The Lallantop
Advertisement

जब अटल ने इंदिरा से कहा, 'पांच मिनट में आप अपने बाल तक ठीक नहीं कर सकतीं'

जब संसद में अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को बताया कि उनमें पिता नेहरू का कौन सा गुण नहीं है.

Advertisement
Img The Lallantop
इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी की एक साथ एक रेयर तस्वीर.
font-size
Small
Medium
Large
19 नवंबर 2018 (Updated: 19 नवंबर 2018, 08:28 IST)
Updated: 19 नवंबर 2018 08:28 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के किस्से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ भी हैं, उनकी बेटी इंदिरा गांधी के साथ भी हैं, इंदिरा के बेटे राजीव गांधी के साथ भी हैं और देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तो हैं ही.

इंदिरा अपने समय की सख्त छवि वाली नेता रही हैं. संसद में उन्हें घेरना आसान नहीं होता था, लेकिन अटल ये काम बखूबी कर लेते है. अटल और इंदिरा का एक किस्सा है साल 1970 का. तब भाजपा नहीं, जनसंघ हुआ करता था और अटल सांसद थे.

26 फरवरी 1970 को इंदिरा ने सदन में एक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारतीयता के मुद्दे पर जनसंघ को घेरा था. इंदिरा ने कहा, 'मैं जनसंघ जैसी पार्टी से पांच मिनट में निपट सकती हूं.' इंदिरा का ये बयान अटल को अच्छा नहीं लगा.

जवाब में अटल ने कहा, 'प्रधानमंत्री महोदया कहती हैं कि वो जनसंघ से पांच मिनट में निपट सकती हैं. क्या कोई लोकतांत्रिक प्रधानमंत्री ऐसा बोल सकता है? मैं कहता हूं कि पांच मिनट में आप अपने बाल भी ठीक नहीं कर सकती हैं. फिर हमसे कैसे निपटेंगी!'

atal-bihari

इसके बाद अटल ने इसी बहस में इंदिरा के पिता पंडित नेहरू का ज़िक्र किया. अटल ने कहा, 'जब नेहरूजी गुस्सा होते थे, तो वो कम से कम अच्छा भाषण दिया करते थे. हम उनकी चुटकी लेते थे. लेकिन हम इंदिराजी के साथ ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि वो खुद गुस्सा हो जाती हैं.'

जिस मुद्दे पर बहस हो रही थी, वो थी जनसंघ की 'भारतीयता' की अवधारणा. इस पर अटल ने इंदिरा को जवाब दिया, 'वह भारतीयता के मायने ठीक से नहीं समझती हैं. भारतीयता सिर्फ मुस्लिमों से जुड़ी नहीं है. इसमें 52 करोड़ भारतवासी समाहित हैं.'

वैसे अटल और इंदिरा के बीच इस तरह की बहसें संसद और संसद के बाहर आम रहीं. एक मौके पर अटल ने इंदिरा सरकार को 'सपेरे' की संज्ञा देते हुए कहा था कि जैसे सपेरा हमेशा अपने सांप को बक्से में बंद रखता है, वैसे ही ये सरकार समस्याओं को एक बक्से में बंद रखती है और सोचती है कि ये अपने आप हल हो जाएंगी.

ये किस्सा किंगशुक नाग की अटल पर लिखी किताब 'अटल बिहारी वाजपेयी: अ मैन फॉर ऑल सीज़ंस' से लिया गया है.


पढ़िए अटल बिहारी वाजपेयी के और रोचक किस्से:

जब अटल बिहारी थाने में जाकर बोले- मेरे खिलाफ मुकदमा लिखो

जब वाजपेयी के साथ बैठे मुशर्रफ खाना खा नहीं, बस देख रहे थे

मेट्रो का उद्घाटन करने गए थे वाजपेयी और फिर अपने ही पैसे से खरीदा टिकट

कांग्रेस की सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार थे अटल बिहारी वाजपेयी, बस एक शर्त थी

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement