The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • Snails mucin is getting used for making costly face mask serums

घोंघा-बसंत: ख़ूबसूरती की ख्वाहिश ने घोंघों की 21 अरब की इंडस्ट्री खड़ी कर दी, पता चला आपको

इत्ते में तो खित्ते के एक मुल्क का सबसे महंगा आम चुनाव निपट गया था.

Advertisement
Img The Lallantop
ब्युटी के लिए लोग घोंघें बॉडी पर लगा भी रहें हैं और खा भी रहें है.
pic
लल्लनटॉप
24 जुलाई 2019 (Updated: 24 जुलाई 2019, 08:59 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
बैंकॉक को दुनिया का 'स्पा हब' कहा जाता है. टूरिस्ट यहां तरह-तरह के स्पा लेने के लिए आते हैं, जैसे कीचड़, सांप और फिश. आपको फिश स्पा तो याद होगा ही, जिसे करवाने के बाद एक महिला के पांव की उंगलियां काटने पड़ गए थे.
इन्हीं अजीबो-गरीब स्पा में से एक घोंघा स्पा भी है. इसमें लोग अपने शरीर पर घोंघों को टहलाते हैं. और अब मार्केट में घोंघा सिरम भी आ गया है.
ये घोंघा सिरम, घोंघों से निकलने वाले चिपचिपे लिक्विड म्युसिन (स्लाइम) से बनाया जाता है. इस सिरम की पॉपुलेरिटी इतनी बढ़ गई है कि नखोन नायॉक (जो थाइलैंड का हिस्सा है) में 80 से भी ज्यादा घोंघा फार्म खोल दिए गए हैं. जहां घोंघों को सिरम के लिए पाला जाता है. चलिए विस्तार से बताते हैं कि 'घोंघा सिरम' क्या है.

# आखिर क्या है ये अरबों का आइडिया, जिसके लिए लोग अपनी नौकरी तक छोड़ देंगे-

आमतौर किसान घोंघों को अच्छा नहीं मानते. किसानों के लिए ये एक सिर दर्द हैं. जैसे ही घोंघों का मौसम आता है, ये प्लेग की तरह तेज़ी से फैलते हैं और धीरे-धीरे सारी फसल बरबाद कर देते हैं.
लेकिन घोंघों के सिरम के आ जाने से किसान और घोंघों, दोनों की किस्मत बदल गई है. ग्लोबल कॉस्मैटिक (जो सिरम बना रही है) ने घोंघों के से निकलने वाले लिक्विड, म्युसिन का दाम बढ़ा दिया. आखिर बढ़ाएगी ही, क्योंकि इसकी डिमांड जो बढ़ गई. इकोनॉमिक्स का पहला ही तो पाठ था- डिमांड एंड सप्लाई.
आज इन्हीं घोंघों की कीमत सोने से भी ज़्यादा हो गई है जिसके बल पर किसानों की मौज्जां ही मौज्जां हो रही है. इस घोंघा इंडस्ट्री की कीमत आज लगभग 21 अरब बताई जा रही है. इतने में तो पाकिस्तान में 2018 का पूरा आम चुनाव करवा दिया गया था. इतने रुपए में आप शाहरुख खान के 20 मन्नत (उनका बैंड स्टैंड वाला घर) खरीद लें. 21 लैम्बॉर्गिनी आ जाएं.

# थोड़ी सिरम की हिस्ट्री जान लेते हैं-

1980 का दशक था. चिली के आदमी ने पहली बार घोंघों के म्युसिन का मैजिक देखा था. दरअसल उसने पाया कि घोंघो को छूने के बाद उसके हाथ सॉफ्ट और चमकदार हो गए हैं. फिर ये नुस्खा हिट हो गया. ये भी एक मज़ेदार ट्रिविया है कि पहली म्युसिन से बनी क्रीम चिली में ही बनाई गई थी.


फतिन्सीरी फैंगकिओ जो एक टीचर हैं. कहीं से इस अनोखे बिजनेस के बारे में पता चला. फिर जल्दी ही इस पर काम शुरू कर दिया. वो किसानों से जाकर 72 रूपए किलो के हिसाब से घोंघे खरीदने लगीं. किसानों की चावल की फसलें वैसे भी घोंघे खराब कर देते थे. इसलिए वो खुशी-खुशी घोंघे उन्हें बेच देते. फैंगकिओ ने इस तरह किसानों से 1000 घोंघे इकट्ठे कर लिए हैं. घर ले जाकर फैंगकिओ उन्हें पालती हैं. एक मशीन की मदद से घोंघों से सिरम निकालती है. फैंगकिओ कहती हैं-
वैसे भी किसान उन्हें सड़कों पर या नदी में फेंक दिया करते थे. मगर अब इन्हें घोंघे बेचने के पैसे मिलते हैं. इनके लिए ये बेहतरीन ऑफर है.
अपुन को भी अमीर होने का है, अपुन को भी पैसा चाहिए.
अपुन को भी अमीर होने का है, अपुन को भी पैसा चाहिए.

