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पासपोर्ट बनाने के बारे में चल रही ये सभी ख़बरें फर्ज़ी हैं, भरोसा न कीजिए

ये भी जान लीजिए कि सही ख़बरें क्या हैं.

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दर्पण
27 जून 2018 (Updated: 27 जून 2018, 12:44 PM IST) कॉमेंट्स
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कल 26 जून, 2018 को पासपोर्ट सेवा दिवस के दिन विदेश मंत्री ने पासपोर्ट आवेदन को लेकर कई घोषणाएं कीं. हम इस पोस्ट के माध्यम से इन घोषणाओं या नियमों के पीछे छुपी आपके मतलब की बातें आप तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे.


# 1 - मोबाइल ऐप के जरिए देश में कहीं से भी पासपोर्ट के लिए आवेदन दे सकते हैं:

दरअसल दो बातों को हर जगह एक करके बताया और पेश किया जा रहा है. वो दो बातें अलग-अलग जानने से ज़्यादा क्लेरिटी आ जाती है. क्यूंकि वो एक नहीं, हैं भी दो बातें –

# 1A – ‘पासपोर्ट सेवा’ ऐप –

जैसे बाकी सारी चीज़ों, सुविधाओं, संस्थानों के ऐप होते हैं वैसे ही अब ‘पासपोर्ट सेवा’ का भी ऐप होगा. पहले नहीं था. इस एप का नाम होगा ‘एम-पासपोर्ट सेवा’. इसमें वो सब चीज़ें की जा सकती हैं जो पहले आप ‘पासपोर्ट सेवा’ की वेबसाइट
 
में कर पा रहे थे, और भविष्य में भी कर पाएंगे. साथ ही यदि कोई नई सुविधा ‘एम-पासपोर्ट सेवा’ ऐप में उपलब्ध होगी तो वो आदर्श रूप से वेबसाइट में भी उपलब्ध होगी. फिलहाल ‘पासपोर्ट सेवा’ द्वारा इस ऐप में उपलब्ध जो सुविधाएं बताई गईं हैं वो निम्न हैं –
1) नया रजिस्ट्रेशन 2) पहले से ही रजिस्टर्ड व्यक्ति का साइन-इन 3) पासपोर्ट और पुलिस क्लियरेंस के लिए आवेदन पत्र को भरना 4) पासपोर्ट संबंधी सेवाओं हेतु भुगतान 5) अपॉइंटमेंट शेड्यूल करना 6) आवेदन पत्र की उपलब्धता का स्टेट्स 7) दस्तावेज़ों से जुड़ी जानकारी 8) शुल्क कैलकुलेटर

# 1B - देश में -

mPassport Sewa में उपलब्ध सुविधाएं (स्क्रीनशॉट)
mPassport Sewa में उपलब्ध सुविधाएं (स्क्रीनशॉट)

से भी पासपोर्ट के लिए आवेदन दे सकते हैं –

ये कोई नए ऐप का फीचर नहीं है, जैसा प्रथम दृष्टया लगता है. ये नियमों में हुआ एक बदलाव है. जिसका ऐप लॉन्च से कोई लेना देना नहीं है.
हमने इस बदलाव को समझने के लिए ‘पासपोर्ट सेवा’ के कॉल सेंटर से संपर्क किया. उन्होंने जो बताया, हम उसे एक उदाहरण के माध्यम से आपको बताते हैं:
माना आपका स्थाई पता लखनऊ का है साथ ही आपके सारे डाक्यूमेंट्स भी लखनऊ के हैं. और आप खुद भी चाहते हैं कि पासपोर्ट में आपके लखनऊ का पता ही मेंशन हो. लेकिन इस वक्त आप नॉएडा में रह रहे हैं.
अब इस नियम के आने से पहले क्या होता कि आपको अपने डॉक्यूमेंट सबमिट करने के लिए लखनऊ स्थित पासपोर्ट ऑफिस जाना पड़ता. लेकिन इस नियम के आ जाने के बाद डॉक्यूमेंट सबमिट करने के लिए आपको लखनऊ जाने की आवश्यकता नहीं है. आप नॉएडा के ही पासपोर्ट ऑफिस (या अनुसूचित पोस्ट ऑफिस) में जाकर अपने डॉक्यूमेंट जमा करवा सकते हैं.
लेकिन इसके बाद की सारी प्रक्रिया लखनऊ में ही होगी. यानी आपके वो सारे डॉक्यूमेंट जो पहले आपको लखनऊ ऑफिस पहुंचाने होते वो लखनऊ ऑफिस पहुंचाना अब ‘पासपोर्ट सेवा’ की ज़िम्मेदारी है. इसके अलावा और कुछ नहीं बदला. आपके पासपोर्ट की प्रोसेसिंग पहले भी लखनऊ वाले पासपोर्ट ऑफिस में होती, अब भी लखनऊ में होगी. पुलिस वेरिफिकेशन (यदि होता है तो) इस नियम के आ जाने से पहले भी लखनऊ में होता अब भी आपके लखनऊ वाले एड्रेस में ही होगा. और हां आपका पासपोर्ट भी आपके लखनऊ के एड्रेस में ही आएगा.
मतलब इस नए वाले नियम का सार ये है कि सारी प्रोसेसिंग लखनऊ में ही होगी, लेकिन लॉजिस्टिक्स की दिक्कतों में पासपोर्ट ऑफिस आपकी पूरी सहायता करेगा.
हमने इन दोनों नियमों/घोषणाओं से संबंधित प्रेस रिलीज़ भी पढ़ा जिससे कोई डाउट न रहे. इन्हें आप भी निम्न लिंक में जाकर पढ़ सकते हैं –
1A) नए ऐप से संबंधित प्रेस नोट

