शाहरुख के खिलाफ केस कोर्ट ने खारिज कर दिया, कहा- "सेलेब्रिटीज़ के पास भी आम आदमी जैसे अधिकार हैं"
शाहरुख के खिलाफ केस था कि उनकी वजह से एक शख्स की हार्ट अटैक से मौत हो गई.

"शाहरुख खान की इसमें क्या गलती थी? वो एक सेलेब्रिटी है, तो क्या इसका ये मतलब है कि उनके कोई अधिकार नहीं?".
सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को शाहरुख खान के खिलाफ एक केस में ये स्टेटमेंट दिया. दरअसल ये केस कोई नया नहीं है. 2017 में शाहरुख के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. कि उनकी वजह से गुजरात के वडोदरा रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची और एक शख्स की जान चली गई. कांग्रेस से जुड़े जितेंद्र सोलंकी ने शाहरुख के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी.
पूरा मामला क्या है?
25 जनवरी, 2017 को शाहरुख की फिल्म ‘रईस’ रिलीज़ होने वाली थी. फिल्म के प्रमोशन के लिए वो 23 जनवरी को गुजरात पहुंचे. जहां वडोदरा रेलवे स्टेशन पर आने वाली अगस्त क्रांति एक्सप्रेस से शाहरुख सफर करने वाले थे. रेलवे स्टेशन पर उन्हें देखने के लिए भीड़ जमा हो गई. शाहरुख ने ट्रेन में सफर करते हुए जमा लोगों की तरफ स्माइली वाली बॉल और टी-शर्ट फेंकी. इस वजह से भगदड़ जैसे हालात बन गए. भगदड़ भरे माहौल के बीच फरीद खान पठान नाम के एक लोकल नेता की हार्ट अटैक से मौत हो गई.
इस घटना के बाद कांग्रेस लीडर जितेंद्र सोलंकी ने शाहरुख के खिलाफ शिकायत की थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए वडोदरा मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने शाहरुख को समन भेजा था. कोर्ट ने पाया कि इंडियन पीनल कोड (IPC) की धारा 336, 337 और 338 के अंतर्गत शाहरुख पर लोगों की जान को खतरे में डालने के लिए केस होना चाहिए. 2021 के अप्रैल में ये मामला गुजरात हाई कोर्ट पहुंचा. जहां उन्होंने ये केस खारिज कर दिया. कहा कि शाहरुख को क्रिमिनल नेग्लिजेंस में दोषी नहीं पाया जा सकता. ये भी नहीं कह सकते कि वो घटना उनकी वजह से ही हुई. हाई कोर्ट ने ये भी बताया कि फिल्म की टीम के पास प्रमोशन करने के लिए आधिकारिक परमिशन थी.
हाई कोर्ट में केस खारिज होने के बाद सोलंकी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. उनके वकील का कहना था कि हाई कोर्ट ने शाहरुख के केस को हल्का कर दिया है. बावजूद ये जानने के कि एक्टर ने लापरवाही बरती. अजय रस्तोगी और सीटी रवि कुमार की बेंच ने सोलंकी के इरादों पर सवाल उठाए. उनकी अपील खारिज करते हुए कहा,
आम नागरिकों की तरह सेलेब्रिटीज़ के भी अधिकार हैं. वो एक सेलेब्रिटी हैं, तो इसका ये मतलब नहीं कि सब कुछ कंट्रोल कर सकते हैं.
कोर्ट ने आगे कहा कि हमें ज़रूरी मुद्दों पर ध्यान देने की ज़रूरत है. ऐसे केस पर ध्यान दें जो कोर्ट का समय डिज़र्व करते हैं. कोर्ट ने ये कहते हुए केस खारिज कर दिया.
वीडियो: ब्रह्मास्त्र से शाहरुख के किरदार का स्पिन ऑफ होगा