असम से नागालैंड गए युवकों से मांगा परमिट, बंदूक की बट से पीटा, एक को गोली लगी
Assam–Nagaland Border News: स्थानीय नागा लोगों ने असमिया युवकों को इनर लाइन परमिट और आधार कार्ड दिखाने को कहा. जब उनके पास कागजात नहीं मिले. तब उन्होंने (स्थानीय नागा लोगों ने) असमिया ग्रुप के लोगों पर हमला कर दिया.

असम के गोलाघाट जिले के 9 युवकों पर नागालैंड में तीन हथियारबंद बदमाशों ने कथित तौर पर हमला कर दिया. इस हमले में एक युवक को गोली लगी है. जबकि दो अन्य लोग भी लाठियों से हुए हमलों के बाद घायल हैं. हमला गोलाघाट से लोगों को बाहर भेजने (Eviction Drives) के बीच हुआ है, जिसके बाद से इलाके में तनाव है.
इंडियन एक्सप्रेस ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा कि असम के पीड़ित युवक मेरापानी इलाके के हैं. ये इलाका असम और नागालैंड के बीच विवादित भूमि है और डिस्टर्ब्ड एरिया बेल्ट का हिस्सा है. असमिया युवक स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को नागालैंड के वोखा जिले से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर एक जगह पर पिकनिक मनाने गए थे.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, चूंकि ये इलाका उनके घरों से सिर्फ 2-3 किलोमीटर की दूरी पर है. इसलिए उन्होंने इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा होगा. लेकिन जब वो शाम 5.30 बजे निकलने के लिए सामान पैक कर रहे थे. तभी तीन स्थानीय नागा लोगों ने उनसे भिड़ंत कर ली. इन लोगों के पास एयरगन थी.
स्थानीय नागा लोगों ने असमिया युवकों को इनर लाइन परमिट और आधार कार्ड दिखाने को कहा. जब उनके पास कागजात नहीं मिले. तब उन्होंने (स्थानीय नागा लोगों ने) असमिया ग्रुप के दो सदस्यों को एयरगन के बट से मारा और हवा में गोलियां चलाईं. एयरगन से निकली एक गोली एक (असमिया) व्यक्ति प्रकाश बसुमतारी को लगी.
पुलिस ने बताया कि मामले की सूचना नागालैंड पुलिस को दी गई. जिसके बाद वोखा पुलिस ने रात करीब 11 बजे तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस अधिकारी ने कहा कि बेदखली (Evictions) के बाद, नागालैंड के लोग असम से एंट्री करने वाले लोगों की पहचान और परमिट की जांच करने में खास सावधानी बरत रहे हैं.
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बताते चलें, बीते महीने असम सरकार ने गोलाघाट जिले के उरियमघाट में मौजूद रेंगमा रिजर्व फॉरेस्ट में बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान चलाया. ये इलाका नागालैंड की सीमा से लगा हुआ है. इससे इलाके में रहने वाले 2500 से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए, जिनमें ज्यादातर बंगाली मूल के मुसलमान थे.
इस बेदखली अभियान से पहले, नागालैंड सरकार ने असम से लगी राज्य सीमा पर ‘सतर्कता बढ़ाने’ के निर्देश दिए थे. क्योंकि शक था कि विस्थापित लोग नागालैंड में एंट्री करने की कोशिश कर सकते हैं. इसके बाद पुलिस, जिला प्रशासन और सिविल सोसाइट ग्रुप्स असम से एंट्री पॉइंट्स के पास आवाजाही पर जांच करने के लिए सक्रिय हो गए.
वीडियो: संपादक ने बताया, जब उग्रवादी हथियार लेकर दफ्तर में घुसते थे, तब से कितना बदला नागालैंड.