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"वो ईसाई था, कलमा नहीं पढ़ पाया", पहलगाम हमले की एक और दर्दनाक कहानी

मृतक सुशील LIC की अलीराजपुर ब्रांच में मैनेजर थे. उनके भाई विकास ने घटना पर अखबार से बात की. उन्होंंने बताया कि आकांक्षा और ऑस्टिन आगे गेट के पास थे. सुशील को वॉशरूम जाना था, इसलिए वह जेनिफर के साथ रुक गए थे. उसी समय आतंकियों ने उन्हें घेर लिया.

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Indore Sushil Shot Dead
पहलगाम हमले में मृतक सुशील की अंतिम विदाई, वहीं दूसरी ओर उनका बेटा ऑस्टिन और पत्नी जेनिफर.(तस्वीर : इंडिया टुडे)
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सौरभ शर्मा
24 अप्रैल 2025 (Updated: 24 अप्रैल 2025, 11:07 PM IST)
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जिन 26 लोगों की मौत हुई उनमें इंदौर के सुशील नाथनियल भी शामिल हैं. सुशील अपनी पत्नी जेनिफर का जन्मदिन मनाने परिवार के साथ कश्मीर गए थे. लेकिन 22 अप्रैल की दोपहर करीब पौने तीन बजे, आतंकियों ने परिवार के सामने ही उन्हें मार डाला. आतंकियों की गोलीबारी की चपेट में आकर उनकी बेटी आकांक्षा भी जख्मी हो गई. हालांकि बेटा ऑस्टिन और पत्नी जेनिफर सुरक्षित हैं.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, 58 साल के सुशील LIC की अलीराजपुर ब्रांच में मैनेजर थे. हाल में ही उन्हें प्रमोशन मिला था. वहीं जेनिफर सरकारी स्कूल में टीचर हैं. बेटी आकांक्षा, बैंक ऑफ बड़ौदा में अफसर और ऑस्टिन एक बैडमिंटन प्लेयर है.

सुशील के भाई विकास ने घटना पर अखबार से बात की. उन्होंंने बताया कि आकांक्षा और ऑस्टिन आगे गेट के पास थे. सुशील को वॉशरूम जाना था, इसलिए वह जेनिफर के साथ रुक गए थे. उसी समय आतंकियों ने उन्हें घेर लिया. विकास का दावा है कि सुशील ने तुरंत जेनिफर को छिपने को कहा और खुद आतंकियों का सामना किया. 

विकास ने आगे बताया,

“हमले के दौरान आतंकियों ने सुशील को घुटनों के बल बैठाया, उनका धर्म पूछा और कलमा पढ़ने को कहा. ईसाई होने के कारण सुशील कलमा नहीं पढ़ पाए जिसके बाद उन्हें गोली मार दी गई.”

विकास ने बताया कि गोलीबारी में जख्मी हुई उनकी भतीजी आकांक्षा ने अस्पताल में इलाज के दौरान सर्जरी कराने से इनकार कर दिया, ताकि वह अपने पिता के शव को एक बार देख सकें. आकांक्षा अब अपने पिता के पार्थिव शरीर के साथ इंदौर लौट चुकी हैं.

इंडिया टुडे से जुड़े धर्मेन्द्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार 23 अप्रैल बुधवार को इंदौर के पाटनीपुरा चर्च में प्रार्थना सभा की गई जिसके बाद जूनी इंदौर कब्रिस्तान में सुशील के शव को दफना दिया गया.

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अंतिम यात्रा के दौरान

अंतिम यात्रा के दौरान बेटे ऑस्टिन ने मीडिया से बात की. उन्होंने बताया कि आतंकी वहां हर किसी से पूछ रहे थे कि क्या वो मुस्लिम हैं, जवाब 'नहीं' होने पर वो लोगों को गोली मार रहे थे.

सुशील नाथनियल की अंतिम यात्रा में मध्य प्रदेश के CM डॉं. मोहन यादव भी शामिल हुए. उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की.

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CM मोहन यादव मृतक सुशील के परिवार से मिलते हुए.

सुशील की मौसी सुसान नथानिएल ने सरकार से मांग की है कि सुशील के स्थान पर ऑस्टिन को नौकरी दी जाए, ताकि परिवार की आर्थिक स्थिति संभाली जा सके.

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