काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर सरकार का खास प्लान! लेकिन टैक्स नोटिस ने बढ़ाई लोगों की चिंता
उत्तर प्रदेश सरकार काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित दालमंडी रोड को चौड़ा करने की योजना बना रही है. लेकिन प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही इसने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है. नगर निगम से आए नोटिस ने उन्हें दोहरा झटका दिया है. पढ़ें क्या है पूरा मामला.

उत्तर प्रदेश सरकार वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ा एक और अहम प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है. इसके तहत मंदिर के नजदीक तक जाने वाली दालमंडी रोड को चौड़ा किया जाना है. प्रोजेक्ट के तहत 215.88 करोड़ रुपये की लागत से रोड की मौजूदा चौड़ाई 3-4 मीटर को बढ़ाकर 17 मीटर तक किया जाएगा. प्रोजेक्ट की घोषणा करीब पांच माह पहले की गई थी और अगस्त में राज्य सरकार ने इसे मंजूरी देते हुए बजट भी स्वीकृत कर दिया था.
दुकानदारों की बढ़ी चिंतामंदिर के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और ट्रैफिक जाम से होने वाली समस्या को देखते हुए सड़क को चौड़ा करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि यह परियोजना वहां रहने वाले लोगों और खासकर इलाके के दुकानदारों के लिए चिंता का विषय बन गई है. सड़क को चौड़ी करने के लिए उससे सटी कई दुकानों को हटाना होगा. इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार PWD ने इमारतों पर पहचान नंबर लगा दिए हैं. हालांकि अब तक इन्हें गिराने को लेकर आधिकारिक नोटिस नहीं दिया गया है. मुआवजे को लेकर भी दुकानदारों के बीच अस्पष्टता है. इस पर अधिकारियों का कहना है कि जमीन के हिस्से, इमारत की उम्र और निर्माण में इस्तेमाल हुए मटेरियल के आधार पर यह तय किया जाएगा.
बता दें कि दालमंडी शहर के सबसे व्यस्त और अहम व्यावसायिक इलाकों में से एक हैं. यहां सालों पुरानी कई दुकानें हैं. सड़क का 650 मीटर का हिस्सा, जिसका चौड़ीकरण किया जाना है, उसमें तकरीबन 500 दुकानें हैं. प्रोजेक्ट की घोषणा से कई दुकानदारों के लिए रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. साथ ही नगर के एक फैसले ने उनकी चिंता और बढ़ा दी है. दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक यहां की कई दुकानों में सालों का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है. ऐसे में वाराणसी नगर निगम ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को निर्देश दिया है कि जिन इमारतों को पूरी तरह या आंशिक रूप से गिराया जाना है, उनके मालिकों को दिए जाने वाले मुआवजे से बकाया प्रॉपर्टी टैक्स की रकम काट ली जाए.
कई सालों से बकाया है टैक्सअधिकारियों का कहना है कि कई सालों तक कई बार याद दिलाने के बाद भी मालिकों ने बकाया रकम नहीं चुकाया है. रिपोर्ट के अनुसार दालमंडी सड़क पर ऐसी 187 इमारतें हैं, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम रहते हैं. 187 में से 170 इमारतों पर लगभग 2.28 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है. इनमें घर, पानी और सीवर टैक्स शामिल हैं. स्थानीय व्यापारियों के लिए प्रशासन का टैक्स वसूलने का यह निर्णय दोहरी परेशानी बन गया है. इस वजह से कई दुकान मालिक अब मुआवजा स्वीकार करने में संकोच कर रहे हैं.
दुकान मालिकों से ज्यादा यहां पर किराए से दुकान चलाने वालों की चिंता ज्यादा है, क्योंकि उन्हें कोई मुआवजा भी नहीं मिलेगा. यहां कई दुकानें किराए की हैं, जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं. एक स्थानीय दुकानदार ने अखबार से बातचीत में बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स काटने की खबर उन्हें मीडिया के माध्यम से पता चली. ऐसे में वह अब अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं. यहां के और भी कई दुकानदारों ने ऐसी ही चिंता व्यक्त की है.
विपक्ष ने भी किया विरोधविपक्ष के नेताओं के साथ कई स्थानीय लोगों ने इस प्रोजेक्ट का विरोध भी किया है. लोगों का कहना है कि ट्रैफिक की समस्या का समाधान ज़रूरी है, लेकिन सरकार को मंदिर तक कोई दूसरा रास्ता बनाना चाहिए. दालमंडी में छह मस्जिदें और एक मंदिर भी है. शहर के मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नौमानी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विपक्षी नेताओं को खुला पत्र लिखकर वैकल्पिक रास्ता खोजने और प्रोजेक्ट को रोकने का अनुरोध किया था.
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि जब काशी विश्वनाथ मंदिर तक कई रास्ते थे और दूसरी सड़कें चौड़ी की जा सकती थीं, तो दालमंडी को परेशान करने की क्या ज़रूरत थी? एक स्थानीय व्यक्ति और मस्जिद के केयरटेकर ने इसके विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी. इस पर सरकार ने कोर्ट में आश्वासन दिया था कि बिना सहमति के कोई ज़ब्ती या इमारत नहीं तोड़ी जाएगी. इसके बाद कोर्ट ने प्रोजेक्ट में दखल देने से इंकार कर दिया था.
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सरकार ने प्रोजेक्ट को बताया जरूरीवहीं राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट को जरूरी बताया है. सरकार का कहना है कि काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के विकास के बाद से यहां पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या बहुत बढ़ गई है. पहले जहां रोजाना 7,000 से 12,000 लोग यहां आते थे तो अब वह संख्या बढ़कर 1 से 1.15 लाख लोग प्रतिदिन तक पहुंच गई है. वीकेंड में यह और अधिक बढ़ जाती है. अभी दालमंडी रोड पर ट्रैफिक दबाव ज्यादा रहता है. सड़क चौड़ी होने के बाद लोगों को मंदिर तक एक छोटा और सीधा रास्ता मिल जाएगा.
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