एक फोन कॉल पर इस IPS ने रात के 12 बजे 18 महिलाओं के लिए खाना बनाया और खिलाया
अपने घर जा रही प्रवासी महिलाओं ने किया था कॉल.

देश में लॉकडाउन है. लाखों प्रवासी मज़दूर शहर से अपने गांव, अपने घर की तरफ जा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर पैदल ही निकल पड़े हैं. ऐसी ही कुछ महिलाएं नेल्लोर जिले से विजयनगरम जा रही थीं. विजयनगरम आंध्र प्रदेश का एक शहर है. ये महिलाएं भूखीं थीं. उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था. इन्होंने मदद के लिए विजयनगरम जिले की SP बी राजा कुमारी को कॉल किया गया. तब SP ने रात के 12 बजे उन महिलाओं के लिए घर में लेमन राइस (एक तरह का चावल) बनाया और उनके खाने का इंतजाम किया.
Smt. B. Raja Kumari, IPS, SP, VZM dist received a phone call from a migrant woman at midnight, on that she prepared food at mid night, took them to quorantaine center and feeded them at midnight of 15/16-05-2020. pic.twitter.com/gKLDWqJD5d
— vizianagaramdistrictpolice (@vizianagaramdi2) May 16, 2020
'दी लल्लनटॉप' ने विजयनगरम SP बी राजा कुमारी से बात की. उन्होंने बताया-
रात के 12 बजे अननोन नंबर से मेरे पास फोन आया. फोन करने वाली महिला ने बताया कि उन लोग एक-दो दिन से सफर कर रही हैं लेकिन खाने के लिए रास्ते में कुछ नहीं मिला. इस समय वे चेक पोस्ट पर हैं. 11 लोग नेल्लोर से विजयनगरम चेक पोस्ट तक आए और 7 लोग सिक्काकुलम से. फिर मैंने अपने ऑफिसर्स को कॉल किया. उनसे पूछा कि कुछ खाने को मिलेगा? तो वह बोले कि रात के समय तो कुछ नहीं मिलेगा. पर वह ब्रेड के लिए ट्राई कर सकते हैं.
उन्होंने आगे बताया,
लेकिन मुझे लगा इस वक्त ब्रेड भी नहीं मिलेगा. फिर मैंने घर में लेमन राइस (चावल) बनाया और चेकपोस्ट पर लेकर गई. लेकिन वो 7 महिलाएं जा चुकी थीं. बाकी की 11 महिलाएं लेंडी कॉलेज में बने क्वारंटीन सेंटर पहुंच गई थीं. हमने वहां खाना पहुंचाया. इसके बाद उन लोगों ने खाया. फिर मैं भोर में तीन-चार बजे घर गई.
SP बी राजा कुमारी. (फोटो- स्पेशल अरेंजमेंट फॉर दी लल्लनटॉप)
SP से जब हमने पूछा कि उन महिलाओं को उनका फोन नंबर कहां से मिला? बी राजा कुमारी ने बताया कि गांव के ही किसी व्यक्ति ने नंबर दिया था. ये बोलकर कि अगर कोई मदद चाहिए हो तो इस नंबर पर कॉल करना. उन महिलाओं ने खाने की मदद मांगने के लिए कॉल किया. SP ने बताया कि उन महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी थे. उनके लिए भी महिलाएं खाने का इंतजाम नहीं कर पा रही थीं, क्योंकि जितना पैसा था वो सब खर्च हो गया था. मैंने उन महिलाओं को 14 दिन क्वारंटीन में रहने की सलाह दी.
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