कोरोना के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की फोटो हटाने के आदेश
TMC ने की थी शिकायत, चुनावी राज्यों के लिए चुनाव आयोग का फैसला.
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वैक्सीन वेस्टेज को लेक आगाह कर चुके हैं पीएम मोदी.
चुनाव आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से कहा है कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट्स से पीएम मोदी की तस्वीर हटाई जाए. इस बात को लेकर TMC ने शिकायत की थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने ये फैसला किया है. कोरोना की वैक्सीन लगवाने वाले को एक डिजिटल सर्टिफिकेट दिया जाता है जिस पर पीएम मोदी की तस्वीर होती है. देश के पांच राज्यों असम, केरल, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी और पश्चिम बंगाल में चुनाव की तारीखों का ऐलान फरवरी में ही हो चुका है. इन राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू है.
TMC ने की थी चुनाव आयोग से शिकायत
TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी के नाम, तस्वीर और संदेश को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि चुनाव तारीखों का ऐलान हो चुका है और सरकारी प्लेटफॉर्म्स के जरिए प्रचार पर रोक लगाई जानी चाहिए. TMC सांसद सांतनु सेन ने कहा था कि वैक्सीन तो इंसान को जन्म से ही दी जाती हैं लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम की फोटो हो.
https://twitter.com/derekobrienmp/status/1366631712663302146
डेरेक ओ ब्रायन ने अपने ट्वीट में 'द प्रिंट' वेबसाइट का एक लिंक भी शेयर किया है जिसमें बताया गया है कि कोविन ऐप के माध्यम से कोरोना वैक्सीन लेने वालों को ये डिजिटल सर्टिफिकेट दिया जाता है. इसमें पीएम मोदी की फोटो होती है साथ ही अंग्रेजी में लिखा होता है- साथ मिलकर भारत कोविड-19 को हराएगा. और हिंदी में लिखा होता है- दवाई भी और कड़ाई भी.
भारत में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हुआ था. वैक्सीनेशन का सेकेंड फेज़ चल रहा है जिसके तहत 60 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है. साथ ही 45 से ऊपर उम्र के उन लोगों को भी वैक्सीन दी जा रही है जिनको गंभीर बीमारियां हैं.
आदर्श आचार संहिता लागू
आपको बता दें कि केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव होने हैं. तारीखों का ऐलान होते ही यहां आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. ऐसे में सरकार यहां ना तो कोई नई योजना की घोषणा कर सकती है और ना ही सरकारी खर्च पर विज्ञापन आदि के जरिए प्रचार कर सकती है. पहले के चुनावों में भी सरकारी योजनाओं के पोस्टर, बैनर, वेबसाइटों पर पीएम की तस्वीरों का इस्तेमाल रोका गया था. साल 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी PMAY के साइट से पीएम मोदी को तस्वीर को हटाने का आदेश जारी किया गया था.
कांग्रेस को भी फोटो से आपत्ति
कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने भी कोरोना सर्टिफिकेट पर पीएम के फोटो पर आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने कहा है कि इन सर्टिफिकेट्स पर देश के डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों की फोटो होनी चाहिए. क्योंकि महामारी के दौरान इन्होंने ही देश के लोगों की मदद की थी.