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पश्चिम बंगाल में कब होगी SIR? चुनाव आयोग ने ये जवाब दिया

West Bengal में पहली बार BLOs की ट्रेनिंग 24 से 28 जुलाई तक राज्य के पांच डिवीजनों में हुई. इससे राज्य में SIR की संभावनाओं को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. Mamata Banerjee ने इसे NRC लागू करने की कोशिश करार दिया था.

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CEO Gyanesh Kumar, ECI Press Conference, West Bengal SIR
पश्चिम बंगाल में SIR पर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEO) ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी. (PTI)
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मौ. जिशान
17 अगस्त 2025 (Published: 07:36 PM IST)
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भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में कथित 'वोट चोरी' और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) 2025 पर अपना रुख साफ किया है. आयोग ने कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी का दावा करने के लिए 7 दिन में हलफनामा देना होगा. इस बीच चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में भी SIR की तारीख पर सवाल पूछा गया, जिसका जवाब मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने दिया.

रविवार, 17 अगस्त को नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में SIR पर कहा,

"जहां तक वेस्ट बंगाल के SIR की तारीख की बात है, हम तीनों कमिश्नर एक उचित समय देखकर उसका निर्णय लेंगे कि कब वेस्ट बंगाल में होना है या देश के अन्य राज्यों में कब होना है. उसकी तारीखों का एलान आने वाले समय में उचित समय पर किया जाएगा."

जब उनसे बिहार SIR में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के एन्यूमरेशन फॉर्म के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने साफ कहा,

"मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि भारत के संविधान के अनुसार सिर्फ भारत का नागरिक ही MLA (विधायक) और MP (सांसद) का चुनाव कर सकता है. किसी और को यह अधिकार, किसी और देश के नागरिक को यह अधिकार प्राप्त नहीं है. अगर ऐसे लोगों ने एन्यूमरेशन फॉर्म भरा है, तो SIR की प्रक्रिया में अपनी पात्रता सिद्ध करने के लिए कुछ दस्तावेज भी मांगे गए हैं, जिनकी गहन जांच 30 सितंबर तक होनी है. ऐसे केस में जो ऐसे लोग हैं, जो कि हमारे देश के नहीं है, गहन जांच के दौरान वे पाए जाएंगे और निश्चित तौर से उनका वोट नहीं बनेगा."

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में पहली बार बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की ट्रेनिंग 24 से 28 जुलाई तक राज्य के पांच डिवीजनों में हुई. इससे राज्य में SIR की संभावनाओं को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. इससे पहले बिहार में यह अभियान शुरू किया गया था.

वहीं, 15 अगस्त को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में SIR का विरोध करते हुए कहा था, "जो लोग CAA के बारे में चिल्लाते हैं, वे SIR के नाम पर NRC लागू करने की कोशिश कर रहे हैं."

बिहार SIR की बात करें तो मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी 12 राजनीतिक दल 1 सितंबर तक ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में गलती बताएं, चुनाव आयोग सुधारने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि 1 सितंबर के बाद बताने से कोई फायदा नहीं होगा. चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट संबंधी गड़बड़ियों और आरोपों का जवाब मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को बताया है.

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