1B) देश में कहीं से भी पासपोर्ट के लिए आवेदन दे सकने के लिए प्रेस नोट



# 2 - मैरेज सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं:

विदेश मंत्री ने बताया कि पासपोर्ट बनवाने के लिए अब किसी विवाहित पुरुष या स्त्री को मैरेज सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी.


# 3 - तलाकशुदा औरतों और सिंगल पेरेंट्स के लिए नए नियम:

सुषमा स्वराज ने बताया कि ‘ट्रॉमा’ में कई औरतें उनसे मिलीं और उनसे कहा कि -
आपके अधिकारी कहते हैं कि इसमें (पासपोर्ट एप्लिकेशन फॉर्म में) पूर्व पति का नाम लिखिए. हमारा बच्चा ट्रॉमा में आ जाता है जब इस तरह का सवाल पूछा जाता है उनसे.
इसलिए नए नियमों के अनुसार न तो डाइवॉर्स की डिग्री ही मांगी जाएगी और न ही तलाकशुदा पत्नी से उसके पूर्व पति का नाम मांगा जाएगा.
सिंगल पेरेंट के बच्चों के पासपोर्ट बनने में अब दिक्कत नहीं आएगी.
सिंगल पेरेंट के बच्चों के पासपोर्ट बनने में अब दिक्कत नहीं आएगी.

साथ ही सिंगल पेरेंट्स के केस में अकेले मां या अकेले पिता का नाम पासपोर्ट बनाने के लिए काफी होगा. माता पिता न होने की दशा में अपने लीगल गार्जन के नाम से भी एप्लीकेशन स्वीकार की जाएगी.


# 4 – जन्म प्रमाण पत्र:

पुराना नियम – 26 जनवरी, 1989 के बाद जितने लोग जन्मे हैं, सबको अपना जन्म तिथि प्रमाणपत्र देना होगा.
नया नियम – विदेश मंत्री ने कहा कि अब ऐसी 7-8 चीज़ें हैं जिनमें से किसी भी एक में जन्म तिथि होने पर उसे स्वीकार किया जाएगा. हमने वेबसाइट चेक की. दरअसल जन्म प्रमाण पत्र ऐसी 8 और चीज़ें हैं जो पासपोर्ट अप्लाई करने की प्रोसेस में एक जन्म प्रमाण पत्र का कार्य करेंगी –
# 1 - हाई स्कूल या अंतिम दी गई परीक्षा का सर्टिफिकेट # 2 - पब्लिक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा इश्यू किया गया पॉलिसी बॉन्ड # 3 - सर्विस रिकॉर्ड (केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए) या पेंशन आदेश (केवल सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के लिए). # 4 - आधार कार्ड या ई आधार कार्ड # 5 - वोटर आई डी कार्ड # 6 - पैन कार्ड # 7 - ड्राइविंग लाइसेंस # 8 - अनाथालय/चाइल्ड केयर होम के प्रमुख द्वारा संस्था के आधिकारिक लैटर हेड में लिखा पत्र जो जन्म तिथि की पुष्टि करता हो.
इंडियन पासपोर्ट - अगर भारत से बाहर जा रहे हैं तो सबसे पहले इसी चीज़ की ज़रूरत है.
इंडियन पासपोर्ट - अगर भारत से बाहर जा रहे हैं तो सबसे पहले इसी चीज़ की ज़रूरत है.