# आप भी सिरम निकालने की प्रोसेस सीख लीजिए, शायद कभी काम आ जाए-

सिरम निकालने के लिए घोंघों के ऊपर पानी गिराया जाता है. जिसके बाद वो तरल (वही, म्युसिन) छोड़ना शुरू कर देते हैं. मशीन में लिक्विड इकट्ठा होता रहता है. इस प्रोसेस में उन्हें कोई हानि नहीं पहुंचती. इस लिक्विड की क्वालिटी को बढ़िया करने के लिए थाइलैंड में घोंघों से तीन हफ्तों में एक बार सिरम निकाला जाता है. उन्हें खाने को बढ़िया सब्जियां और अनाज दिए जाते हैं.
ये रहा इन्हें पालने का इंट्रेस्टिंग वीडियो-
थाइलैंड में कच्चा म्युसिन सिर्फ एक ही कॉस्मैटिक कंपनी को बेचा जाता है. कंपनी का नाम है एडेन इंटरनेशनल. ये कंपनी कितपोंग ने शुरू की थी. म्युसिन को सूखे पाउडर और मंहगे सिरम की तरह इसी कंपनी ने बेचना शुरू किया है. बाद में इसे अमरीका और कोरिया के ब्यूटी प्रोडक्ट्स में शामिल किया गया. स्नेल म्युसिन से बना फेस मास्क लगभग 21,000 रूपए का पड़ता है. आम लोग इतने में महीने का खर्च चला लेते हैं.
इस सिरम में तरह-तरह के प्रोटीन होते हैं जो झुर्रियों, फुंसी और दाग धब्बों को मिटा सकते हैं. कम से कम दावा तो यही है. वैसे स्किन के जानकार अभी भी इसके और फायदों की खोज कर रहें हैं.

# घोंघों के साथ मेरी भी बचपन की मैमोरी जुड़ी है-

बता दूं मैं हिमाचल की रहने वाली हूं. मेरा घोंघों से जुड़ा एक हिडन टैलेंट है, जो मेरे ऑफिस में किसी को नहीं पता जिसे मैं आपके साथ साझा करना चाहती हूं. नहीं,नहीं! मैं चीनी लोगों की तरह घोंघे नहीं खाती. लेकिन कुछ बहुत ही बचकाने काम करती हूं. बरसात में जब घोंघों की जनसंख्या बढ़ जाती है. तो घर का आंगन, रास्ते घोंघों से भर जाते हैं. ऐसे में मैं दो सबसे मजेदार काम करती हूं.
चबा चबा के दुनिया के सारे घोंघे खा जाऊंगा, यम यम यम
चबा चबा के दुनिया के सारे घोंघे खा जाऊंगा, यम यम यम

पहला आंगन में इक्का दुक्का घूम रहे घोंघों को हाथ से उठाकर बच्चों को डराना और दूसरा रास्तें में तितर-बितर हो रखे घोंघों के ऊपर कूदकर जाना. जब मैं घोंघों के ऊपर जंप कर के जाती हूं तो पांव के नीचे से दीवाली के पटाखों सी पट पट पट आवाजें आती हैं. मैं बस आगे बढ़ती रहती हूं. क्योंकि इस एडवेंचर में पीछे मुड़कर देखना मना है. वैसे मैं ऐसा शौक से नहीं करती. रस्ता, पगडण्डी ही इतनी पतली होती है कि घर पहुंचने के लिए नरसंहार करते हुए ही चलना पड़ेगा.
इस स्टोरी को करने के बाद मुझे लगता है कि अपने घर वालों को ये आइडिया जरूर बताना पड़ेगा, ताकि थोड़ी तो घर में इज्जत बढ़े ;-).

ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रही कामना ने की है.




वीडियो देखें : आंख से ऑपरेशन करके निकाले 'पत्ता गोभी वाले' कीड़े की सच्चाई ये है

Advertisement