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'बिना बताए नहीं कटेगा वोटर लिस्ट से एक भी नाम', चुनाव आयोग ने SC को बताया आगे का प्रोसेस

Bihar में SIR के तहत ECI ने ड्राफ्ट वोटर रोल तैयार किया है. 1 अगस्त को जारी इस ड्राफ्ट रोल से लगभग 65 लाख लोगों के नाम गायब हैं. इस मामले पर विवाद चल रहा है. अब सुप्रीम में चुनाव आयोग ने फिर इस बारे में जानकारी दी है. आयोग ने कोर्ट को बताया है कि जिनका नाम लिस्ट से कटा है, अब वो उनके साथ क्या करने वाला है.

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Bihar SIR Voter List Row
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. (सांकेतिक तस्वीर: एजेंसी)
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रवि सुमन
10 अगस्त 2025 (Updated: 10 अगस्त 2025, 10:52 AM IST)
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भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि बिहार की वोटर लिस्ट (Bihar Voter List) से मतदाताओं के नाम यूं हीं नहीं हटाए जाएंगे, बल्कि उन्हें सुनवाई और जरूरी दस्तावेज दिखाने के लिए उचित अवसर दिया जाएगा. नाम काटने से पहले इसकी सूचना भी दी जाएगी. विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत ECI ने ड्राफ्ट वोटर रोल तैयार किया है. 1 अगस्त को जारी इस ड्राफ्ट रोल से लगभग 65 लाख लोगों के नाम गायब हैं. इस मामले पर विवाद चल रहा है.

इसी मामले को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. उन्होंने ड्राफ्ट से हटाए गए लोगों की जानकारी मांगी है. इसी के जवाब में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. आयोग का कहना है कि नियमों के तहत एक मजबूत अपील सिस्टम बनाया जाएगा. ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक मतदाता के पास आयोग की कार्रवाई के खिलाफ पर्याप्त विकल्प हों.

ECI ने आश्वासन दिया कि बूथ स्तर की सूचियां राजनीतिक दलों को उपलब्ध करा दी गई हैं. हलफनामे में कहा गया है,

1 अगस्त से 1 सितंबर तक ड्राफ्ट वोटर रोल की जांच में सुविधा के लिए, राजनीतिक दलों को प्रिंटेड और डिजिटल प्रतियां उपलब्ध कराई गई हैं. आम लोगों के लिए ऑनलाइन सुविधा भी दी गई है.

आयोग ने कहा कि उनकी ओर से ये सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई पात्र वोटर लिस्ट से बाहर न रह जाए. इसके लिए अगर किसी के पास जरूरी दस्तावेज नहीं है, तो उस दस्तावेज को प्राप्त करने में आयोग की ओर से सहायता दी जाएगी. इसके लिए 2.5 लाख स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है. 

ये भी पढ़ें: चिदंबरम का आरोप- 'तमिलनाडु में बिहार के 6.5 लाख वोट जोड़ दिए', EC ने फैक्ट चेक कर दिया

हालांकि, ADR की वास्तविक मांग ये थी कि ECI उन लोगों की एक अलग लिस्ट जारी करे, जिनके नाम ड्राफ्ट वोटर रोल में नहीं हैं. साथ ही प्रत्येक के लिए, रोल में शामिल न करने का कारण बताए. इसको लेकर, आयोग ने कहा कि उन्होंने बूथ स्तर पर राजनीतिक दलों को लिस्ट उपलब्ध करा दी है. ADR की मांग के अनुसार, आयोग ने अब अलग से कोई लिस्ट जारी करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि लागू नियमों के तहत आयोग उन व्यक्तियों की एक अलग सूची प्रकाशित करने के लिए बाध्य नहीं है, जिन्हें ड्राफ्ट वोटर रोल में शामिल नहीं किया गया है. ECI ने आगे दलील दी कि नियमों के तहत उसे ड्राफ्ट रोल में किसी भी व्यक्ति को शामिल न करने का कारण बताने की जरूरत नहीं है. 

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