ये सब आप ‘पासपोर्ट सेवा’ वेबसाइट में जाकर भी प्राप्त कर सकते हैं - List of acceptable documents
.



# 5 - अनाथ और साधुओं के लिए नियम:

वे लोग जो अनाथालय में पले-बढ़े हैं उनकी वास्तविक जन्म तिथि तो ज्ञात नहीं होती इसलिए अब अनाथालय का मुखिया जो भी जन्मतिथि लिख के दे देगा/देगी वही मानी होगी. (आपने ‘जन्म प्रमाण पत्र’ वाले कॉलम में अंतिम पॉइंट पढ़ा ही होगा.)
साधू सन्यासी पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने वक्त एक अजीब ही तरह की दिक्कत से दो चार होते हैं.
साधू सन्यासी पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने वक्त एक अजीब ही तरह की दिक्कत से दो चार होते हैं.

दूसरी तरफ साधू सन्यासी जिनका संसार से कोई संबंध नहीं रह जाता, वे अब अपने पिता/माता के नाम के बजाय अपने गुरु का नाम दे सकते हैं.


# महत्वपूर्ण:

वैसे जिस ऐप की बात की जा रही है, गूगल प्ले में उसकी लॉन्च डेट पांच साल पहले की दिखा रहा है - 11.07.2013. लेकिन इसका कारण ये हो सकता है कि पहले गूगल प्ले में ये ऐप 'आयडल' (बेकार) ही पड़ी हो. साथ ही ये भी संभव है कि ये किसी और नाम से वहां पर हो और बैकग्राउंड में इसका डेवलपमेंट हो रहा हो.
लॉन्च की तारीख़ - 11 जुलाई, 2013. लास्ट अपडेट - 05 जून, 2018.
लॉन्च की तारीख़ - 11 जुलाई, 2013 | लास्ट अपडेट - 05 जून, 2018.

अच्छा, एक बात और!
एक प्रमुख अख़बार डीएनए ने ‘फैक्ट चेक
’ किया है कि इनमें से कई बदलाव आज के नहीं, बल्कि 23 दिसंबर, 2016 को ही कर दिए गए थे. हमने ढूंढा तो पता चला कि यकीनन इनमें से कई बदलाव 23 दिसंबर, 2016 को ही कर दिए गए थे. - 23 दिसंबर का प्रेस नोट.

लेकिन गौर करने वाली दो बातें हैं –
# 1 – दो महत्वपूर्ण बदलाव, ‘पासपोर्ट सेवा ऐप’ और ‘देश में कहीं से भी पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकने की सुविधा’ नए हैं. # 2 – बाकी बदलावों के लिए सुषमा स्वराज ने कहीं पर भी ये नहीं कहा कि उन्होंने ये बदलाव आज किए हैं. बल्कि एक जगह पर तो उन्होंने ये भी कहा कि – ‘वो (जिन्होंने इन सुविधाओं का लाभ उठाया है) आपको बताएंगे कि इस सरलीकरण ने उनकी ज़िंदगी में कितना बड़ा परिवर्तन किया है.’
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

अर्थात दो बदलावों के अलावा बाकी किसी बदलाव के लिए सुषमा ये दावा नहीं कह रहीं थीं कि वे नए हैं, बल्कि वो ये बता रहीं थीं कि ये बदलाव कितने अच्छे हैं. दूसरी भाषा में कहें तो वे इन सुविधाओं को लॉन्च नहीं, उनकी एडवरटाइजिंग कर रहीं थीं.
उन्होंने लास्ट में कहा -
दो बड़े परिवर्तन किए हैं आज हमने और फिर जाकर दो प्रोडक्ट (‘पासपोर्ट सेवा ऐप’ और ‘देश में कहीं से भी पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकने की सुविधा’) लॉन्च किए.
आप पूरी वीडियो यहां पर देख सकते हैं –



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