दोस्ती या रिश्ते की खातिर कहीं साथ चलने के लिए मान भी जाता हूं तो हम जहां भी जाएं, वहां पहुंचने के बाद कम से कम एक दिन और वहां से आने पर कम से कम दो दिन आराम करने दिया जाए. ऐसा न होने पर आपकी ट्रिप को गिल्ट ट्रिप में बदलने में देर न लगेगी.

अगर आप इन सब के बाद भी, मुझे गलती से वीकेंड पर कॉल कर देते हैं, तो मेरा बनाया हुआ पहला बहाना ही वैलिड होगा. मुझे पता है आप सब कुछ ठीक कर सकते हैं. हर समस्या से लड़ सकते हैं, मगर प्लीज़, मेरी ‘बनाई’ हुई समस्या को आप हल करने की कोशिश ना करें. आप जितनी देर मेरी समस्या का हल निकाल रहे हैं, उतनी देर में मैं उससे बड़ी एक समस्या की कहानी मन में गढ़ रहा हूं, ये चीज़ या तो अनंतकाल तक चलेंगी या मुझे हार मान कर आपसे मिलने आना पड़ेगा, दोनों मेरे लिए घातक है.

मेरे मुंह से अगर निकल जाए कि मुझे खुरपका है तो ये न बताएं कि ये जानवरों की बीमारी है. इंसान भी तो एक सामाजिक पशु है, ये मानकर संतोष कर लें. बहाने बनाते हुए मेरी किडनी को हाइपरटेंशन, आंखों में अफरा हो सकता है. मेरे पैरों को पेचिश और अक्ल दाढ़ की टेनिस एल्बो में दर्द हो सकता है, तो हो सकता है. फैक्ट्स बताकर मेरा वीकेंड बर्बाद न करें. मैं इंसान हूं, डीनो मोरिया नहीं. मुझे पता है कि RO सुधरने में आधे घंटे से कम समय लगता है लेकिन अगर मैं कह रहा हूं कि उसके कारण मेरी पूरी सोसायटी की वाटर सप्लाई बंद है तो इसे मान लें और अपने प्लान पर आगे बढ़ें.  

मैं आपकी भेजी “टॉप 10 इंस्टावर्दी कैफे टू विज़िट इन दिल्ली” वाली रील पर, “हां यहां चलते हैं” कहूं तो उसे अंतिम सत्य ना माना जाए, इनफैक्ट, मेरे कहीं भी जाने के प्लान को अंतिम सत्य तब तक ना माना जाए, जब तक मैं वहां जाकर लौट न आऊं. 

वीकेंड पर मेरे साथ मिलने का प्लान ना ही बनाया जाए, दो दिन मैं एक मरा हुआ इंसान होता हूं, ये मेरी मजबूरी नहीं है, मेरा ‘पैशन’ है, मुझे मरा हुआ ही माना जाए, क्योंकि पांच दिनों की थकान को दो दिन में उतारना है. जब मैं इन दो दिनों में कहीं नहीं जाऊंगा, तब मुझे आम इंसान की तरह मंडे ब्लूज होंगे, अगर मैं इन शनिवार-रविवार को ही घूमने निकल गया तो अगला हफ्ता ब्लूज के साथ रेड्ज और जामुनीज सब एक साथ आ जाते हैं और वैसे भी, मुझे लगता है कि आपको किसी को पैशन फॉलो करने से नहीं रोकना चाहिए. इतने सबके बाद भी आप मिलने आ धमकते हैं तो भले गीता में लिखा है कि नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः, आप मेरी आत्मा को मार रहे हैं.

एक और व्हाट्सप्प ग्रुप को म्यूट करने  की हिम्मत मुझमें नहीं रह गई है. मुझे ‘गोवा इज ऑन’ जैसे पुराने पन्स वाला एक और ग्रुप नहीं झेलना. इसलिए मुझे ऐसे किसी भी व्हाट्सएप्प ग्रुप का हिस्सा ना बनाया जाए. मैं पहले से ही तीन ग्रुप्स से सबसे ज़्यादा परेशान हूं, पहला ऑफिस का ग्रुप, जिसमें लोग एक-दूसरे को हैपी बर्थडे कह केक खाने का प्लान बना रहे होते या एक-दूसरे का क्रेडिट खा रहे होते हैं. दूसरा घर वालों का ग्रुप है, जहां क्या आता है मुझे नहीं पता, तीसरा कुछ दोस्तों का ग्रुप है, जहां क्या आता है, मुझे जानना नहीं है और आप जान गए तो समाज में वो लोग सिर उठाकर चल नहीं पाएंगे.

कोई भी प्लान, जिसमें वीकेंड पर भोरे-भोरे 11 बजे से पहले उठने का या शाम को निकलने का प्लान है, उसमें मुझे शामिल करने की चेष्टा बिलकुल ना करें, ये चीजें हैं: पिकनिक, हैरिटेज वाक, क्यूट कैफे का भ्रमण इत्यादि.

मैं पुनर्जन्म में यकीन नहीं रखता लेकिन वीकेंड में रखता हूं. इन दो दिनों में मुझे मरा ही मानें और सोमवार को पुनर्जन्म होने के बाद ही मुझसे संपर्क करें.

धन्यवाद!

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